इसलिये योआब ने तकोआ का एक दूत वहाँ से एक बुद्धिमती स्त्री को लाने के लिये भेजा। योआब ने इस बुद्धिमती स्त्री से कहा, “कृपया बहुत अधिक शोकग्रस्त होने का दिखावा करो। शोक—वस्त्र पहन लो, तेल न लगाओ। वैसी स्त्री का व्यवहार करो जो किसी मृत के लिये कई दिन से रो रही है।
अब सारा परिवार मेरे विरुद्ध है। वे मुझसे कहते थे, ‘उस पुत्र को लाओ जिसने अपने भाई को मार डाला। तब हम उसे मार डालेंगे, क्योंकि उसने अपने भाई को मार डाला था।’ इस प्रकार उसके उत्तराधिकारी से छुटकारा मिल सकता है। मेरा पुत्र अग्नि की आखिरी चिन्गारी की तरह होगा, और वह अन्तिम चिनगारी जलेगी और बुझ जाएगी। तब मेरे मृत पति का नाम और उसकी सम्पत्ति इस धरती से मिट जायेगी।”
स्त्री ने कहा, “कृपया अपने यहोवा परमेश्वर के नाम पर शपथ लें कि आप इन लोगों को रोकेंगे। तब वे लोग जो हत्यारे को दण्ड देना चहाते हैं मेरे पुत्र को दण्ड नहीं देंगे।” दाऊद ने कहा, “यहोवा शाश्वत है, तुम्हारे पुत्र को कोई व्यक्ति चोट नहीं पहुँचायेगा। तुम्हारे पुत्र का एक बाल भी बाँका नहीं होगा।”
तब उस स्त्री ने कहा, “आपने परमेश्वर के लोगों के विरुद्ध यह योजना क्यों बनाई है? हाँ, जब आप यह कहते हैं आप यह प्रकट करते हैं कि आप अपराधी हैं। क्यों? क्योंकि आप अपने पुत्र को वापस नहीं ला सके हैं जिसे आपने घर छोड़ने को विवश किया था।
यह सही है कि हम सभी किसी दिन मरेंगे। हम लोग उस पानी की तरह हैं जो भूमि पर फेंका गया है। कोई भी व्यक्ति भूमि से उस पानी को इकट्ठा नहीं कर सकता। किन्तु परमेश्वर माफ करता है। उसके पास उन लोगों के लिए एक योजना है जो अपना घर छोड़ने को विवश किये गए हैं—परमेश्वर उनको अपने से अलग नहीं करता।
मेर प्रभु, राजा मैं यह बात कहने आपके पास आई। क्यों? क्योंकि लोगों ने मुझे भयभीत किया। मैंने अपने मन में कहा कि, ‘मैं राजा से बात करूँगी। सम्भव है राजा मेरी सुनेंगे।
राजा मेरी सुनेंगे, और मेरी रक्षा उस व्यक्ति से करेंगे जो मुझे और मेरे पुत्र दोनों को मारना चाहते हैं और उन चीजों को प्राप्त करने से रोकना चाहते हैं जिन्हें परमेश्वर ने हमें दी है।’
मैं जानती हूँ कि मेरे राजा मेरे प्रभु के शब्द मुझे शान्ति देंगे क्योंकि आप परमेश्वर के दूत के समान होंगे। आप समझेंगे कि क्या अच्छा और क्या बुरा है। यहोवा आपका परमेश्वर, आपके साथ होगा।”
राजा दाऊद ने उस स्त्री को उत्तर दिया, “तुम्हें उस प्रश्न का उत्तर देना चाहिये जिसे मैं तुमसे पूछूँगा” उस स्त्री ने कहा, “मेरे प्रभु, राजा, कृपया अपना प्रश्न पूछें।”
राजा ने कहा, “क्या योआब ने ये सारी बातें तुमसे कहने को कहा है?” उस स्त्री ने जवाब दिया, “मेरे प्रभु राजा, आपके जीवन की शपथ, आप सही हैं। आपके सेवक योआब ने ये बातें कहने के लिये कहा।
योआब ने यह इसलिये किया जिससे आप तथ्यों को दूसरी दृष्टी से देखेंगे। मेरे प्रभु आप परमेश्वर के दूत के समन बुद्धिमान हैं। आप सब कुछ जानते हैं जो पृथ्वी पर होता है।”
योआब ने भूमि तक अपना माथा झुकाया। उसने राजा दाऊद के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा, “आज मैं समझता हूँ कि आप मुझ पर प्रसन्न हैं। मैं यह समझता हूँ क्योंकि आपने वही किया जो मेरी माँग थी।”
किन्तु राजा दाऊद ने कहा, “अबशालोम अपने घर को लौट सकता है। वह मुझसे मिलने नहीं आ सकता।” इसलिये अबशालोम अपने घर को लौट गया। अबशालोम राजा से मिलने नहीं जा सका।
अबशालोम की अत्याधिक प्रशंसा उसके सुन्दर रूप के लिये थी। इस्राएल में कोई व्यक्ति इतना सुन्दर नहीं था जितना अबशालोम । अबशालोम के सिर से पैर तक कोई दोष नहीं था।
अबशालोम ने योआब के पास दूत भेजे। इन दूतों ने योआब से कहा कि तुम अबशालोम को राजा के पास भेजो। किन्तु योआब अबशालोम से मिलने नहीं आया। अबशालोम ने दूसरी बार सन्देश भेजा। किन्तु योआब ने फिर भी आना अस्वीकार किया।
तब अबशालोम ने अपने सेवकों से कहा, “देखो, योआब का खेत मेरे खेत से लगा है। उसके खेत में जौ की फसल है। जाओ और जौ को जला दो।” इसलिये अबशालोम के सेवक गए और योआब के खेत में आग लगानी आरम्भ की ।
अबशालोम ने योआब से कहा, “मैंने तुमको सन्देश भेजा। मैंने तुमसे यहाँ आने को कहा। मैं तुम्हें राजा के पास भेजना चाहता था। मैं उससे पूछना चाहता था कि उसने गशूर से मुझे घर क्यों बुलाया। मैं उससे मिल नहीं सकता, अत: मेरे लिये गशूर में रहना कहीं अधिक अच्छा था। अब मुझे राजा से मिलने दो। यदि मैंने पाप किया है तो वह मुझे मार सकता है।”
तब योआब राजा के पास आया और अबशालोम का कहा हुआ सुनाया। राजा ने अबशालोम को बुलाया। तब अबशालोम राजा के पास आया। अबशालोम ने राजा के सामने भूमि पर माथा टेक कर प्रणाम किया, और राजा ने अबशालोम का चुम्बन किया।