Hebrews 5

omnis namque pontifex ex hominibus adsumptus pro hominibus constituitur in his quae sunt ad Deum ut offerat dona et sacrificia pro peccatis
प्रत्येक महायाजक मनुष्यों में से ही चुना जाता है। और परमात्मा सम्बन्धी विषयों में लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए उसकी नियुक्ति की जाती है ताकि वह पापों के लिए भेंट या बलियाँ चढ़ाए।
qui condolere possit his qui ignorant et errant quoniam et ipse circumdatus est infirmitate
क्योंकि वह स्वयं भी दुर्बलताओं के अधीन है, इसलिए वह ना समझों और भटके हुओं के साथ कोमल व्यवहार कर सकता है।
et propter eam debet quemadmodum et pro populo ita etiam pro semet ipso offerre pro peccatis
इसलिए उसे अपने पापों के लिए और वैसे ही लोगों के पापों के लिए बलियाँ चढ़ानी पड़ती हैं।
nec quisquam sumit sibi honorem sed qui vocatur a Deo tamquam Aaron
इस सम्मान को कोई भी अपने पर नहीं लेता। जब तक कि हारून के समान परमेश्वर की ओर से ठहराया न जाता।
sic et Christus non semet ipsum clarificavit ut pontifex fieret sed qui locutus est ad eum Filius meus es tu ego hodie genui te
इसी प्रकार मसीह ने भी महायाजक बनने की महिमा को स्वयं ग्रहण नहीं किया, बल्कि परमेश्वर ने उससे कहा, “तू मेरा पुत्र है; आज मैं तेरा पिता बना हूँ।” भजन संहिता 2:7
quemadmodum et in alio dicit tu es sacerdos in aeternum secundum ordinem Melchisedech
और एक अन्य स्थान पर भी वह कहता है, “तू एक शाश्वत याजक है, मिलिकिसिदक के जैसा!” भजन संहिता 110:4
qui in diebus carnis suae preces supplicationesque ad eum qui possit salvum illum a morte facere cum clamore valido et lacrimis offerens et exauditus pro sua reverentia
यीशु ने इस धरती पर के जीवनकाल में जो उसे मृत्यु से बचा सकता था, ऊँचे स्वर में पुकारते हुए और रोते हुए उससे प्रार्थनाएँ तथा विनतियाँ की थीं और आदरपूर्ण समर्पण के कारण उसकी सुनी गयी।
et quidem cum esset Filius didicit ex his quae passus est oboedientiam
यद्यपि वह उसका पुत्र था फिर भी यातनाएँ झेलते हुए उसने आज्ञा का पालन करना सीखा।
et consummatus factus est omnibus obtemperantibus sibi causa salutis aeternae
और एक बार सम्पूर्ण बन जाने पर उन सब के लिए जो उसकी आज्ञा का पालन करते हैं, वह अनन्त छुटकारे का स्रोत बन गया।
appellatus a Deo pontifex iuxta ordinem Melchisedech
तथा परमेश्वर के द्वारा मिलिकिसिदक की परम्परा में उसे महायाजक बनाया गया।
de quo grandis nobis sermo et ininterpretabilis ad dicendum quoniam inbecilles facti estis ad audiendum
इसके विषय में हमारे पास कहने को बहुत कुछ है, पर उसकी व्याख्या कठिन है क्योंकि तुम्हारी समझ बहुत धीमी है।
etenim cum deberetis magistri esse propter tempus rursum indigetis ut vos doceamini quae sint elementa exordii sermonum Dei et facti estis quibus lacte opus sit non solido cibo
वास्तव में इस समय तक तो तुम्हें शिक्षा देने वाला बन जाना चाहिए था। किन्तु तुम्हें तो अभी किसी ऐसे व्यक्ति की ही आवश्यकता है जो तुम्हें नए सिरे से परमेश्वर की शिक्षा की प्रारम्भिक बातें ही सिखाए। तुम्हें तो बस अभी दूध ही चाहिए, ठोस आहार नहीं।
omnis enim qui lactis est particeps expers est sermonis iustitiae parvulus enim est
जो अभी दुध-मुहा बच्चा ही है, उसे धार्मिकता के वचन की पहचान नहीं होती।
perfectorum autem est solidus cibus eorum qui pro consuetudine exercitatos habent sensus ad discretionem boni ac mali
किन्तु ठोस आहार तो उन बड़ों के लिए ही होता है जिन्होंने अपने अनुभव से भले-बुरे में पहचान करना सीख लिया है।