जिस समय ताड़ना दी जा रही होती है, उस समय ताड़ना अच्छी नहीं लगती, बल्कि वह दुखद लगती है किन्तु कुछ भी हो, वे जो ताड़ना का अनुभव करते हैं, उनके लिए यह आगे चलकर नेकी और शांति का सुफल प्रदान करता है।
omnis autem disciplina in praesenti quidem videtur non esse gaudii sed maeroris postea autem fructum pacatissimum exercitatis per eam reddit iustitiae