Matthew 7

“दूसरों पर दोष लगाने की आदत मत डालो ताकि तुम पर भी दोष न लगाया जाये।
«لاَ تَدِينُوا لِكَيْ لاَ تُدَانُوا،
क्योंकि तुम्हारा न्याय उसी फैसले के आधार पर होगा, जो फैसला तुमने दूसरों का न्याय करते हुए दिया था। और परमेश्वर तुम्हें उसी नाप से नापेगा जिससे तुमने दूसरों को नापा है।
لأَنَّكُمْ بِالدَّيْنُونَةِ الَّتِي بِهَا تَدِينُونَ تُدَانُونَ، وَبِالْكَيْلِ الَّذِي بِهِ تَكِيلُونَ يُكَالُ لَكُمْ.
“तू अपने भाई बंदों की आँख का तिनका तक क्यों देखता है? जबकि तुझे अपनी आँख का लट्ठा भी दिखाई नहीं देता।
وَلِمَاذَا تَنْظُرُ الْقَذَى الَّذِي فِي عَيْنِ أَخِيكَ، وَأَمَّا الْخَشَبَةُ الَّتِي فِي عَيْنِكَ فَلاَ تَفْطَنُ لَهَا؟
जब तेरी अपनी आँख में लट्ठा समाया है तो तू अपने भाई से कैसे कह सकता है कि तू मुझे तेरी आँख का तिनका निकालने दे।
أَمْ كَيْفَ تَقُولُ لأَخِيكَ: دَعْني أُخْرِجِ الْقَذَى مِنْ عَيْنِكَ، وَهَا الْخَشَبَةُ فِي عَيْنِكَ؟
ओ कपटी! पहले तू अपनी आँख से लट्ठा निकाल, फिर तू ठीक तरह से देख पायेगा और अपने भाई की आँख का तिनका निकाल पायेगा।
يَامُرَائِي، أَخْرِجْ أَوَّلاً الْخَشَبَةَ مِنْ عَيْنِكَ، وَحِينَئِذٍ تُبْصِرُ جَيِّدًا أَنْ تُخْرِجَ الْقَذَى مِنْ عَيْنِ أَخِيكَ!
“कुत्तों को पवित्र वस्तु मत दो। और सुअरों के आगे अपने मोती मत बिखेरो। नहीं तो वे सुअर उन्हें पैरों तले रौंद डालेंगे। और कुत्ते पलट कर तुम्हारी भी धज्जियाँ उड़ा देंगे।
لاَ تُعْطُوا الْقُدْسَ لِلْكِلاَب، وَلاَ تَطْرَحُوا دُرَرَكُمْ قُدَّامَ الْخَنَازِيرِ، لِئَلاَّ تَدُوسَهَا بِأَرْجُلِهَا وَتَلْتَفِتَ فَتُمَزِّقَكُمْ.
“परमेश्वर से माँगते रहो, तुम्हें दिया जायेगा। खोजते रहो तुम्हें प्राप्त होगा खटखटाते रहो तुम्हारे लिए द्वार खोल दिया जायेगा।
«اِسْأَلُوا تُعْطَوْا. اُطْلُبُوا تَجِدُوا. اِقْرَعُوا يُفْتَحْ لَكُمْ.
क्योंकि हर कोई जो माँगता ही रहता है, प्राप्त करता है। जो खोजता है पा जाता है और जो खटखटाता ही रहता है उसके लिए द्वार खोल दिया जाएगा।
لأَنَّ كُلَّ مَنْ يَسْأَلُ يَأْخُذُ، وَمَنْ يَطْلُبُ يَجِدُ، وَمَنْ يَقْرَعُ يُفْتَحُ لَهُ.
“तुम में से ऐसा पिता कौन सा है जिसका पुत्र उससे रोटी माँगे और वह उसे पत्थर दे?
أَمْ أَيُّ إِنْسَانٍ مِنْكُمْ إِذَا سَأَلَهُ ابْنُهُ خُبْزًا، يُعْطِيهِ حَجَرًا؟
या जब वह उससे मछली माँगे तो वह उसे साँप दे दे। बताओ क्या कोई देगा? ऐसा कोई नहीं करेगा।
وَإِنْ سَأَلَهُ سَمَكَةً، يُعْطِيهِ حَيَّةً؟
इसलिये यदि चाहे तुम बुरे ही क्यों न हो, जानते हो कि अपने बच्चों को अच्छे उपहार कैसे दिये जाते हैं। सो निश्चय ही स्वर्ग में स्थित तुम्हारा परम-पिता माँगने वालों को अच्छी वस्तुएँ देगा।
فَإِنْ كُنْتُمْ وَأَنْتُمْ أَشْرَارٌ تَعْرِفُونَ أَنْ تُعْطُوا أَوْلاَدَكُمْ عَطَايَا جَيِّدَةً، فَكَمْ بِالْحَرِيِّ أَبُوكُمُ الَّذِي فِي السَّمَاوَاتِ، يَهَبُ خَيْرَاتٍ لِلَّذِينَ يَسْأَلُونَهُ!
“इसलिये जैसा व्यवहार अपने लिये तुम दूसरे लोगों से चाहते हो, वैसा ही व्यवहार तुम भी उनके साथ करो। व्यवस्था के विधि और भविष्यवक्ताओं के लिखे का यही सार है।
فَكُلُّ مَا تُرِيدُونَ أَنْ يَفْعَلَ النَّاسُ بِكُمُ افْعَلُوا هكَذَا أَنْتُمْ أَيْضًا بِهِمْ، لأَنَّ هذَا هُوَ النَّامُوسُ وَالأَنْبِيَاءُ.
“सूक्ष्म मार्ग से प्रवेश करो। यह मैं तुम्हें इसलिये बता रहा हूँ क्योंकि चौड़ा द्वार और बड़ा मार्ग तो विनाश की ओर ले जाता है। बहुत से लोग हैं जो उस पर चल रहे हैं।
«اُدْخُلُوا مِنَ الْبَاب الضَّيِّقِ، لأَنَّهُ وَاسِعٌ الْبَابُ وَرَحْبٌ الطَّرِيقُ الَّذِي يُؤَدِّي إِلَى الْهَلاَكِ، وَكَثِيرُونَ هُمُ الَّذِينَ يَدْخُلُونَ مِنْهُ!
किन्तु कितना सँकरा है वह द्वार और कितनी सीमित है वह राह जो जीवन की ओर जाती है। बहुत थोड़े से हैं वे लोग जो उसे पा रहे हैं।
مَا أَضْيَقَ الْبَابَ وَأَكْرَبَ الطَّرِيقَ الَّذِي يُؤَدِّي إِلَى الْحَيَاةِ، وَقَلِيلُونَ هُمُ الَّذِينَ يَجِدُونَهُ!
“झूठे भविष्यवक्ताओं से बचो! वे तुम्हारे पास सरल भेड़ों के रूप में आते हैं किन्तु भीतर से वे खूँखार भेड़िये होते हैं।
«اِحْتَرِزُوا مِنَ الأَنْبِيَاءِ الْكَذَبَةِ الَّذِينَ يَأْتُونَكُمْ بِثِيَاب الْحُمْلاَنِ، وَلكِنَّهُمْ مِنْ دَاخِل ذِئَابٌ خَاطِفَةٌ!
तुम उन्हें उन के कर्मो के परिणामों से पहचानोगे। कोई कँटीली झाड़ी से न तो अंगूर इकट्ठे कर पाता है और न ही गोखरु से अंजीर।
مِنْ ثِمَارِهِمْ تَعْرِفُونَهُمْ. هَلْ يَجْتَنُونَ مِنَ الشَّوْكِ عِنَبًا، أَوْ مِنَ الْحَسَكِ تِينًا؟
ऐसे ही अच्छे पेड़ पर अच्छे फल लगते हैं किन्तु बुरे पेड़ पर तो बुरे फल ही लगते हैं।
هكَذَا كُلُّ شَجَرَةٍ جَيِّدَةٍ تَصْنَعُ أَثْمَارًا جَيِّدَةً، وَأَمَّا الشَّجَرَةُ الرَّدِيَّةُ فَتَصْنَعُ أَثْمَارًا رَدِيَّةً،
एक उत्तम वृक्ष बुरे फल नहीं उपजाता और न ही कोई बुरा पेड़ उत्तम फल पैदा कर सकता है।
لاَ تَقْدِرُ شَجَرَةٌ جَيِّدَةٌ أَنْ تَصْنَعَ أَثْمَارًا رَدِيَّةً، وَلاَ شَجَرَةٌ رَدِيَّةٌ أَنْ تَصْنَعَ أَثْمَارًا جَيِّدَةً.
हर वह पेड़ जिस पर अच्छे फल नहीं लगते हैं, काट कर आग में झोंक दिया जाता है।
كُلُّ شَجَرَةٍ لاَ تَصْنَعُ ثَمَرًا جَيِّدًا تُقْطَعُ وَتُلْقَى فِي النَّارِ.
इसलिए मैं तुम लोगों से फिर दोहरा कर कहता हूँ कि उन लोगों को तुम उनके कर्मों के परिणामों से पहचानोगे।
فَإِذًا مِنْ ثِمَارِهِمْ تَعْرِفُونَهُمْ.
“प्रभु-प्रभु कहने वाला हर व्यक्ति स्वर्ग के राज्य में नहीं जा पायेगा बल्कि वह जो स्वर्ग में स्थित मेरे परम पिता की इच्छा पर चलता है, वही उसमें प्रवेश पायेगा।
«لَيْسَ كُلُّ مَنْ يَقُولُ لِي: يَارَبُّ، يَارَبُّ! يَدْخُلُ مَلَكُوتَ السَّمَاوَاتِ. بَلِ الَّذِي يَفْعَلُ إِرَادَةَ أَبِي الَّذِي فِي السَّمَاوَاتِ.
उस महान दिन बहुत से मुझसे पूछेंगे ‘प्रभु! हे प्रभु! क्या हमने तेरे नाम से भविष्यवाणी नहीं की? क्या तेरे नाम से हमने दुष्टात्माएँ नहीं निकालीं और क्या हमने तेरे नाम से बहुत से आश्चर्य कर्म नहीं किये?’
كَثِيرُونَ سَيَقُولُونَ لِي فِي ذلِكَ الْيَوْمِ: يَارَبُّ، يَارَبُّ! أَلَيْسَ بِاسْمِكَ تَنَبَّأْنَا، وَبِاسْمِكَ أَخْرَجْنَا شَيَاطِينَ، وَبِاسْمِكَ صَنَعْنَا قُوَّاتٍ كَثِيرَةً؟
तब मैं उनसे खुल कर कहूँगा कि मैं तुम्हें नहीं जानता, ‘अरे कुकर्मियों, यहाँ से भाग जाओ।’
فَحِينَئِذٍ أُصَرِّحُ لَهُمْ: إِنِّي لَمْ أَعْرِفْكُمْ قَطُّ! اذْهَبُوا عَنِّي يَا فَاعِلِي الإِثْمِ!
“इसलिये जो कोई भी मेरे इन शब्दों को सुनता है और इन पर चलता है उसकी तुलना उस बुद्धिमान मनुष्य से होगी जिसने अपना मकान चट्टान पर बनाया,
«فَكُلُّ مَنْ يَسْمَعُ أَقْوَالِي هذِهِ وَيَعْمَلُ بِهَا، أُشَبِّهُهُ بِرَجُل عَاقِل، بَنَى بَيْتَهُ عَلَى الصَّخْرِ.
वर्षा हुई, बाढ़ आयी, आँधियाँ चलीं और यह सब उस मकान से टकराये पर वह गिरा नहीं। क्योंकि उसकी नींव चट्टान पर रखी गयी थी।
فَنَزَلَ الْمَطَرُ، وَجَاءَتِ الأَنْهَارُ، وَهَبَّتِ الرِّيَاحُ، وَوَقَعَتْ عَلَى ذلِكَ الْبَيْتِ فَلَمْ يَسْقُطْ، لأَنَّهُ كَانَ مُؤَسَّسًا عَلَى الصَّخْرِ.
“किन्तु वह जो मेरे शब्दों को सुनता है पर उन पर आचरण नहीं करता, उस मूर्ख मनुष्य के समान है जिसने अपना घर रेत पर बनाया।
وَكُلُّ مَنْ يَسْمَعُ أَقْوَالِي هذِهِ وَلاَ يَعْمَلُ بِهَا، يُشَبَّهُ بِرَجُل جَاهِل، بَنَى بَيْتَهُ عَلَى الرَّمْلِ.
वर्षा हुई, बाढ़ आयी, आँधियाँ चलीं और उस मकान से टकराईं, जिससे वह मकान पूरी तरह ढह गया।”
فَنَزَلَ الْمَطَرُ، وَجَاءَتِ الأَنْهَارُ، وَهَبَّتِ الرِّيَاحُ، وَصَدَمَتْ ذلِكَ الْبَيْتَ فَسَقَطَ، وَكَانَ سُقُوطُهُ عَظِيمًا!».
परिणाम यह हुआ कि जब यीशु ने ये बातें कह कर पूरी कीं, तो उसके उपदेशों पर लोगों की भीड़ को बड़ा अचरज हुआ।
فَلَمَّا أَكْمَلَ يَسُوعُ هذِهِ الأَقْوَالَ بُهِتَتِ الْجُمُوعُ مِنْ تَعْلِيمِهِ،
क्योंकि वह उन्हें यहूदी धर्म नेताओं के समान नहीं बल्कि एक अधिकारी के समान शिक्षा दे रहा था।
لأَنَّهُ كَانَ يُعَلِّمُهُمْ كَمَنْ لَهُ سُلْطَانٌ وَلَيْسَ كَالْكَتَبَةِ.