I Kings 8

तब राजा सुलैमान ने इस्राएल के सभी अग्रजों, परिवार समूहों के प्रमुखों तथा इस्राएल के परिवारों के प्रमुखों को एक साथ यरूशलेम में बुलाया। सुलैमान चाहता था कि वे साक्षीपत्र के सन्दूक को दाऊद नगर से मन्दिर में लायें।
حِينَئِذٍ جَمَعَ سُلَيْمَانُ شُيُوخَ إِسْرَائِيلَ وَكُلَّ رُؤُوسِ الأَسْبَاطِ، رُؤَسَاءَ الآبَاءِ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ إِلَى الْمَلِكِ سُلَيْمَانَ فِي أُورُشَلِيمَ، لإِصْعَادِ تَابُوتِ عَهْدِ الرَّبِّ مِنْ مَدِينَةِ دَاوُدَ، هِيَ صِهْيَوْنُ.
इसलिये इस्राएल के सभी लोग राजा सुलैमान के साथ आये। यह एतानीम महीने में विशेष त्यौहार (आश्रयों का त्यौहार) के समय हुआ। (यह वर्ष का सातवाँ महीना था)।
فَاجْتَمَعَ إِلَى الْمَلِكِ سُلَيْمَانَ جَمِيعُ رِجَالِ إِسْرَائِيلَ فِي الْعِيدِ فِي شَهْرِ أَيْثَانِيمَ، هُوَ الشَّهْرُ السَّابعُ.
इस्राएल के सभी अग्रज स्थान पर आए। तब याजकों ने पवित्र सन्दूक उठाया।
وَجَاءَ جَمِيعُ شُيُوخِ إِسْرَائِيلَ، وَحَمَلَ الْكَهَنَةُ التَّابُوتَ.
वे पवित्र तम्बू और तम्बू में की सभी चीज़ों सहित यहोवा के पवित्र सन्दूक को ले आए। लेवीवंशियों ने याजकों की साहायता इन चीज़ों को ले चलने में की।
وَأَصْعَدُوا تَابُوتَ الرَّبِّ وَخَيْمَةَ الاجْتِمَاعِ مَعَ جَمِيعِ آنِيَةِ الْقُدْسِ الَّتِي فِي الْخَيْمَةِ، فَأَصْعَدَهَا الْكَهَنَةُ وَاللاَّوِيُّونَ.
राजा सुलैमान और इस्राएल के सभी लोग साक्षीपत्र के सन्दूक के सामने इकट्ठे हुए। उन्होंने अनेक बलि भेंट की। उन्होंने इतनी अधिक भेड़ें और पशु मारे कि कोई व्यक्ति उन सभी को गिनने में समर्थ नहीं था।
وَالْمَلِكُ سُلَيْمَانُ وَكُلُّ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ الْمُجْتَمِعِينَ إِلَيْهِ مَعَهُ أَمَامَ التَّابُوتِ، كَانُوا يَذْبَحُونَ مِنَ الْغَنَمِ وَالْبَقَرِ مَا لاَ يُحْصَى وَلاَ يُعَدُّ مِنَ الْكَثْرَةِ.
तब याजकों ने यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दूक को उसके उचित स्थान पर रखा। यह मन्दिर के भीतर सर्वाधिक पवित्र स्थान में था। साक्षीपत्र का सन्दूक करूब (स्वर्गदूतों) के पंखों के नीचे रखा गया।
وَأَدْخَلَ الْكَهَنَةُ تَابُوتَ عَهْدِ الرَّبِّ إِلَى مَكَانِهِ فِي مِحْرَابِ الْبَيْتِ فِي قُدْسِ الأَقْدَاسِ، إِلَى تَحْتِ جَنَاحَيِ الْكَرُوبَيْنِ،
करूब (स्वर्गदूतों) के पंख पवित्र सन्दूक के ऊपर फैले थे। वे पवित्र सन्दूक और उसको ले चलने में सहायक बल्लियों को ढके थे।
لأَنَّ الْكَرُوبَيْنِ بَسَطَا أَجْنِحَتَهُمَا عَلَى مَوْضِعِ التَّابُوتِ، وَظَلَّلَ الْكَرُوبَانِ التَّابُوتَ وَعِصِيَّهُ مِنْ فَوْقُ.
ये सहायक बल्लियाँ बहुत लम्बी थीं। यदि कोई व्यक्ति पवित्र स्थान में सर्वाधिक पवित्र स्थान के सामने खड़ा हो, तो वह बल्लियों के सिरों को देख सकता था। किन्तु बाहर को कोई भी उन्हें नहीं देख सकता था। वे बल्लियाँ आज भी वहाँ अन्दर हैं।
وَجَذَبُوا الْعِصِيَّ فَتَرَاءَتْ رُؤُوسُ الْعِصِيِّ مِنَ الْقُدْسِ أَمَامَ الْمِحْرَابِ وَلَمْ تُرَ خَارِجًا، وَهِيَ هُنَاكَ إِلَى هذَا الْيَوْمِ.
पवित्र सन्दूक के भीतर केवल दो अभिलिखित शिलायें थीं। वे दो अभिलिखित शिलायें वही थीं, जिन्हें मूसा ने होरेब नामक स्थान पर पवित्र सन्दूक में रखा था। होरेब वह स्थान था जहाँ यहोवा ने इस्राएल के लोगों के साथ उनके मिस्र से बाहर आने के बाद वाचा की।
لَمْ يَكُنْ فِي التَّابُوتِ إِلاَّ لَوْحَا الْحَجَرِ اللَّذَانِ وَضَعَهُمَا مُوسَى هُنَاكَ فِي حُورِيبَ حِينَ عَاهَدَ الرَّبُّ بَنِي إِسْرَائِيلَ عِنْدَ خُرُوجِهِمْ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ.
याजकों ने सन्दूक को सर्वाधिक पवित्र स्थान में रखा। जब याजक पवित्र स्थान से बाहर आए तो बादल यहोवा के मन्दिर में भर गया।
وَكَانَ لَمَّا خَرَجَ الْكَهَنَةُ مِنَ الْقُدْسِ أَنَّ السَّحَابَ مَلأَ بَيْتَ الرَّبِّ،
याजक अपना काम करते न रह सके क्योंकि मन्दिर यहोवा के प्रताप से भर गया था।
وَلَمْ يَسْتَطِعِ الْكَهَنَةُ أَنْ يَقِفُوا لِلْخِدْمَةِ بِسَبَبِ السَّحَابِ، لأَنَّ مَجْدَ الرَّبِّ مَلأَ بَيْتَ الرَّبِّ.
तब सुलैमान ने कहा: “यहोवा ने गगन में सूर्य को चमकाया, किन्तु उसने काले बादलों में रहना पसन्द किया।
حِينَئِذٍ تَكَلَّمَ سُلَيْمَانُ: «قَالَ الرَّبُّ إِنَّهُ يَسْكُنُ فِي الضَّبَابِ.
मैंने तेरे लिए एक अद्भुत मन्दिर बनाया, एक निवास, जिसमें तू सदैव रहेगा।”
إِنِّي قَدْ بَنَيْتُ لَكَ بَيْتَ سُكْنَى، مَكَانًا لِسُكْنَاكَ إِلَى الأَبَدِ».
इस्राएल के सभी लोग वहाँ खड़े थे। इसलिये सुलैमान उनकी ओर मुड़ा और परमेश्वर ने उन्हें आशीर्वाद देने को कहा।
وَحَوَّلَ الْمَلِكُ وَجْهَهُ وَبَارَكَ كُلَّ جُمْهُورِ إِسْرَائِيلَ، وَكُلُّ جُمْهُورِ إِسْرَائِيلَ وَاقِفٌ.
तब राजा सुलैमान ने यहोवा से एक लम्बी प्रार्थना की। जो उसने प्रार्थना की वह यह है: “इस्राएल का यहोवा परमेश्वर महान है। यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से जो कुछ कहा—उन्हें उसने स्वयं पूरा किया है। यहोवा ने मेरे पिता से कहा,
وَقَالَ: «مُبَارَكٌ الرَّبُّ إِلهُ إِسْرَائِيلَ الَّذِي تَكَلَّمَ بِفَمِهِ إِلَى دَاوُدَ أَبِي وَأَكْمَلَ بِيَدِهِ قَائِلاً:
‘मैं अपने लोगों इस्राएलियों को मिस्र से बाहर लाया। लेकिन मैंने अभी तक इस्राएल परिवार समूह से किसी नगर को नहीं चुना है, कि मुझे सम्मान देने के लिये मन्दिर—निर्माण करे। और मैंने अपने लोग, इस्राएलियों का मार्ग दर्शक कौन व्यक्ति हो, उसे नहीं चुना है। किन्तु अब मैंने यरूशलेम को चुना है जहाँ मैं सम्मानित होता रहूँगा। किन्तु अब, दाऊद को मैंने चुना है। मेरे इस्राएली लोगों पर शासन करने के लिये।’
مُنْذُ يَوْمَ أَخْرَجْتُ شَعْبِي إِسْرَائِيلَ مِنْ مِصْرَ لَمْ أَخْتَرْ مَدِينَةً مِنْ جَمِيعِ أَسْبَاطِ إِسْرَائِيلَ لِبِنَاءِ بَيْتٍ لِيَكُونَ اسْمِي هُنَاكَ، بَلِ إِنَّمَا اخْتَرْتُ دَاوُدَ لِيَكُونَ عَلَى شَعْبِي إِسْرَائِيلَ.
“मेरे पिता दाऊद बहुत अधिक चाहते थे कि वे यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर के सम्मान के लिये मन्दिर बनाएं।
وَكَانَ فِي قَلْبِ دَاوُدَ أَبِي أَنْ يَبْنِيَ بَيْتًا لاسْمِ الرَّبِّ إِلهِ إِسْرَائِيلَ.
किन्तु यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से कहा, “मैं जानता हूँ कि तुम मेरे सम्मान के लिये मन्दिर बनाने की प्रबल इच्छा रखते हो और यह अच्छा है कि तुम मेरा मन्दिर बनाना चाहते हो।
فَقَالَ الرَّبُّ لِدَاوُدَ أَبِي: مِنْ أَجْلِ أَنَّهُ كَانَ فِي قَلْبِكَ أَنْ تَبْنِيَ بَيْتًا لاسْمِي، قَدْ أَحْسَنْتَ بِكَوْنِهِ فِي قَلْبِكَ.
किन्तु तुम वह व्यक्ति नहीं हो जिसे मैंने मन्दिर बनाने के लिये चुना है। तुम्हारा पुत्र मेरा मन्दिर बनाएगा।”
إِلاَّ إِنَّكَ أَنْتَ لاَ تَبْنِي الْبَيْتَ، بَلِ ابْنُكَ الْخَارِجُ مِنْ صُلْبِكَ هُوَ يَبْنِي الْبَيْتَ لاسْمِي.
“इस प्रकार यहोवा ने जो प्रतिज्ञा की थी उसे पूरी कर दी है। अब मैं अपने पिता दाऊद के स्थान पर राजा हूँ। अब मैं यहोवा की प्रतिज्ञा के अनुसार इस्राएल के लोगों पर शासन कर रहा हूँ और मैंने इस्राएल के परमेश्वर के लिये मन्दिर बनाया है।
وَأَقَامَ الرَّبُّ كَلاَمَهُ الَّذِي تَكَلَّمَ بِهِ، وَقَدْ قُمْتُ أَنَا مَكَانَ دَاوُدَ أَبِي وَجَلَسْتُ عَلَى كُرْسِيِّ إِسْرَائِيلَ كَمَا تَكَلَّمَ الرَّبُّ، وَبَنَيْتُ الْبَيْتَ لاسْمِ الرَّبِّ إِلهِ إِسْرَائِيلَ،
मैंने मन्दिर में एक स्थान पवित्र सन्दूक के लिये बनाया है। उस पवित्र सन्दूक में वह साक्षीपत्र है जो वाचा यहोवा ने हमारे पूर्वजों के साथ किया था। यहोवा ने वह वाचा तब की जब वह हमारे पूर्वजों को मिस्र से बाहर ले आया था।”
وَجَعَلْتُ هُنَاكَ مَكَانًا لِلتَّابُوتِ الَّذِي فِيهِ عَهْدُ الرَّبِّ الَّذِي قَطَعَهُ مَعَ آبَائِنَا عِنْدَ إِخْرَاجِهِ إِيَّاهُمْ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ».
तब सुलैमान यहोवा की वेदी के सामने खड़ा हुआ। सभी लोग उसके सामने खड़े थे। राजा सुलैमान ने अपने हाथों को फैलाया और आकाश की ओर देखा।
وَوَقَفَ سُلَيْمَانُ أَمَامَ مَذْبَحِ الرَّبِّ تُجَاهَ كُلِّ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ، وَبَسَطَ يَدَيْهِ إِلَى السَّمَاءِ
उसने कहा, “हे यहोवा इस्राएल के परमेश्वर तेरे समान धरती पर या आकाश में कोई ईश्वर नहीं है। तूने अपने लोगों के साथ वाचा की क्योंकि तू उनसे प्रेम करता है और तूने अपनी वाचा को पूरा किया। तू उन लोगों के प्रति दयालू और स्नेहपूर्ण है जो तेरा अनुसरण करते हैं।
وَقَالَ: «أَيُّهَا الرَّبُّ إِلهُ إِسْرَائِيلَ، لَيْسَ إِلهٌ مِثْلَكَ فِي السَّمَاءِ مِنْ فَوْقُ، وَلاَ عَلَى الأَرْضِ مِنْ أَسْفَلُ، حَافِظُ الْعَهْدِ وَالرَّحْمَةِ لِعَبِيدِكَ السَّائِرِينَ أَمَامَكَ بِكُلِّ قُلُوبِهِمْ.
तूने अपने सेवक मेरे पिता दाऊद से, एक प्रतिज्ञा की थी और तूने वह पूरी की है। तूने वह प्रतिज्ञा स्वयं अपने मुँह से की थी और तूने अपनी महान शक्ति से उस प्रतिज्ञा को आज सत्य घटित होने दिया है।
الَّذِي قَدْ حَفِظْتَ لِعَبْدِكَ دَاوُدَ أَبِي مَا كَلَّمْتَهُ بِهِ، فَتَكَلَّمْتَ بِفَمِكَ وَأَكْمَلْتَ بِيَدِكَ كَهذَا الْيَوْمِ.
अब, यहोवा इस्राएल का परमेश्वर, उन अन्य प्रतिज्ञाओं को पूरा कर जो तूने अपने सेवक, मेरे पिता दाऊद से की थीं। तूने कहा था, ‘दाऊद जैसा तुमने किया वैसे ही तुम्हारी सन्तानों को मेरी आज्ञा का पालन सावाधानी से करना चाहिये। यदि वे ऐसा करेंगे तो सदा कोई न कोई तुम्हारे परिवार का व्यक्ति इस्राएल के लोगों पर शासन करेगा’
وَالآنَ أَيُّهَا الرَّبُّ إِلهُ إِسْرَائِيلَ احْفَظْ لِعَبْدِكَ دَاوُدَ أَبِي مَا كَلَّمْتَهُ بِهِ قَائِلاً: لاَ يُعْدَمُ لَكَ أَمَامِي رَجُلٌ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّ إِسْرَائِيلَ، إِنْ كَانَ بَنُوكَ إِنَّماَ يَحْفَظُونَ طُرُقَهُمْ حَتَّى يَسِيرُوا أَمَامِي كَمَا سِرْتَ أَنْتَ أَمَامِي.
और हे यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर, मैं फिर तुझसे माँगता हूँ कि तू कृपया मेरे पिता के साथ की गई प्रतिज्ञा को पूरी करता रहे।
وَالآنَ يَا إِلهَ إِسْرَائِيلَ فَلْيَتَحَقَّقْ كَلاَمُكَ الَّذِي كَلَّمْتَ بِهِ عَبْدَكَ دَاوُدَ أَبِي.
“किन्तु परमेस्वर, क्या तू सचमुच इस पृथ्वी पर हम लोगों के साथ रहेगा तुझको सारा आकाश और स्वर्ग के उच्चतम स्थान भी धारण नहीं कर सकते। निश्चय ही यह मन्दिर भी, जिसे मैंने बनाया है, तुझको धारण नहीं कर सकता।
لأَنَّهُ هَلْ يَسْكُنُ اللهُ حَقًّا عَلَى الأَرْضِ؟ هُوَذَا السَّمَاوَاتُ وَسَمَاءُ السَّمَاوَاتِ لاَ تَسَعُكَ، فَكَمْ بِالأَقَلِّ هذَا الْبَيْتُ الَّذِي بَنَيْتُ؟
किन्तु तू मेरी प्रार्थना और मेरे निवेदन पर ध्यान दे। मैं तेरा सेवक हूँ और तू मेरा यहोवा परमेश्वर है। इस प्रार्थना को तू स्वीकार कर जिसे आज मैं तुझसे कर रहा हूँ।
فَالْتَفِتْ إِلَى صَلاَةِ عَبْدِكَ وَإِلَى تَضَرُّعِهِ أَيُّهَا الرَّبُّ إِلهِي، وَاسْمَعِ الصُّرَاخَ وَالصَّلاَةَ الَّتِي يُصَلِّيهَا عَبْدُكَ أَمَامَكَ الْيَوْمَ.
बीते समय में तूने कहा था, ‘मेरा वहाँ सम्मान किया जायेगा।’ इसलिये कृपया इस मन्दिर की देख रेख दिन—रात कर। उस प्रार्थना को तू स्वीकार कर, जिसे मैं तुझसे इस समय मन्दिर में कह रहा हूँ।
لِتَكُونَ عَيْنَاكَ مَفْتُوحَتَيْنِ عَلَى هذَا الْبَيْتِ لَيْلاً وَنَهَارًا، عَلَى الْمَوْضِعِ الَّذِي قُلْتَ: إِنَّ اسْمِي يَكُونُ فِيهِ، لِتَسْمَعَ الصَّلاَةَ الَّتِي يُصَلِّيهَا عَبْدُكَ فِي هذَا الْمَوْضِعِ.
यहोवा, मैं और तेरे इस्राएल के लोग इस मन्दिर में आएंगे और प्रार्थना करेंगे। कृपया इन प्रार्थनाओं पर ध्यान दे। हम जानते हैं कि तू स्वर्ग में रहता है। हम तुझसे वहाँ से अपनी प्रार्थना सुनने और हमें क्षमा करने की याचना करते हैं।
وَاسْمَعْ تَضَرُّعَ عَبْدِكَ وَشَعْبِكَ إِسْرَائِيلَ الَّذِينَ يُصَلُّونَ فِي هذَا الْمَوْضِعِ، وَاسْمَعْ أَنْتَ فِي مَوْضِعِ سُكْنَاكَ فِي السَّمَاءِ، وَإِذَا سَمِعْتَ فَاغْفِرْ.
“यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के विरुद्ध कोई अपराध करेगा तो वह यहाँ तेरी वेदी के पास लाया जायेगा। यदि वह व्यक्ति दोषी नहीं है तो वह एक शपथ लेगा। वह शपथ लेगा कि वह निर्दोष है।
إِذَا أَخْطَأَ أَحَدٌ إِلَى صَاحِبِهِ وَوَضَعَ عَلَيْهِ حَلْفًا لِيُحَلِّفَهُ، وَجَاءَ الْحَلْفُ أَمَامَ مَذْبَحِكَ فِي هذَا الْبَيْتِ،
उस समय तू स्वर्ग में सुन और उस व्यक्ति के साथ न्याय कर। यदि वह व्यक्ति अपराधी है तो कृपया हमें स्पष्ट कर कि वह अपराधी है और यदि व्यक्ति निरपराध है तो हमें स्पष्ट कर कि वह अपराधी नहीं है।
فَاسْمَعْ أَنْتَ فِي السَّمَاءِ وَاعْمَلْ وَاقْضِ بَيْنَ عَبِيدِكَ، إِذْ تَحْكُمُ عَلَى الْمُذْنِبِ فَتَجْعَلُ طَرِيقَهُ عَلَى رَأْسِهِ، وَتُبَرِّرُ الْبَارَّ إِذْ تُعْطِيهِ حَسَبَ بِرِّهِ.
“कभी—कभी तेरे इस्राएल के लोग तेरे विरुद्ध पाप करेंगे और उनके शत्रु उन्हें पराजित करेंगे। तब लोग तेरे पास लौटेंगे और वे लोग इस मन्दिर में तेरी प्रार्थना करेंगे।
إِذَا انْكَسَرَ شَعْبُكَ إِسْرَائِيلُ أَمَامَ الْعَدُوِّ لأَنَّهُمْ أَخْطَأُوا إِلَيْكَ، ثُمَّ رَجَعُوا إِلَيْكَ وَاعْتَرَفُوا بِاسْمِكَ وَصَلَّوْا وَتَضَرَّعُوا إِلَيْكَ نَحْوَ هذَا الْبَيْتِ،
कृपया स्वर्ग से उनकी प्रार्थना को सुन। तब अपने इस्राएली लोगों के पापों को क्षमा कर और उनकी भूमि उन्हें फिर से प्राप्त करने दे। तूने यह भूमि उनके पूर्वजों को दी थी।
فَاسْمَعْ أَنْتَ مِنَ السَّمَاءِ وَاغْفِرْ خَطِيَّةَ شَعْبِكَ إِسْرَائِيلَ، وَأَرْجِعْهُمْ إِلَى الأَرْضِ الَّتِي أَعْطَيْتَهَا لآبَائِهِمْ.
“कभी—कभी वे तेरे विरुद्ध पाप करेंगे, और तू उनकी भूमि पर वर्षा होना बन्द कर देगा। तब वे इस स्थान की ओर मुँह करके प्रार्थना करेंगे और तेरे नाम की स्तुति करेंगे। तू उनको कष्ट सहने देगा और वे अपने पापों के लिये पश्चाताप करेंगे।
«إِذَا أُغْلِقَتِ السَّمَاءُ وَلَمْ يَكُنْ مَطَرٌ، لأَنَّهُمْ أَخْطَأُوا إِلَيْكَ، ثُمَّ صَلَّوْا فِي هذَا الْمَوْضِعِ وَاعْتَرَفُوا بِاسْمِكَ، وَرَجَعُوا عَنْ خَطِيَّتِهِمْ لأَنَّكَ ضَايَقْتَهُمْ،
इसलिये कृपया स्वर्ग में उनकी प्रार्थना को सुन। तब हम लोगों को हमारे पापों के लिये क्षमा कर। लोगों को सच्चा जीवन बिताने की शिक्षा दे। हे यहोवा तब कृपया तू उस भूमि पर वर्षा कर जिसे तूने उन्हें दिया है।
فَاسْمَعْ أَنْتَ مِنَ السَّمَاءِ وَاغْفِرْ خَطِيَّةَ عَبِيدِكَ وَشَعْبِكَ إِسْرَائِيلَ، فَتُعَلِّمَهُمُ الطَّرِيقَ الصَّالِحَ الَّذِي يَسْلُكُونَ فِيهِ، وَأَعْطِ مَطَرًا عَلَى أَرْضِكَ الَّتِي أَعْطَيْتَهَا لِشَعْبِكَ مِيرَاثًا.
“भूमि बहुत अधिक सूख सकती है और उस पर कोई अन्न उग नहीं सकेगा या संभव है लोगों में महामारी फैले। संभव है सारा पैदा हुआ अन्न कीड़े मकोड़ों द्वारा नष्ट कर दिया जाये या तेरे लोग अपने शत्रुओं के आक्रमण के शिकार बनें या तेरे अनेक लोग बीमार पड़ जायें।
إِذَا صَارَ فِي الأَرْضِ جُوعٌ، إِذَا صَارَ وَبَأٌ، إِذَا صَارَ لَفْحٌ أَوْ يَرَقَانٌ أَوْ جَرَادٌ جَرْدَمٌ، أَوْ إِذَا حَاصَرَهُ عَدُوُّهُ فِي أَرْضِ مُدُنِهِ، فِي كُلِّ ضَرْبَةٍ وَكُلِّ مَرَضٍ،
जब इनमें से कुछ भी घटित हो, और एक भी व्यक्ति अपने पापों के लिये पश्चाताप करे, और अपने हाथों को इस मन्दिर की ओर प्रार्थना में फैलाये तो
فَكُلُّ صَلاَةٍ وَكُلُّ تَضَرُّعٍ تَكُونُ مِنْ أَيِّ إِنْسَانٍ كَانَ مِنْ كُلِّ شَعْبِكَ إِسْرَائِيلَ، الَّذِينَ يَعْرِفُونَ كُلُّ وَاحِدٍ ضَرْبَةَ قَلْبِهِ، فَيَبْسُطُ يَدَيْهِ نَحْوَ هذَا الْبَيْتِ،
कृपया उसकी प्रार्थना को सुन। उसकी प्रार्थना को सुन जब तू अपने निवास स्थान स्वर्ग में है। तब लोगों को क्षमा कर और उनकी सहायता कर। केवल तू यह जानता है कि लोगों के मन में सचमुच क्या है अतः हर एक साथ न्याय कर और उनके प्रति न्यायशील रह।
فَاسْمَعْ أَنْتَ مِنَ السَّمَاءِ مَكَانِ سُكْنَاكَ وَاغْفِرْ، وَاعْمَلْ وَأَعْطِ كُلَّ إِنْسَانٍ حَسَبَ كُلِّ طُرُقِهِ كَمَا تَعْرِفُ قَلْبَهُ. لأَنَّكَ أَنْتَ وَحْدَكَ قَدْ عَرَفْتَ قُلُوبَ كُلِّ بَنِي الْبَشَرِ،
यह इसलिये कर कि तेरे लोग डरें और तेरा सम्मान तब तक सदैव करें जब तक वे इस भूमि पर रहें जिसे तूने हमारे पूर्वजों को दिया था।
لِكَيْ يَخَافُوكَ كُلَّ الأَيَّامِ الَّتِي يَحْيَوْنَ فِيهَا عَلَى وَجْهِ الأَرْضِ الَّتِي أَعْطَيْتَ لآبَائِنَا.
“अन्य स्थानों के लोग तेरी महानता और तेरी शक्ति के बारे में सुनेंगे। वे बहुत दूर से इस मन्दिर में प्रार्थना करने आएंगे।
وَكَذلِكَ الأَجْنَبِيُّ الَّذِي لَيْسَ مِنْ شَعْبِكَ إِسْرَائِيلَ هُوَ، وَجَاءَ مِنْ أَرْضٍ بَعِيدَةٍ مِنْ أَجْلِ اسْمِكَ،
“अन्य स्थानों के लोग तेरी महानता और तेरी शक्ति के बारे में सुनेंगे। वे बहुत दूर से इस मन्दिर में प्रार्थना करने आएंगे।
لأَنَّهُمْ يَسْمَعُونَ بِاسْمِكَ الْعَظِيمِ وَبِيَدِكَ الْقَوِيَّةِ وَذِرَاعِكَ الْمَمْدُودَةِ، فَمَتَى جَاءَ وَصَلَّى فِي هذَا الْبَيْتِ،
कृपया अपने निवास स्थान, स्वर्ग से उनकी प्रार्थना सुन। कृपया तू वह सब कुछ प्रदान कर जिसे अन्य स्थानों के लोग तुझसे माँगें। तब वे लोग भी इस्राएली लोगों की तरह ही तुझसे डरेंगे और तेरा सम्मान करेंगे।
فَاسْمَعْ أَنْتَ مِنَ السَّمَاءِ مَكَانِ سُكْنَاكَ، وَافْعَلْ حَسَبَ كُلِّ مَا يَدْعُو بِهِ إِلَيْكَ الأَجْنَبِيُّ، لِكَيْ يَعْلَمَ كُلُّ شُعُوبِ الأَرْضِ اسْمَكَ، فَيَخَافُوكَ كَشَعْبِكَ إِسْرَائِيلَ، وَلِكَيْ يَعْلَمُوا أَنَّهُ قَدْ دُعِيَ اسْمُكَ عَلَى هذَا الْبَيْتِ الَّذِي بَنَيْتُ.
“कभी—कभी तू अपने लोगों को अपने शत्रुओं के विरुद्ध जाने और उनसे युद्ध करने का आदेश देगा। तब तेरे लोग तेरे चुने हुए इस नगर और मेरे बनाये हुए मन्दिर की ओर अभिमुख होंगे। जिसे मैंने तेरे सम्मान में बनाया है और वे तेरी प्रार्थना करेंगे।
«إِذَا خَرَجَ شَعْبُكَ لِمُحَارَبَةِ عَدُوِّهِ فِي الطَّرِيقِ الَّذِي تُرْسِلُهُمْ فِيهِ، وَصَلَّوْا إِلَى الرَّبِّ نَحْوَ الْمَدِينَةِ الَّتِي اخْتَرْتَهَا وَالْبَيْتِ الَّذِي بَنَيْتُهُ لاسْمِكَ،
उस समय तू अपने निवास स्थान स्वर्ग से उनकी प्रार्थनाओं को सुन और उनकी सहायता कर।
فَاسْمَعْ مِنَ السَّمَاءِ صَلاَتَهُمْ وَتَضَرُّعَهُمْ وَاقْضِ قَضَاءَهُمْ.
“तेरे लोग तेरे विरुद्ध पाप करेंगे। मैं इसे इसलिये जानता हूँ क्योंकि हर एक व्यक्ति पाप करता है और तू अपने लोगों पर क्रोधित होगा। तू उनके शत्रुओं को उन्हें हराने देगा। उनके शत्रु उन्हें बनदी बनाएंगे और उन्हें किसी बहुत दूर के देश में ले जाएंगे।
إِذَا أَخْطَأُوا إِلَيْكَ، لأَنَّهُ لَيْسَ إِنْسَانٌ لاَ يُخْطِئُ، وَغَضِبْتَ عَلَيْهِمْ وَدَفَعْتَهُمْ أَمَامَ الْعَدُوِّ وَسَبَاهُمْ، سَابُوهُمْ إِلَى أَرْضِ الْعَدُوِّ، بَعِيدَةً أَوْ قَرِيبَةً،
उस दूर के देश में तेरे लोग समझेंगे कि क्या हो गया है। वे अपने पापों के लिये पश्चाताप करेंगे और तुझसे प्रार्थना करेंगे। वे कहेंगे, ‘हमने पाप और अपराध किया है।’
فَإِذَا رَدُّوا إِلَى قُلُوبِهِمْ فِي الأَرْضِ الَّتِي يُسْبَوْنَ إِلَيْهَا وَرَجَعُوا وَتَضَرَّعُوا إِلَيْكَ فِي أَرْضِ سَبْيِهِمْ قَائِلِينَ: قَدْ أَخْطَأْنَا وَعَوَّجْنَا وَأَذْنَبْنَا.
वे उस दूर के देश में रहेंगे। किन्तु यदि वे इस देश जिसे तूने उनके पूर्वजों को दिया और तेरे चुने नगर और इस मन्दिर जिसे मैंने तेरे सम्मान में बनाया है। उसकी ओर मुख करके तुझसे प्रार्थना करेंगे।
وَرَجَعُوا إِلَيْكَ مِنْ كُلِّ قُلُوبِهِمْ وَمِنْ كُلِّ أَنْفُسِهِمْ فِي أَرْضِ أَعْدَائِهِمُِ الَّذِينَ سَبَوْهُمْ، وَصَلَّوْا إِلَيْكَ نَحْوَ أَرْضِهِمُِ الَّتِي أَعْطَيْتَ لآبَائِهِمْ، نَحْوَ الْمَدِينَةِ الَّتِي اخْتَرْتَ وَالْبَيْتِ الَّذِي بَنَيْتُ لاسْمِكَ،
तो तू कृपया अपने निवास स्थान स्वर्ग से उनकी सुन।
فَاسْمَعْ فِي السَّمَاءِ مَكَانِ سُكْنَاكَ صَلاَتَهُمْ وَتَضَرُّعَهُمْ وَاقْضِ قَضَاءَهُمْ،
अपने लोगों को सभी पापों के लिये क्षमा कर दे और तू अपने विरोध में हुए पाप के लिये उन्हें क्षमा कर उनके शत्रुओं को उनके प्रति दयालु बना।
وَاغْفِرْ لِشَعْبِكَ مَا أَخْطَأُوا بِهِ إِلَيْكَ، وَجَمِيعَ ذُنُوبِهِمِ الَّتِي أَذْنَبُوا بِهَا إِلَيْكَ، وَأَعْطِهِمْ رَحْمَةً أَمَامَ الَّذِينَ سَبَوْهُمْ فَيَرْحَمُوهُمْ،
याद रख कि वे तेरे लोग हैं, याद रख कि तू उन्हें मिस्र से बाहर लाया। यह वैसा ही था जैसा तूने जलती भट्टी से उन्हें पकड़ कर खींच लिया हो!
لأَنَّهُمْ شَعْبُكَ وَمِيرَاثُكَ الَّذِينَ أَخْرَجْتَ مِنْ مِصْرَ، مِنْ وَسَطِ كُورِ الْحَدِيدِ.
“यहोवा परमेश्वर, कृपया मेरी प्रार्थना और अपने इस्राएली लोगों की प्रार्थना सुन। उनकी प्रार्थना, जब कभी वे तेरी सहायता के लिये करें, सुन।
لِتَكُونَ عَيْنَاكَ مَفْتُوحَتَيْنِ نَحْوَ تَضَرُّعِ عَبْدِكَ وَتَضَرُّعِ شَعْبِكَ إِسْرَائِيلَ، فَتُصْغِيَ إِلَيْهِمْ فِي كُلِّ مَا يَدْعُونَكَ،
तूने उन्हें पृथ्वी के सारे मनुष्यों में से अपना विशेष लोग होने के लिये चुना है। यहोवा तूने उसे हमारे लिये करने की प्रतिज्ञा की है। तूने हमारे पूर्वजों को मिस्र से बाहर लाते समय यह प्रतिज्ञा अपने सेवक मूसा के माध्यम से की थी।”
لأَنَّكَ أَنْتَ أَفْرَزْتَهُمْ لَكَ مِيرَاثًا مِنْ جَمِيعِ شُعُوبِ الأَرْضِ، كَمَا تَكَلَّمْتَ عَنْ يَدِ مُوسَى عَبْدِكَ عِنْدَ إِخْرَاجِكَ آبَاءَنَا مِنْ مِصْرَ يَاسَيِّدِي الرَّبَّ».
सुलैमान ने परमेश्वर से यह प्रार्थना की। वह वेदी के सामने अपने घुटनों के बल था। सुलैमान ने स्वर्ग की ओर भुजायें उठाकर प्रार्थना की। तब सुलैमान ने प्रार्थना पूरी की और वह उठ खड़ा हुआ।
وَكَانَ لَمَّا انْتَهَى سُلَيْمَانُ مِنَ الصَّلاَةِ إِلَى الرَّبِّ بِكُلِّ هذِهِ الصَّلاَةِ وَالتَّضَرُّعِ، أَنَّهُ نَهَضَ مِنْ أَمَامِ مَذْبَحِ الرَّبِّ، مِنَ الْجُثُوِّ عَلَى رُكْبَتَيْهِ، وَيَدَاهُ مَبْسُوطَتَانِ نَحْوَ السَّمَاءِ،
तब उसने उच्च स्वर में इस्राएल के सभी लोगों को आशीर्वाद देने के लिये परमेश्वर से याजना की। सुलैमान ने कहा:
وَوَقَفَ وَبَارَكَ كُلَّ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ بِصَوْتٍ عَال قَائِلاً:
“यहोवा की स्तुति करो! उसने प्रतिज्ञा की, कि वह अपने इस्राएल के लोगों को शान्ति देगा और उसने हमें शान्ति दी है! यहोवा ने अपने सेवक मूसा का उपयोग किया और इस्राएल के लोगों के लिये बहुत सी अच्छी प्रतिज्ञायें कीं और यहोवा ने उन हर एक प्रतिज्ञाओं को पूरा किया है।
«مُبَارَكٌ الرَّبُّ الَّذِي أَعْطَى رَاحَةً لِشَعْبِهِ إِسْرَائِيلَ حَسَبَ كُلِّ مَا تَكَلَّمَ بِهِ، وَلَمْ تَسْقُطْ كَلِمَةٌ وَاحِدَةٌ مِنْ كُلِّ كَلاَمِهِ الصَّالِحِ الَّذِي تَكَلَّمَ بِهِ عَنْ يَدِ مُوسَى عَبْدِهِ.
मैं प्रार्थना करता हूँ कि यहोवा, हमारा परमेश्वर हम लोगों के साथ उसी तरह रहेगा जैसे वह हमारे पूर्वजों के साथ रहा। मैं प्रार्थना करता हूँ कि यहोवा हमे कभी नहीं त्यागेगा।
لِيَكُنِ الرَّبُّ إِلهُنَا مَعَنَا كَمَا كَانَ مَعَ آبَائِنَا فَلاَ يَتْرُكَنَا وَلاَ يَرْفُضَنَا.
मैं प्रार्थना करता हूँ कि हम उसकी ओर अभिमुख होंगे और उसका अनुसरण करेंगे। तब हम लोग उसके सभी नियमों, निर्णयों और आदेशों का पालन करेंगे जिन्हें उसने हमारे पूर्वजों को दिया।
لِيَمِيلَ بِقُلُوبِنَا إِلَيْهِ لِكَيْ نَسِيرَ فِي جَمِيعِ طُرُقِهِ وَنَحْفَظَ وَصَايَاهُ وَفَرَائِضَهُ وَأَحْكَامَهُ الَّتِي أَوْصَى بِهَا آبَاءَنَا.
मैं आशा करता हूँ कि यहोवा हमारा परमेश्वर सदैव इस प्रार्थना को और जिन वस्तुओं की मैंने याचना की है, याद रखेगा। मैं प्रार्थना करता हूँ कि यहोवा अपने सेवक राजा और अपने लोग इस्राएल के लिये ये सब कुछ करेगा। मैं प्रार्थना करता हूँ कि वह प्रतिदिन यह करेगा।
وَلِيَكُنْ كَلاَمِي هذَا الَّذِي تَضَرَّعْتُ بِهِ أَمَامَ الرَّبِّ قَرِيبًا مِنَ الرَّبِّ إِلهِنَا نَهَارًا وَلَيْلاً، لِيَقْضِيَ قَضَاءَ عَبْدِهِ وَقَضَاءَ شَعْبِهِ إِسْرَائِيلَ، أَمْرَ كُلِّ يَوْمٍ فِي يَوْمِهِ.
यदि यहोवा इन कामों को करेगा तो संसार के सभी व्यक्ति यह जानेंगे कि मात्र यहोवा ही सत्य परमेश्वर है।
لِيَعْلَمَ كُلُّ شُعُوبِ الأَرْضِ أَنَّ الرَّبَّ هُوَ اللهُ وَلَيْسَ آخَرُ.
ऐ लोगो, तुम्हें यहोवा, हमारे परमेश्वर का भक्त और उसके प्रति सच्चा होना चाहिये। तुम्हें उसके सभी नियमों और आदेशों का अनुसरण और पालन करना चाहिये। तुम्हें इस समय की तरह, भविष्य में भी उसकी आज्ञा का पालन करते रहना चाहिये।”
فَلِْيَكُنْ قَلْبُكُمْ كَامِلاً لَدَى الرَّبِّ إِلهِنَا إِذْ تَسِيرُونَ فِي فَرَائِضِهِ وَتَحْفَظُونَ وَصَايَاهُ كَهذَا الْيَوْمِ».
तब राजा सुलैमान और उसके साथ के इस्राएल के लोगों ने यहोवा को बलि—भेंट की।
ثُمَّ إِنَّ الْمَلِكَ وَجَمِيعَ إِسْرَائِيلَ مَعَهُ ذَبَحُوا ذَبَائِحَ أَمَامَ الرَّبِّ،
सुलैमान ने बाईस हजार पशुओं और एक लाख बीस हजार भेड़ों को मारा। ये सहभागिता भेटों के लिये थीं। यही पद्धति थी जिससे राजा और इस्राएल के लोगों ने मन्दिर का समर्पण किया अर्थात् उन्होंने यह प्रदर्शित किया कि उन्होंने मन्दिर को यहोवा को अर्पित किया।
وَذَبَحَ سُلَيْمَانُ ذَبَائِحَ السَّلاَمَةِ الَّتِي ذَبَحَهَا لِلرَّبِّ: مِنَ الْبَقَرِ اثْنَيْنِ وَعِشْرِينَ أَلْفًا، وَمِنَ الْغَنَمِ مِئَةَ أَلْفٍ وَعِشْرِينَ أَلْفًا، فَدَشَّنَ الْمَلِكُ وَجَمِيعُ بَنِي إِسْرَائِيلَ بَيْتَ الرَّبِّ.
उसी दिन राजा सुलैमान ने मन्दिर के सामने का आँगन समर्पित किया। उसने होमबलि, अन्नबलि और मेलबलि के रूप में काम आये जानवरों की चर्बी की भेंटें चढ़ाई। राजा सुलैमान ने ये भेंटें आँगन में चढ़ाई। उसने यह इसलिये किया कि इन सारी भेंटों को धारण करने के लिये यहोवा के सामने की काँसे की वेदी अत्याधिक छोटी थी।
فِي ذلِكَ الْيَوْمِ قَدَّسَ الْمَلِكُ وَسَطَ الدَّارِ الَّتِي أَمَامَ بَيْتِ الرَّبِّ، لأَنَّهُ قَرَّبَ هُنَاكَ الْمُحْرَقَاتِ وَالتَّقْدِمَاتِ وَشَحْمَ ذَبَائِحِ السَّلاَمَةِ، لأَنَّ مَذْبَحَ النُّحَاسِ الَّذِي أَمَامَ الرَّبِّ كَانَ صَغِيرًا عَنْ أَنْ يَسَعَ الْمُحْرَقَاتِ وَالتَّقْدِمَاتِ وَشَحْمَ ذَبَائِحِ السَّلاَمَةِ.
इस प्रकार मन्दिर में राजा सुलैमान और इस्राएल के सारे लोगों ने पर्व मनाया। सारा इस्राएल, उत्तर में हमात दर्रे से लेकर दक्षिण में मिस्र की सीमा तक, वहाँ था। वहाँ असंख्य लोग थे। उन्होंने खाते पीते, सात दिन यहोवा के साथ मिलकर आनन्द मनाया। तब वे अगले सात दिनों तक वहाँ ठहरे। उन्होंने सब मिलाकर चौदह दिनों तक उत्सव मनाया।
وَعَيَّدَ سُلَيْمَانُ الْعِيدَ فِي ذلِكَ الْوَقْتِ وَجَمِيعُ إِسْرَائِيلَ مَعَهُ، جُمْهُورٌ كَبِيرٌ مِنْ مَدْخَلِ حَمَاةَ إِلَى وَادِي مِصْرَ، أَمَامَ الرَّبِّ إِلهِنَا سَبْعَةَ أَيَّامٍ وَسَبْعَةَ أَيَّامٍ، أَرْبَعَةَ عَشَرَ يَوْمًا.
अगले दिन सुलैमान ने लोगों से घर जाने को कहा। सभी लोगों ने राजा को धन्यवाद दिया, विदा ली और वे घर चले गये। वे प्रसन्न थे क्योंकि यहोवा ने अपने सेवक दाऊद के लिये और इस्राएल के लोगों के लिये बहुत सारी अच्छी चीज़ें की थीं।
وَفِي الْيَوْمِ الثَّامِنِ صَرَفَ الشَّعْبَ، فَبَارَكُوا الْمَلِكَ وَذَهَبُوا إِلَى خِيَمِهِمْ فَرِحِينَ وَطَيِّبِي الْقُلُوبِ، لأَجْلِ كُلِّ الْخَيْرِ الَّذِي عَمِلَ الرَّبُّ لِدَاوُدَ عَبْدِهِ وَلإِسْرَائِيلَ شَعْبِهِ.