وَكَانَ أَبْشَالُومُ يُبَكِّرُ وَيَقِفُ بِجَانِبِ طَرِيقِ الْبَابِ، وَكُلُّ صَاحِبِ دَعْوَى آتٍ إِلَى الْمَلِكِ لأَجْلِ الْحُكْمِ، كَانَ أَبْشَالُومُ يَدْعُوهُ إِلَيْهِ وَيَقُولُ: «مِنْ أَيَّةِ مَدِينَةٍ أَنْتَ؟» فَيَقُولُ: «مِنْ أَحَدِ أَسْبَاطِ إِسْرَائِيلَ عَبْدُكَ».
अबशालोम सवेरे उठ जाता और द्वार के निकट खड़ा होता। यदि कोई व्यक्ति ऐसा होता जिसकी कोई समस्या होती और न्याय के लिये राजा दाऊद के पास आया होता तो अबशालोम उससे पूछता, “तुम किस नगर के हो?” वह व्यक्ति उत्तर देता, “मैं अमुक हूँ और इस्राएल के अमुक परिवार समूह का हूँ।”