Job 14

अय्यूब ने कहा, “हम सभी मानव है हमारा जीवन छोटा और दु:खमय है!
عورت سے پیدا ہوا انسان چند ایک دن زندہ رہتا ہے، اور اُس کی زندگی بےچینی سے بھری رہتی ہے۔
मनुष्य का जीवन एक फूल के समान है जो शीघ्र उगता है और फिर समाप्त हो जाता है। मनुष्य का जीवन है जैसे कोई छाया जो थोड़ी देर टिकती है और बनी नहीं रहती।
پھول کی طرح وہ چند لمحوں کے لئے پھوٹ نکلتا، پھر مُرجھا جاتا ہے۔ سائے کی طرح وہ تھوڑی دیر کے بعد اوجھل ہو جاتا اور قائم نہیں رہتا۔
हे परमेश्वर, क्या तू मेरे जैसे मनुष्य पर ध्यान देगा? क्या तू मेरा न्याय करने मुझे सामने लायेगा?
کیا تُو واقعی ایک ایسی مخلوق کا اِتنے غور سے معائنہ کرنا چاہتا ہے؟ مَیں کون ہوں کہ تُو مجھے پیشی کے لئے اپنے حضور لائے؟
“किसी ऐसी वस्तु से जो स्वयं अस्वच्छ है स्वच्छ वस्तु कौन पा सकता है? कोई नहीं।
کون ناپاک چیز کو پاک صاف کر سکتا ہے؟ کوئی نہیں!
मनुष्य का जीवन सीमित है। मनुष्य के महीनों की संख्या परमेश्वर ने निश्चित कर दी है। तूने मनुष्य के लिये जो सीमा बांधी है, उसे कोई भी नहीं बदल सकता।
انسان کی عمر تو مقرر ہوئی ہے، اُس کے مہینوں کی تعداد تجھے معلوم ہے، کیونکہ تُو ہی نے اُس کے دنوں کی وہ حد باندھی ہے جس سے آگے وہ بڑھ نہیں سکتا۔
सो परमेश्वर, तू हम पर आँख रखना छोड़ दे। हम लोगों को अकेला छोड़ दे। हमें अपने कठिन जीवन का मजा लेने दे, जब तक हमारा समय नहीं समाप्त हो जाता।
چنانچہ اپنی نگاہ اُس سے پھیر لے اور اُسے چھوڑ دے تاکہ وہ مزدور کی طرح اپنے تھوڑے دنوں سے کچھ مزہ لے سکے۔
“किन्तु यदि वृक्ष को काट गिराया जाये तो भी आशा उसे रहती है कि वह फिर से पनप सकता है, क्योंकि उसमें नई नई शाखाऐं निकलती रहेंगी।
اگر درخت کو کاٹا جائے تو اُسے تھوڑی بہت اُمید باقی رہتی ہے، کیونکہ عین ممکن ہے کہ مُڈھ سے کونپلیں پھوٹ نکلیں اور اُس کی نئی شاخیں اُگتی جائیں۔
चाहे उसकी जड़े धरती में पुरानी क्यों न हो जायें और उसका तना चाहे मिट्टी में गल जाये।
بےشک اُس کی جڑیں پرانی ہو جائیں اور اُس کا مُڈھ مٹی میں ختم ہونے لگے،
किन्तु जल की गंध मात्र से ही वह नई बढ़त देता है और एक पौधे की तरह उससे शाखाऐं फूटती हैं।
لیکن پانی کی خوشبو سونگھتے ہی وہ کونپلیں نکالنے لگے گا، اور پنیری کی سی ٹہنیاں اُس سے پھوٹنے لگیں گی۔
किन्तु जब बलशाली मनुष्य मर जाता है उसकी सारी शक्ति खत्म हो जाती है। जब मनुष्य मरता है वह चला जाता है।
لیکن انسان فرق ہے۔ مرتے وقت اُس کی ہر طرح کی طاقت جاتی رہتی ہے، دم چھوڑتے وقت اُس کا نام و نشان تک نہیں رہتا۔
जैसे सागर के तट से जल शीघ्र लौट कर खो जाता है और जल नदी का उतरता है, और नदी सूख जाती है।
وہ اُس جھیل کی مانند ہے جس کا پانی اوجھل ہو جائے، اُس ندی کی مانند جو سکڑ کر خشک ہو جائے۔
उसी तरह जब कोई व्यक्ति मर जाता है वह नीचे लेट जाता है और वह महानिद्रा से फिर खड़ा नहीं होता। वैसे ही वह व्यक्ति जो प्राण त्यागता है कभी खड़ा नहीं होता अथवा चिर निद्रा नहीं त्यागता जब तक आकाश विलुप्त नहीं होंगे।
وفات پانے والے کا یہی حال ہے۔ وہ لیٹ جاتا اور کبھی نہیں اُٹھے گا۔ جب تک آسمان قائم ہے نہ وہ جاگ اُٹھے گا، نہ اُسے جگایا جائے گا۔
“काश! तू मुझे मेरी कब्र में मुझे छुपा लेता जब तक तेरा क्रोध न बीत जाता। फिर कोई समय मेरे लिये नियुक्त करके तू मुझे याद करता।
کاش تُو مجھے پاتال میں چھپا دیتا، مجھے وہاں اُس وقت تک پوشیدہ رکھتا جب تک تیرا قہر ٹھنڈا نہ ہو جاتا! کاش تُو ایک وقت مقرر کرے جب تُو میرا دوبارہ خیال کرے گا۔
यदि कोई मनुष्य मर जाये तो क्या जीवन कभी पायेगा? मैं तब तक बाट जोहूँगा, जब तक मेरा कर्तव्य पूरा नहीं हो जाता और जब तक मैं मुक्त न हो जाऊँ।
(کیونکہ اگر انسان مر جائے تو کیا وہ دوبارہ زندہ ہو جائے گا؟) پھر مَیں اپنی سخت خدمت کے تمام دن برداشت کرتا، اُس وقت تک انتظار کرتا جب تک میری سبک دوشی نہ ہو جاتی۔
हे परमेश्वर, तू मुझे बुलायेगा और मैं तुझे उत्तर दूँगा। तूने मुझे रचा है, सो तू मुझे चाहेगा।
تب تُو مجھے آواز دیتا اور مَیں جواب دیتا، تُو اپنے ہاتھوں کے کام کا آرزومند ہوتا۔
फिर तू मेरे हर चरण का जिसे मैं उठाता हूँ, ध्यान रखेगा और फिर तू मेरे उन पापों पर आँख रखेगा, जिसे मैंने किये हैं।
اُس وقت بھی تُو میرے ہر قدم کا شمار کرتا، لیکن نہ صرف اِس مقصد سے کہ میرے گناہوں پر دھیان دے۔
काश! मेरे पाप दूर हो जाएँ। किसी थैले में उन्हें बन्द कर दिया जाये और फिर तू मेरे पापों को ढक दे।
تُو میرے جرائم تھیلے میں باندھ کر اُس پر مُہر لگا دیتا، میری ہر غلطی کو ڈھانک دیتا۔
“जैसे पर्वत गिरा करता है और नष्ट हो जाता है और कोई चट्टान अपना स्थान छोड़ देती है।
لیکن افسوس! جس طرح پہاڑ گر کر چُور چُور ہو جاتا اور چٹان کھسک جاتی ہے،
जल पत्थरों के ऊपर से बहता है और उन को घिस डालता है तथा धरती की मिट्टी को जल बहाकर ले जाती है। हे परमेश्वर, उसी तरह व्यक्ति की आशा को तू बहा ले जाता है।
جس طرح بہتا پانی پتھر کو رگڑ رگڑ کر ختم کرتا اور سیلاب مٹی کو بہا لے جاتا ہے اُسی طرح تُو انسان کی اُمید خاک میں ملا دیتا ہے۔
तू एक बार व्यक्ति को हराता है और वह समाप्त हो जाता है। तू मृत्यु के रूप सा उसका मुख बिगाड़ देता है, और सदा सदा के लिये कहीं भेज देता है।
تُو مکمل طور پر اُس پر غالب آ جاتا تو وہ کوچ کر جاتا ہے، تُو اُس کا چہرہ بگاڑ کر اُسے فارغ کر دیتا ہے۔
यदि उसके पुत्र कभी सम्मान पाते हैं तो उसे कभी उसका पता नहीं चल पाता। यदि उसके पुत्र कभी अपमान भोगतें हैं, जो वह उसे कभी देख नहीं पाता है।
اگر اُس کے بچوں کو سرفراز کیا جائے تو اُسے پتا نہیں چلتا، اگر اُنہیں پست کیا جائے تو یہ بھی اُس کے علم میں نہیں آتا۔
वह मनुष्य अपने शरीर में पीड़ा भोगता है और वह केवल अपने लिये ऊँचे पुकारता है।”
وہ صرف اپنے ہی جسم کا درد محسوس کرتا اور اپنے لئے ہی ماتم کرتا ہے۔“