أَيُّهَا الإِخْوَةُ، إِنِ انْسَبَقَ إِنْسَانٌ فَأُخِذَ فِي زَلَّةٍ مَا، فَأَصْلِحُوا أَنْتُمُ الرُّوحَانِيِّينَ مِثْلَ هذَا بِرُوحِ الْوَدَاعَةِ، نَاظِرًا إِلَى نَفْسِكَ لِئَلاَّ تُجَرَّبَ أَنْتَ أَيْضًا.
हे भाईयों, तुममें से यदि कोई व्यक्ति कोई पाप करते पकड़ा जाए तो तुम आध्यात्मिक जनों को चाहिये कि नम्रता के साथ उसे धर्म के मार्ग पर वापस लाने में सहायता करो। और स्वयं अपने लिये भी सावधानी बरतो कि कहीं तुम स्वयं भी किसी परीक्षा में न पड़ जाओ।