किन्तु जो परमेश्वर की उस सम्पूर्ण व्यवस्था को निकटता से देखता है, जिससे स्वतन्त्रता प्राप्त होती है और उसी पर आचरण भी करता रहता है, और सुन कर उसे भूले बिना अपने आचरण में उतारता रहता है, वही अपने कर्मों के लिए धन्य होगा।
Ale kdož by se vzhlédl v dokonalý zákon svobody a zůstával by v něm, ten nejsa posluchač zapominatelný, ale činitel skutku, ten, pravím, blahoslavený bude v skutku svém.