فَقَالَ بُولُسُ:«كُنْتُ أُصَلِّي إِلَى اللهِ أَنَّهُ بِقَلِيل وَبِكَثِيرٍ، لَيْسَ أَنْتَ فَقَطْ، بَلْ أَيْضًا جَمِيعُ الَّذِينَ يَسْمَعُونَنِي الْيَوْمَ، يَصِيرُونَ هكَذَا كَمَا أَنَا، مَا خَلاَ هذِهِ الْقُيُودَ».
पौलुस ने उत्तर दिया, “थोड़े समय में, चाहे अधिक समय में, परमेश्वर से मेरी प्रार्थना है कि न केवल तू बल्कि वे सब भी, जो आज मुझे सुन रहे हैं, वैसे ही हो जायें, जैसा मैं हूँ, सिवाय इन ज़ंजीरों के।”