Psalms 17

oratio David audi Deus iustum intende deprecationem meam auribus percipe orationem meam absque labiis mendacii
हे यहोवा, मेरी प्रार्थना न्याय के निमित्त सुन। मैं तुझे ऊँचे स्वर से पुकार रहा हूँ। मैं अपनी बात ईमानदारी से कह रहा हूँ। सो कृपा करके मेरी प्रार्थना सुन।
de vultu tuo iudicium meum prodeat oculi tui videant aequitates
यहोवा तू ही मेरा उचित न्याय करेगा। तू ही सत्य को देख सकता है।
probasti cor meum visitasti nocte conflasti me et non invenisti
मेरा मन परखने को तूने उसके बीच गहरा झाँक लिया है। तू मेरे संग रात भर रहा, तूने मुझे जाँचा, और तुझे मुझ में कोई खोट न मिला। मैंने कोई बुरी योजना नहीं रची थी।
cogitationes meas transire os meum in opere hominum propter verbum labiorum tuorum ego observavi vias latronis
तेरे आदेशों को पालने में मैंने कठिन यत्न किया जितना कि कोई मनुष्य कर सकता है।
sustenta gressus meos in callibus tuis et non labentur vestigia mea
मैं तेरी राहों पर चलता रहा हूँ। मेरे पाँव तेरे जीवन की रीति से नहीं डिगे।
ego invocavi te quia exaudies me Deus inclina aurem tuam mihi audi eloquium meum
हे परमेश्वर, मैंने हर किसी अवसर पर तुझको पुकारा है और तूने मुझे उत्तर दिया है। सो अब भी तू मेरी सुन।
mirabilem fac misericordiam tuam salvator sperantium
हे परमेश्वर, तू अपने भक्तों की सहायता करता है। उनकी जो तेरे दाहिने रहते हैं। तू अपने एक भक्त की यह प्रार्थना सुन।
a resistentibus dexterae tuae custodi me quasi pupillam intus in oculo in umbra alarum tuarum protege me
मेरी रक्षा तू निज आँख की पुतली समान कर। मुझको अपने पंखों की छाया तले तू छुपा ले।
a facie impiorum vastantium me inimici mei animam meam circumdederunt
हे यहोवा, मेरी रक्षा उन दुष्ट जनों से कर जो मुझे नष्ट करने का यत्न कर रहे हैं। वे मुझे घेरे हैं और मुझे हानि पहुँचाने को प्रयत्नशील हैं।
adipe suo concluserunt et ore locuti sunt superbe
दुष्ट जन अभिमान के कारण परमेश्वर की बात पर कान नहीं लगाते हैं। ये अपनी ही ढींग हाँकते रहते हैं।
incedentes adversum me nunc circumdederunt me oculos suos posuerunt declinare in terram
वे लोग मेरे पीछे पड़े हुए हैं, और मैं अब उनके बीच में घिर गया हूँ। वे मुझ पर वार करने को तैयार खड़े हैं।
similitudo eius quasi leonis desiderantis praedam et quasi catuli leonis sedentis in absconditis
वे दुष्ट जन ऐसे हैं जैसे कोई सिंह घात में अन्य पशु को मारने को बैठा हो। वे सिंह की तरह झपटने को छिपे रहते हैं।
surge Domine praeveni faciem eius incurva eum salva animam meam ab impio qui est gladius tuus
हे यहोवा, उठ! शत्रु के पास जा, और उन्हें अस्त्र शस्त्र डालने को विवश कर। निज तलवार उठा और इन दुष्ट जनों से मेरी रक्षा कर।
a viris manus tuae Domine qui mortui sunt in profundo quorum pars in vita et quorum de absconditis tuis replesti ventrem qui satiabuntur filiis et dimittent reliquias suas parvulis eorum
हे यहोवा, जो व्यक्ति सजीव हैं उनकी धरती से दुष्टों को अपनी शक्ति से दूर कर। हे यहोवा, बहुतेरे तेरे पास शरण माँगने आते हैं। तू उनको बहुतायत से भोजन दे। उनकी संतानों को परिपूर्ण कर दे। उनके पास निज बच्चों को देने के लिये बहुतायत से धन हो।
ego in iustitia videbo faciem tuam implebor cum evigilavero similitudine tua
मेरी विनय न्याय के लिये है। सो मैं यहोवा के मुख का दर्शन करुँगा। हे यहोवा, तेरा दर्शन करते ही, मैं पूरी तरह सन्तुष्ट हो जाऊँगा।