यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो वह अपारधी होगा। क्यों? क्योंकि उसने यहोवा की पवित्र चीजों का सम्मान नहीं किया। उस व्यक्ति को अपने लोगों से अलग कर दिया जाना चाहिए।
अपने अँगूर के बाग के सारे अंगूर न तोड़ो और जो जमीन पर गिर जाएँ उन्हें न उठाओ। क्यों? क्योंकि तुम्हें वे चीज़ें गरीब लोगों और जो तुम्हारे देश से यात्रा करेंगे, उनके लिए छोड़नी चाहिए। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ!
तुम्हें मेरे नाम पर झूठा वचन नहीं देना चाहिए। यदि तुन ऐसा करते हो तो तुम यह दिखाते हो कि तुम अपने परमेश्वर के नाम का सम्मान नहीं करते हो। मैं यहोवा हूँ!
“तुम्हें किसी बहरे आदमी को अपशब्द नहीं कहना चाहिए। तुम्हें किसी अन्धे को गिराने के लिए उसके सामने कोई चीज नहीं रखनी चाहिए। किन्तु तुम्हें अपने परमेश्वर यहोवा का सम्मान करना चाहिए। मैं यहोवा हूँ!
“तुम्हें न्याय करने मै ईमानदार होना चाहिए। न तो तुम्हें ग़रीब के साथ विशेष पक्षपात करना चाहिए और न ही बड़े एवं धनी लोगों के प्रति कोई आदर दिखाना चाहिए। तुम्हें अपने पड़ोसी के साथ न्याय करते समय ईमानदार होना चाहिए।
“तुम्हें मेरे नियमों का पालन करना चाहिए। दो जातियों के पशुओं को प्रजनन के लिए आपस में मत मिलाओ। तुम्हें खेत में दो प्रकार के बीज नहीं बोने चाहिये। तुम्हें दो प्रकार सी चीज़ो को मिलावट से बने वस्त्रों को नहीं पहनना चाहिए।
“यह हो सकता है कि किसी दूसरे व्यक्ति की दासी से किसी व्यक्ति का यौन सम्बन्ध हो। यदि यह दासी न तो खरीदी गई है न ही स्वतन्त्र कराई गई है तो उन्हें दण्ड दिया जाना चाहिए। किन्तु वे मारे नहीं जाएंगे। क्यों? क्योंकि स्त्री स्वतन्त्र नहीं थी।
याजक उस व्यक्ति के पापों के भुगतान करने के लिए उपासना करेगा। याजक यहोवा को दोषबलि के रूप में मेढ़े को चढ़ाएगा। यह व्यक्ति के किए हुए पापों के लिए होगा। तब व्यक्ति अपने किए पाप के लिए क्षमा किया जाएगा।
“भविष्य में तुम अपने प्रदेश में प्रवेश करोगे। उस समय भोजन के लिए तुम अनेकों प्रकार के पेड़ लगाओगे। पेड़ लगाने के बाद पेड़ के किसी फल का उपयोग करने के लिए तुम्हें तीन वर्ष तक प्रतीक्षा करनी चाहिए। तुम्हें उससे पहले के फल का उपयोग नहीं करना चाहिए।
“तुम अपनी पुत्री को वेश्या मत बनने दो। इससे केवल यह पता चलता है कि तुम उसका आदर नहीं करते। तुम अपने देश में स्त्रियों को वेश्याएँ मत बनने दो। तुम अपने देश को इस प्रकार के पापों से मत भर जानेदो।
तुम्हें विदेशियों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा तुम अपने नागरिकों के साथ करते हो। तुम विदेशियों से वैसा प्यार करो जैसा अपने से करते हो। क्यों? क्योंकि तुम भी एक समय मिस्र में विदेशी थे। मैं तुम्हारा परमेशवर यहोवा हूँ!
तुम्हारी टोकरियाँ ठीक माप की होनी चाहिए। तुम्हारे नापने के पात्रों में द्रव की उचित मात्रा आनी चाहिए। तुम्हारे तराजू और तुम्हारे बाट चीज़ों को ठीक तौलने वाले होने चाहिए। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ! मैं तुम्हें मिस्र देश से बाहर लाया!