Psalms 85

victori filiorum Core canticum placatus es Domine terrae tuae reduxisti captivitatem Iacob
हे यहोवा, तू अपने देश पर कृपालु हो। विदेश में याकूब के लोग कैदी बने हैं। उन बंदियों को छुड़ाकर उनके देश में वापस ला।
dimisisti iniquitatem populo tuo operuisti omnes iniquitates eorum semper
हे यहोवा, अपने भक्तों के पापों को क्षमा कर। तू उनके पाप मिटा दे।
continuisti omnem indignationem tuam conversus es ab ira furoris tui
हे यहोवा, कुपित होना त्याग। आवेश से उन्मत मत हो।
converte nos Deus Iesus noster et solve iram tuam adversum nos
हमारे परमेश्वर, हमारे संरक्षक, हम पर तू कुपित होना छोड़ दे और फिर हमको स्वीकार कर ले।
noli in aeternum irasci nobis extendens iram tuam in generationem et generationem
क्या तू सदा के लिये हमसे कुपित रहेगा?
nonne tu revertens vivificabis nos et populus tuus laetabitur in te
कृपा करके हमको फिर जिला दे! अपने भक्तों को तू प्रसन्न कर दे।
ostende nobis Domine misericordiam tuam et salutare tuum da nobis
हे यहोवा, तू हमें दिखा दे कि तू हमसे प्रेम करता है। हमारी रक्षा कर।
audiam quid loquatur Dominus Deus loquetur enim pacem ad populum suum et ad sanctos suos ut non convertantur ad stultitiam
जो परमेश्वर ने कहा, मैंने उस पर कान दिया। यहोवा ने कहा कि उसके भक्तों के लिये वहाँ शांति होगी। यदि वे अपने जीवन की मूर्खता की राह पर नहीं लौटेंगे तो वे शांति को पायेंगे।
verumtamen prope est his qui timent eum salutare eius ut habitet gloria in terra nostra
परमेश्वर शीघ्र अपने अनुयायियों को बचाएगा। अपने स्वदेश में हम शीघ्र ही आदर के साथ वास करेंगे।
misericordia et veritas occurrerunt iustitia et pax deosculatae sunt
परमेश्वर का सच्चा प्रेम उनके अनुयायियों को मिलेगा। नेकी और शांति चुम्बन के साथ उनका स्वागत करेगी।
veritas de terra orta est et iustitia de caelo prospexit
धरती पर बसे लोग परमेश्वर पर विश्वास करेंगे, और स्वर्ग का परमेश्वर उनके लिये भला होगा।
sed et Dominus dabit bonum et terra nostra dabit germen suum
यहोवा हमें बहुत सी उत्तम वस्तुएँ देगा। धरती अनेक उत्तम फल उपजायेगी।
iustitia ante eum ibit et ponet in via gressus suos
परमेश्वर के आगे आगे नेकी चलेगी, और वह उसके लिये राह बनायेगी।