I Kings 22

अगले दो वर्षों के भीतर इस्राएल और अराम के बीच शान्ति रही।
مدّت سه سال بین سوریه و اسرائیل جنگ نبود.
तब तीसरे वर्ष यहूदा का राजा यहोशापात इस्राएल के राजा अहाब से मिलने गया।
امّا در سال سوم یهوشافاط، پادشاه یهودا نزد اخاب، پادشاه اسرائیل آمد.
इस समय अहाब ने अपने अधिकारियों से पूछा, “तुम जानते हो कि अराम के राजा ने गिलाद में रामोत को हम से ले लिया था। हम लोगों ने रामोत वापस लेने का कुछ भी प्रयत्न क्यों नहीं किया यह हम लोगों का नगर होना चाहिये।”
پادشاه اسرائیل به افسران خود گفت: «آیا می‌دانید که راموت جلعاد از آن ماست و ما ساکت نشسته‌ایم و آن را از دست پادشاه سوریه پس نمی‌گیریم؟»
इसलिये अहाब ने यहोशापात से पूछा, “क्या आप हमारे साथ होंगे और रामोत में अराम की सेना के विरुद्ध युद्ध करेंगे” यहोशापात ने उत्तर दिया, “हाँ, मैं तुम्हारा साथ दूँगा। मेरे सैनिक और मेरे घोड़े तुम्हारी सेना के साथ मिलने के लिये तैयार हैं।
پس به یهوشافاط گفت: «آیا برای جنگ همراه من به راموت جلعاد خواهی آمد؟» یهوشافاط پاسخ داد: «من، چون تو و مردم من، چون مردم تو و سواران من، چون سواران تو هستند.»
किन्तु पहले हम लोगों को यहोवा से सलाह ले लेनी चाहिये।”
«امّا بهتر است ابتدا از خداوند راهنمایی بخواهیم.»
अत: अहाब ने नबियों की एक बैठक बुलाई। उस समय लगभग चार सौ नबी थे। अहाब ने नबियों से पूछा, “क्या मैं जाऊँ और रामोत में अराम की सेना के विरुद्ध युद्ध करुँ या मैं किसी अन्य अवसर की प्रतीक्षा करुँ” नबियों ने उत्तर दिया, “तुम्हें अभी युद्ध करना चाहिये। यहोवा तुम्हें विजय पाने देगा।”
پس پادشاه اسرائیل حدود چهارصد نفر نبی را گرد آورد و از ایشان پرسید: «آیا به راموت جلعاد حمله کنیم یا نه؟» ایشان پاسخ دادند: «حمله کنید، خداوند شما را پیروز خواهد کرد.»
किन्तु यहोशापात ने कहा, “क्या यहाँ यहोवा के नबियों में से कोई अन्य नबी है यदि कोई है तो हमें उससे पूछना चाहिये कि परमश्वर क्या कहता है।”
امّا یهوشافاط پرسید: «آیا نبی دیگری نیست که به وسیلهٔ او نظر خداوند را بدانیم؟»
राजा अहाब ने उत्तर दिया, “एक अन्य नबी है। वह यिम्ला का पुत्र मीकायाह है। किन्तु उससे मैं घृणा करता हूँ। जब कभी वह यहोवा का माध्यम बनता है तब वह मेरे लिये कुछ भी अच्छा नहीं कहता। वह सदैव वही कहता है जिसे मैं पसन्द नहीं करता।” यहोशापात ने कहा, “राजा अहाब, तुम्हें ये बातें नहीं कहनी चाहिये!”
اخاب پاسخ داد: «یک نفر دیگر به نام میکایا، پسر یِمله. امّا من از او بیزار هستم، زیرا او هرگز در مورد من پیشگویی خوبی نکرده است و همیشه بد می‌گوید.» یهوشافاط پاسخ داد: «نباید چنین بگویی.»
अत: राजा अहाब ने अपने अधिकारियों में से एक से जाने और मीकायाह को खोज निकालने को कहा।
پس پادشاه اسرائیل به یکی از مأموران دربار خود گفت: «برو و بی‌درنگ میکایا، پسر یمله را نزد من بیاور.»
उस समय दोनों राजा अपना राजसी पोशाक पहने थे। वे सिंहासन पर बैठे थे। यह शोमरोन के द्वार के पास खुले स्थान पर था। सभी नबी उनके सामने खड़े थे। नबी भविष्यवाणी कर रहे थे।
در این زمان، پادشاه اسرائیل و یهوشافاط پادشاه یهودا در خرمنگاه در خارج دروازهٔ شهر سامره بر تختهای خود نشسته و ردای شاهی برتن کرده بودند و تمام انبیا در حضور ایشان پیشگویی می‌کردند.
नबियों में से एक सिदकिय्याह नामक व्यक्ति था। वह कनाना का पुत्र था। सिदकिय्याह ने कुछ लोहे की सींगें बनाईं। तब उसने अहाब से कहा, “यहोवा कहता है, ‘तुम लोहे की इन सींगों का उपयोग अराम की सेना के विरुद्ध लड़ने में करोगे। तुम उन्हें हराओगे और उन्हें नष्ट करोगे।’”
صِدَقَیا، پسر کَنَعنَه که شاخهای آهنینی برای خود ساخته بود گفت: «خداوند چنین می‌فرماید، با این شاخها سوری‌ها را عقب خواهید راند و نابود می‌کنید.»
सभी अन्य नबियों ने असका समर्थन किया जो कुछ सिदकिय्याह ने कहा। नबियों ने कहा, “तुम्हारी सेना अभी कूच करे। उन्हें रामोत में अराम की सेना के साथ युद्ध करना चाहिये। तुम युद्ध जीतोगे। यहोवा तुम्हें विजय पाने देगा।”
‌همهٔ انبیا نیز چنین پیشگویی می‌کردند و می‌گفتند: «به راموت جلعاد بروید و پیروز شوید. خداوند آن را به دست پادشاه خواهد داد.»
जब यह हो रहा था तभी अधिकारी मीकायाह को खोजने गया। अधिकारी ने मीकायाह को खोज निकाला और उससे कहा, “सभी अन्य नबियों ने कहा है कि राजा को सफलता मिलेगी। अत: मैं यह कहता हूँ कि यही कहना तुम्हारे लिये सर्वाधिक अनुकूल होगा।”
آن مأمور نزد میکایا رفت و به او گفت: «همهٔ انبیا پیروزی پادشاه را پیشگویی کرده‌اند، بهتر است که تو هم چنین کنی.»
किन्तु मीकायाह ने उत्तर दिया, “नहीं! मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि यहोवा की शक्ति से वही कहूँगा जो कहने के लिये यहोवा कहेगा!”
امّا میکایا پاسخ داد: «به خداوند زنده سوگند که هرچه خداوند بفرماید آن را خواهم گفت.»
तब मीकायाह राजा अहाब के सामने खड़ा हुआ। राजा ने उससे पुछा, “मीकायाह, क्या मुझे और राजा यहोशापात को अपनी सेनायें एक कर लेनी चाहिये और क्या हमें अराम की सेना से रामोत में युद्ध करने के लिये अभी कुछ करना चाहिये या नहीं” मीकायाह ने उत्तर दिया, “हाँ! तुम्हें जाना चाहिये और उनसे अभी युद्ध करना चाहिये। यहोवा तुम्हें विजय देगा।”
هنگامی‌که ‌میکایا نزد اخاب پادشاه آمد، پادشاه از او پرسید: «میکایا، آیا برای جنگ به راموت جلعاد بروم یا نه؟» او جواب داد: «برو خداوند به تو کمک می‌کند که پیروز شوی.»
किन्तु अहाब ने पूछा, “तुम यहोवा की शक्ति से नहीं बता रहे हो। तुम अपनी निजी बात कह रहे हो। अत: मुझसे सत्य कहो। कितनी बार मुझे तुमसे कहना पड़ेगा मुझसे वह कहो जो यहोवा कहता है।”
امّا اخاب پاسخ داد: «هنگامی‌که به نام خداوند با من سخن می‌گویی حقیقت را بگو. چند بار این را به تو بگویم؟»
अत: मीकायाह ने उत्तर दिया, “मैं जो कुछ होगा, देख सकता हुँ। इस्राएल की सेना पहाड़ियों में बिखर जायेगी। वे उन भेड़ों की तरह होंगी जिनका कोई भी संचालक न हो। यही यहोवा कहता है, ‘इन व्यक्तियों का दिशा निर्देशक कोई नहीं है। उन्हें घर जाना चाहिये और युद्ध नहीं करना चाहिये।’”
میکایا پاسخ داد: «من قوم اسرائیل را دیدم که مانند گوسفندان بدون شبان در تپّه‌ها پراکنده شده‌اند و خداوند فرمود: این مردم رهبری ندارند. بگذارید هریک به سلامتی به خانهٔ خود بازگردند.»
तब अहाब ने यहोशापात से कहा, “देख लो! मैंने तुम्हें बताया था! यह नबी मेरे बारे में कभी कोई अच्छी बात नहीं कहता। यह सदा वही बात कहता है जिसे मैं सनना नहीं चाहता।”
پادشاه اسرائیل به یهوشافاط گفت: «آیا به تو نگفتم که او دربارهٔ من به نیکی پیشگویی نخواهد کرد بلکه به بدی.»
किन्तु मीकायाह यहोवा का माध्यम बना कहता ही रहा। उसने कहा, “सुनो! ये वे शब्द हैं जिन्हें यहोवा ने कहा है। मैंने यहोवा को स्वर्ग में अपने सिंहासन पर बैठे देखा। उसके दूत उसके समीप खड़े थे।
میکایا گفت: «پس سخنان خداوند را بشنو: من خداوند را دیدم که بر تخت خود نشسته بود و تمام فرشتگان در کنار او ایستاده بودند.
यहोवा ने कहा, ‘क्या तुममें से कोई राजा अहाब को चकमा दे सकता है मैं उसे रामोत में अराम की सेना के विरुद्ध युद्ध करने के लिये जाने देना चाहता हूँ। तब वह मारा जाएगा।’ स्वर्गदूतों को क्या करना चाहिये, इस पर वे सहमत न हो सके।
خداوند پرسید: 'چه کسی اخاب را فریب خواهد داد تا او به راموت جلعاد رود و کشته شود؟' بعضی از فرشتگان گفتند چنین و دیگری گفت چنان.
तब एक स्वर्गदूत यहोवा के पास गया और उसने कहा, ‘मैं उसे चकमा दूँगा!’
سرانجام روحی جلو آمد و در برابر خداوند ایستاد و گفت: 'من او را فریب خواهم داد.'
यहोवा ने पूछा, ‘तुम राजा अहाब को चकमा कैसे दोगे’ स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, ‘मैं अहाब के सभी नबियों को भ्रमित कर दूँगा। मैं नबियों को अहाब से झूठ बोलने के लिये कहूँगा। नबियों के सन्देश झूठे होंगे।’ अत: यहोवा ने कहा, ‘बहुत अच्छा! जाओ और राजा अहाब को चकमा दो। तुम सफल होगे।’”
خداوند پرسید: 'چگونه؟' روح پاسخ داد: 'من بیرون می‌روم و روح دروغ در دهان همهٔ انبیای او خواهم گذاشت.' خداوند فرمود: 'برو و او را بفریب. تو موفّق خواهی شد.'»
मीकायाह ने अपनी कथा पूरी की। तब उसने कहा, “अत: यहाँ यह सब हुआ। यहोवा ने तुम्हारे नबियों से तुम्हें झूठ बुलवा दिया है। योहवा ने स्वयं निर्णय लिया है कि तुम पर बड़ी भारी विपत्ति लाए।”
پس میكایا ادامه داده گفت: «این است آن چیزی كه واقع شده، خداوند روح دروغ را در دهان انبیای تو گذاشته تا به تو دروغ بگویند ولی او تو را به بلا دچار خواهد ساخت.»
तब सिदकिय्याह नबी मीकायाह के पास गया। सिदकिय्याह ने मीकायाह के मुँह पर मारा। सिदकिय्याह ने कहा, “क्या तुम सचमुच विश्वास करते हो कि यहोवा की शक्ति ने मुझे छोड़ दिया है और वह तुम्हारे माध्यम से बात कर रहा है।”
سپس صدقیا، پسر کنعنه به صورت میکایا سیلی زد و گفت: «روح خداوند چگونه مرا ترک کرد تا با تو سخن بگوید؟»
मीकाया ने उत्तर दिया, “शीघ्र ही विपत्ति आएगी। उस समय तुम भागोगे और एक छोटे कमरे में छिपोगे और तब तुम समझोगे कि मैं सत्य कह रहा हूँ।”
میکایا پاسخ داد: «روزی که داخل پستو بروی و پنهان شوی خواهی دید.»
तब राजा अहाब ने अपने अधिकारियों में से एक को मीकायाह को बन्दी बनाने का आदेश दिया। राजा अहाब ने कहा, “इसे बन्दी बना लो और इसे नगर के प्रसाशक आमोन और राजकुमार योआश के पास ले जाओ।
پادشاه اسرائیل گفت: «میکایا را بازداشت کنید و نزد فرماندار شهر و یوآش، پسر پادشاه ببرید.
उनसे कहो कि मीकायाह को बन्दीगृह में डाल दे। उसे खाने को केवल रोटी और पानी दो। उसे वहाँ तब तक रखो जब तक मैं युद्ध से घर न आ जाऊँ।”
به ایشان بگویید او را در زندان بیندازند و فقط به او آب و نان بدهند تا من به سلامت بازگردم.»
मीकायाह न जोर से कहा, “आप सभी लोग सुने जो मैं कहता हूँ। राजा अहाब, यदि तुम युद्ध से घर जीवित लौट आओगे, तो समझना कि योहवा ने मेरे मुँह से अपना वचन नहीं कहा था।”
میکایا گفت: «همه بشنوید و سخنان مرا به یاد داشته باشید، اگر تو بسلامت بازگردی، خداوند توسط من سخن نگفته است.»
तब राजा अहाब और राजा यहोशापात रामोत में अराम की सेना से युद्ध करने गए। यह गिलाद नामक क्षेत्र में था।
پس اخاب و یهوشافاط، پادشاه یهودا به راموت جلعاد رفتند.
अहाब ने यहोशापात से कहा, “हम युद्ध की तैयारी करेंगे। मैं ऐसे वस्त्र पहनूँगा जो मुझे ऐसा रूप देंगे कि मैं ऐसा लगूँगा कि मैं राजा नहीं हूँ। किन्तु तुम अपने विशेष वस्त्र पहनो जिससे तुम ऐसे लगो कि तुम राजा हो।” इस प्रकार इस्राएल के राजा ने युद्ध का आरम्भ उस व्यक्ति की तरह वस्त्र पहनकर किया जो राजा न हो।
اخاب به یهوشافاط گفت: «من به صورت ناشناس وارد نبرد می‌شوم ولی تو لباس شاهانه بپوش!» و پادشاه اسرائیل با لباس مبدل وارد نبرد شد.
अराम के राजा के पास बत्तीस रथ—सेनापति थे। उस राजा ने इन बत्तीस रथ—सेनापतियों को आदेश दिया कि वे इस्राएल के राजा को खोज निकाले। अराम के राजा ने सेनापतियों से कहा कि उन्हें राजा को अवश्य मार डालना चाहिये।
پادشاه سوریه به سی و دو افسر ارّابه‌های خود فرمان داد تا به هیچ‌کس به جز پادشاه اسرائیل حمله نکنند.
अत: युद्ध के बीच इन सेनापतियों ने राजा यहोशापात को देखा। सेनापतियों ने समझा कि वही इस्राएल का राजा है। अत: वे उसे मारने गए। यहोशापत ने चिल्लाना आरम्भ किया।
هنگامی ‌افسران ارّابه‌ها، یهوشافاط را دیدند گمان کردند که پادشاه اسرائیل است و خواستند که به او حمله کنند، امّا یهوشافاط فریاد زد.
सेनापतियों ने समझ लिया कि वह राजा अहाब नहीं है। अत: उन्होंने उसे नहीं मारा।
هنگامی‌که افسران ارّابه‌ها دانستند که او پادشاه اسرائیل نیست، از دنبال کردن او دست برداشتند.
किन्तु एक सैनिक ने हवा में बाण छोड़ा, वह किसी विशेष व्यक्ति को अपना लक्ष्य नहीं बना रहा था। किन्तु उसका बाण इस्राएल के राजा अहाब को जा लगा। बाण ने राजा को उस छोटी जगह में बेधा, जो शरीर का भाग उसके कवच से ढका नहीं था। अत: राजा अहाब ने अपने सारथी से कहा, “मुझे एक बाण ने बेध दिया है! इस क्षेत्र से रथ को बाहर ले चलो। हमें युद्ध से दूर निकल जाना चाहिये।”
سربازی سوری پیکانی اتّفاقی پرتاپ کرد و به درز زره اخاب پادشاه خورد. او به ارّابه‌ران خود گفت: «من زخمی‌ شده‌ام، بازگرد و مرا از میدان جنگ خارج کن.»
सेनायें युद्ध में लड़ती रहीं। राजा अहाब अपने रथ में ठहरा रहा। वह रथ के सहारे एक ओर झुका हुआ था। वह अराम की सेना को देख रहा था। उसका खून नीचे बहता रहा और उसने रथ के तले को ढक लिया। बाद में, शाम को राजा मर गया।
‌در آن روز جنگ شدّت گرفت و پادشاه را که در ارّابه‌اش در برابر سوری‌ها برپا نگاهداشته بودند، در غروب مرد و خون زخمش در کف ارّابه جاری بود.
सन्ध्या के समय इस्राएल की सेना के सभी पुरुषों को अपने नगर और प्रदेश वापस लौटने का आदेश दिया गया।
‌نزدیکی غروب آفتاب، به سربازان دستور داده شد که به شهر و سرزمین خود بازگردند.
अत: राजा अहाब इस प्रकार मरा। कुछ व्यक्ति उसके शव को शोमरोन ले आए। उन्होंने उसे वहीं दफना दिया।
‌پس پادشاه در گذشت و به سامره برده شد و ایشان پادشاه را در سامره به خاک سپردند.
लोगों ने अहाब के रथ को शोमरोन में जल के कुंड में धोया। राजा अहाब के खून को रथ से, कुत्तों ने चाटा और वेश्याओं ने पानी का उपयोग नहाने के लिये किया। ये बातें वैसे ही हुई जैसा यहोवा ने होने को कहा था।
آنها ارابهٔ او را در برکهٔ سامره شستند و سگها خون او را لیسیدند و روسپیان خود را در آن شستند، همان‌گونه که کلام خداوند گفته بود.
अपने राज्यकाल में अहाब ने जो कुछ किया वह *इस्राएल के राजाओं के इतिहास* नामक पुस्तक में लिखा है। उसी पुस्तक में राजा ने अपने महल को अधिक सुन्दर बनाने के लिये जिस हाथी—दाँत का उपयोग किया था, उसके बारे में कहा गया है और उस पुस्तक में उन नगरों के बारे में भी लिखा गया है जिसे उसने बनाया था।
‌همهٔ کارهای اخاب و آنچه کرد و کاخی که با عاج ساخت و همهٔ شهرهایی که ساخت در کتاب تاریخ پادشاهان اسرائیل نوشته شده است.
अहाब मरा, और अपने पूर्वजों के पास दफना दिया गया। उसका पुत्र अहज्याह राजा बना।
پس اخاب در گذشت و به اجداد خود پیوست، پس از او پسرش اخزیا پادشاه شد.
इस्राएल के राजा अहाब के राज्यकाल के चौथे वर्ष यहोशापात यहूदा का राजा हुआ। यहोशापात आसा का पुत्र था।
یهوشافاط، پسر آسا در سال چهارم پادشاهی اخاب، پادشاه اسرائیل، پادشاه یهودا شد.
यहोशापात जब राजा हुआ तब वह पैंतीस वर्ष का था। यहोशापात ने यरूशलेम में पच्चीस वर्ष तक राज्य किया। यहोशापात की माँ का नाम अजूबा था। अजूबा शिल्ही की पुत्री थी।
یهوشافاط سی و پنج ساله بود که به سلطنت رسید و مدّت بیست و پنج سال در اورشلیم پادشاهی کرد. نام مادرش عَزُوبَه، دختر شلحی بود.
यहोशापात अच्छा व्यक्ति था। उसने अपने पूर्व अपने पिता के जैसे ही काम किये। वह उन सबका पालन करता था जो यहोवा चाहता था। किन्तु यहोशापात ने उच्च स्थानों को नष्ट नहीं किया। लोगों ने उन स्थानों पर बलि—भेंट करना और सुगन्धि जलाना जारी रखा।
او در همهٔ راههای پدرش، آسا گام برداشت و به بیراهه نرفت و آنچه را که در نظر خداوند درست بود، انجام می‌داد. امّا پرستشگاههای بالای تپّه‌ها را نابود نکرد و مردم هنوز در آنها قربانی می‌کردند و بُخور می‌سوزاندند.
यहोशापात ने इस्राएल के राजा के साथ एक शान्ति—सन्धि की।
یهوشافاط همچنین با پادشاه اسرائیل صلح کرد.
यहोशापात बहुत वीर था और उसने कई युद्ध लड़े। जो कुछ उसने किया वह, *यहूदा के राजाओं के इतिहास* नामक पुस्तक में लिखा है।
همهٔ کارهای دیگر یهوشافاط و دلاوری او و چگونگی جنگها همه در کتاب تاریخ پادشاهان اسرائیل نوشته شده‌ است.
यहोशापात ने उन स्त्री पुरुषों को, जो शारीरिक सम्बन्ध के लिये अपने शरीर को बेचते थे, पूजास्थानों को छोड़ने के लिये विवश किया। उन व्यक्तियों ने उन पूजास्थानों पर तब सेवा की थी जब उसका पिता आसा राजा था।
او سایر لواطیان و روسپیانی را که از زمان پدرش آسا باقی مانده بودند پاکسازی کرد.
इस समय के बीच एदोम देश का कोई राजा न था। वह देश एक प्रशासक द्वारा शासित होता था। प्रशासक यहूदा के राजा द्वारा चुना जाता था।
اَدوم پادشاهی نداشت و توسط فرمانداری که پادشاه یهودا معیّن می‌کرد اداره می‌شد.
राजा यहोशापात ने ऐसे जहाज बनाए जो महासागर में चल सकते थे। यहोशापात ने ओपीर प्रदेश में जहाजों को भेजा। वह चाहता था कि जहाज सोना लाएँ। किन्तु जहाज एश्योनगेबेर में नष्ट हो गए। जहाज कभी सोना प्राप्त करने में सफल न हो सके।
یهوشافاط ناوگان تجاری ساخت تا برای آوردن طلا از اوفیر بروند، ولی هرگز نرفتند؛ زیرا کشتی‌ها در عصبون جابر شکسته شدند.
इस्राएल का राजा अहज्याह यहोशापात को सहायता देने गया। अहज्याह ने यहोशापात से कहा था कि वह कुछ ऐसे व्यक्तियों को उनके लिये प्राप्त करेगा जो जहाजी काम में कुशल हों। किन्तु यहोशापात ने अहज्याह के व्यक्तियों को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया।
آنگاه اخزیا، پسر اخاب به یهوشافاط گفت: «بگذار خادمان من با خادمان تو در کشتی‌ها بروند.» امّا یهوشافاط نپذیرفت.
यहोशापात मरा और अपने पूर्वजों के साथ दफनाया गया। वह दाऊद नगर में अपने पूर्वजों के साथ दफनाया गया। तब उसका पुत्र यहोराम राजा बना।
یهوشافاط درگذشت و در گورستان سلطنتی در شهر داوود به خاک سپرده شد و پسرش یهورام جانشین او شد.
अहज्याह अहाब का पुत्र था। वह राजा योहशापात के यहूदा पर राज्यकाल के सत्रहवें वर्ष में राजा बना। अहज्याह ने शोमरोन में दो वर्ष तक राज किया।
اخزیا، پسر اخاب در سال هفدهم سلطنت یهوشافاط، پادشاه یهودا، در سامره به تخت نشست و دو سال سلطنت کرد.
अहज्याह ने यहोवा के विरुद्ध पाप किये। उसने वे ही पाप किये जो उसके पिता अहाब उसकी माँ ईजेबेल और नबात के पुत्र यारोबाम ने किये थे। ये सभी शासक इस्राएल के लोगों को और अधिक पाप की ओर ले गए।
او آنچه را در نظر خداوند پلید بود بجا آورد و در راه پدرش و در راه مادرش و در راه یربعام پسر نباط که اسرائیل را به گناه کشاند گام برداشت.
अहज्याह ने अपने से पूर्व अपने पिता के समान असत्य देवता बाल की पूजा और सेवा की। अत: अहज्याह ने यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर को बहुत अधिक क्रोधित किया। यहोवा अहज्याह पर वैसा ही क्रोधित हुआ जैसा उसके पहले वह उसके पिता पर क्रोधित हुआ था।
او بت بعل را پرستش و خدمت کرد و مانند پدرش خشم خداوند خدای اسرائیل را برانگیخت.