I John 2

filioli mei haec scribo vobis ut non peccetis sed et si quis peccaverit advocatum habemus apud Patrem Iesum Christum iustum
मेरे प्यारे पुत्र-पुत्रियों, ये बातें मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ कि तुम पाप न करो। किन्तु यदि कोई पाप करता है तो परमेश्वर के सामने हमारे पापों का बचाव करने वाला एक है और वह है धर्मी यीशु मसीह।
et ipse est propitiatio pro peccatis nostris non pro nostris autem tantum sed etiam pro totius mundi
वह एक बलिदान है जो हमारे पापों का हरण करता है न केवल हमारे पापों का बल्कि समूचे संसार के पापों का।
et in hoc scimus quoniam cognovimus eum si mandata eius observemus
यदि हम परमेश्वर के आदेशों का पालन करते हैं तो यही वह मार्ग है जिससे हम निश्चय करते हैं कि हमने सचमुच उसे जान लिया है।
qui dicit se nosse eum et mandata eius non custodit mendax est in hoc veritas non est
यदि कोई कहता है कि, “मैं परमेश्वर को जानता हूँ!” और उसकी आज्ञाओं का पालन नहीं करता तो वह झूठा है। उसके मन में सत्य नहीं है।
qui autem servat verbum eius vere in hoc caritas Dei perfecta est in hoc scimus quoniam in ipso sumus
किन्तु यदि कोई परमेश्वर के उपदेश का पालन करता है तो उसमें परमेश्वर के प्रेम ने परिपूर्णता पा ली है। यही वह मार्ग है जिससे हमें निश्चय होता है कि हम परमेश्वर में स्थित हैं:
qui dicit se in ipso manere debet sicut ille ambulavit et ipse ambulare
जो यह कहता है कि वह परमेश्वर में स्थित है, उसे यीशु के जैसा जीवन जीना चाहिए।
carissimi non mandatum novum scribo vobis sed mandatum vetus quod habuistis ab initio mandatum vetus est verbum quod audistis
हे प्यारे मित्रों, मैं तुम्हें कोई नई आज्ञा नहीं लिख रहा हूँ बल्कि यह एक सनातन आज्ञा है, जो तुम्हें प्रारम्भ में ही दे दी गयी थी। यह पुरानी आज्ञा वह सुसंदेश है जिसे तुम सुन चुके हो।
iterum mandatum novum scribo vobis quod est verum et in ipso et in vobis quoniam tenebrae transeunt et lumen verum iam lucet
मैं तुम्हें एक और दूसरी नयी आज्ञा लिख रहा हूँ। इस तथ्य का सत्य मसीह के जीवन में और तुम्हारे जीवनों में उजागर हुआ है क्योंकि अन्धकार विलीन हो रहा है और सच्चा प्रकाश तो चमक ही रहा है।
qui dicit se in luce esse et fratrem suum odit in tenebris est usque adhuc
जो कहता है, वह प्रकाश में स्थित है और फिर भी अपने भाई से घृणा करता है, तो वह अब तक अंधकार में बना हुआ है।
qui diligit fratrem suum in lumine manet et scandalum in eo non est
जो अपने भाई को प्रेम करता है, प्रकाश में स्थित रहता है। उसके जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे कोई पाप में न पड़े।
qui autem odit fratrem suum in tenebris est et in tenebris ambulat et nescit quo eat quoniam tenebrae obcaecaverunt oculos eius
किन्तु जो अपने भाई से घृणा करता है, अँधेरे में है। वह अन्धकारपूर्ण जीवन जी रहा है। वह नहीं जानता, वह कहाँ जा रहा है। क्योंकि अँधेरे ने उसे अंधा बना दिया है।
scribo vobis filioli quoniam remittuntur vobis peccata propter nomen eius
हे प्यारे बच्चों, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ, क्योंकि यीशु मसीह के कारण तुम्हारे पाप क्षमा किए गए हैं।
scribo vobis patres quoniam cognovistis eum qui ab initio est scribo vobis adulescentes quoniam vicistis malignum
हे पिताओं, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ, क्योंकि तुम, जो अनादि काल से स्थित है उसे जानते हो। हे युवको, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ, क्योंकि तुमने उस दुष्ट पर विजय पा ली है।
scripsi vobis infantes quoniam cognovistis Patrem scripsi vobis patres quia cognovistis eum qui ab initio scripsi vobis adulescentes quia fortes estis et verbum Dei in vobis manet et vicistis malignum
हे बच्चों, मैं तुम्हें लिख रहा हूँ, क्योंकि तुम पिता को पहचान चुके हो। हे पिताओ, मैं तुम्हें लिख रहा हूँ, क्योंकि तुम जो सृष्टि के अनादि काल से स्थित है, उसे जान गए हो। हे नौजवानों, मैं तुम्हें लिख रहा हूँ, क्योंकि तुम शक्तिशाली हो, परमेश्वर का वचन तुम्हारे भीतर निवास करता है और तुमने उस दुष्ट आत्मा पर विजय पा ली है।
nolite diligere mundum neque ea quae in mundo sunt si quis diligit mundum non est caritas Patris in eo
संसार को अथवा सांसारिक वस्तुओं को प्रेम मत करते रहो। यदि कोई संसार से प्रेम रखता है तो उसके हृदय में परमेश्वर के प्रति प्रेम नहीं है।
quoniam omne quod est in mundo concupiscentia carnis et concupiscentia oculorum est et superbia vitae quae non est ex Patre sed ex mundo est
क्योंकि इस संसार की हर वस्तु: जो तुम्हारे पापपूर्ण स्वभाव को आकर्षित करती है, तुम्हारी आँखों को भाती है और इस संसार की प्रत्येक वह वस्तु, जिस पर लोग इतना गर्व करते हैं। परम पिता की ओर से नहीं है बल्कि वह तो सांसारिक है।
et mundus transit et concupiscentia eius qui autem facit voluntatem Dei manet in aeternum
यह संसार अपनी लालसाओं और इच्छाओं समेत विलीन होता जा रहा है किन्तु वह जो परमेश्वर की इच्छा का पालन करता है, अमर हो जाता है।
filioli novissima hora est et sicut audistis quia antichristus venit nunc antichristi multi facti sunt unde scimus quoniam novissima hora est
हे प्रिय बच्चों, अन्तिम घड़ी आ पहुँची है! और जैसा कि तुमने सुना है कि मसीह का विरोधी आ रहा है। इसलिए अब अनेक मसीह-विरोधी प्रकट हो गए हैं। इसी से हम जानते हैं कि अन्तिम घड़ी आ पहुँची है।
ex nobis prodierunt sed non erant ex nobis nam si fuissent ex nobis permansissent utique nobiscum sed ut manifesti sint quoniam non sunt omnes ex nobis
मसीह के विरोधी हमारे ही भीतर से निकले हैं पर वास्तव में वे हमारे नहीं हैं क्योंकि यदि वे सचमुच हमारे होते तो हमारे साथ ही रहते। किन्तु वे हमें छोड़ गए ताकि वे यह दिखा सकें कि उनमें से कोई भी वास्तव में हमारा नहीं है।
sed vos unctionem habetis a Sancto et nostis omnia
किन्तु तुम्हारा तो उस परम पवित्र ने आत्मा के द्वारा अभिषेक कराया है। इसलिए तुम सब सत्य को जानते हो।
non scripsi vobis quasi ignorantibus veritatem sed quasi scientibus eam et quoniam omne mendacium ex veritate non est
मैंने तुम्हें इसलिए नहीं लिखा है कि तुम सत्य को नहीं जानते हो? बल्कि तुम तो उसे जानते हो और इसलिए भी कि सत्य से कोई झूठ नहीं निकलता।
quis est mendax nisi is qui negat quoniam Iesus non est Christus hic est antichristus qui negat Patrem et Filium
किन्तु जो यह कहता है कि यीशु मसीह नहीं है, वह झूठा है। ऐसा व्यक्ति मसीह का शत्रु है। वह तो पिता और पुत्र दोनों को नकारता है।
omnis qui negat Filium nec Patrem habet qui confitetur Filium et Patrem habet
वह जो पुत्र को नकारता है, उसके पास पिता भी नहीं है कितु जो पुत्र को मानता है, वह पिता को भी मानता है।
vos quod audistis ab initio in vobis permaneat si in vobis permanserit quod ab initio audistis et vos in Filio et Patre manebitis
जहाँ तक तुम्हारी बात है, तुमने अनादि काल से जो सुना है, उसे अपने भीतर बनाए रखो। जो तुमने अनादि काल से सुना है, यदि तुममें बना रहता है तो तुम पुत्र और पिता दोनों में स्थित रहोगे।
et haec est repromissio quam ipse pollicitus est nobis vitam aeternam
उसने हमें अनन्त जीवन प्रदान करने का वचन दिया है।
haec scripsi vobis de eis qui seducunt vos
मैं ये बातें तुम्हॆं उन लोगों के सम्बन्ध में लिख रहा हूँ, जो तुम्हें छलने का जतन कर रहे हैं।
et vos unctionem quam accepistis ab eo manet in vobis et non necesse habetis ut aliquis doceat vos sed sicut unctio eius docet vos de omnibus et verum est et non est mendacium et sicut docuit vos manete in eo
किन्तु जहाँ तक तुम्हारी बात है, तुममें तो उस परम पवित्र से प्राप्त अभिषेक वर्तमान है, इसलिए तुम्हें तो आवश्यकता ही नहीं है कि कोई तुम्हें उपदेश दे, बल्कि तुम्हें तो वह आत्मा जिससे उस परम पवित्र ने तुम्हारा अभिषेक किया है, तुम्हें सब कुछ सिखाती है। (और याद रखो, वही सत्य है, वह मिथ्या नहीं है।) उसने तुम्हें जैसे सिखाया है, तुम मसीह में वैसे ही बने रहो।
et nunc filioli manete in eo ut cum apparuerit habeamus fiduciam et non confundamur ab eo in adventu eius
इसलिए प्यारे बच्चों, उसी में बने रहो ताकि जब हमें उसका ज्ञान हो तो हम आत्मविश्वास पा सकें। और उसके पुनः आगमन के समय हमें लज्जित न होना पड़े।
si scitis quoniam iustus est scitote quoniam et omnis qui facit iustitiam ex ipso natus est
यदि तुम यह जानते हो कि वह नेक है तो तुम यह भी जान लो कि वह जो धार्मिकता पर चलता है परमेश्वर की ही सन्तान है।