I Samuel 2

हन्ना ने कहा: “यहोवा, में, मेरा हृदय प्रसन्न है! मैं अपने परमेश्वर में शक्तिमती अनुभव करती हूँ! मैं अपनी विजय से पूर्ण प्रसन्न हूँ! और अपने शत्रुओं की हँसी उड़ाई हूँ।
exultavit cor meum in Domino exaltatum est cornu meum in Domino dilatatum est os meum super inimicos meos quia laetata sum in salutari tuo
यहोवा के सदृश कोई पवित्र परमेश्वर नहीं। तेरे अतिरिक्त कोई परमेश्वर नहीं! परमेश्वर के अतिरिक्त कोई आश्रय शिला नहीं।
non est sanctus ut est Dominus neque enim est alius extra te et non est fortis sicut Deus noster
बन्द करो डींगों का हाँकना! घमण्ड भरी बातें न करो! क्यों? क्योंकि यहोवा परमेश्वर सब कुछ जानता है, परमेश्वर लोगों को राह दिखाता है और उनका न्याय करता है।
nolite multiplicare loqui sublimia gloriantes recedant vetera de ore vestro quoniam Deus scientiarum Dominus est et ipsi praeparantur cogitationes
शक्तिशाली योद्धाओं के धनुष टूटते हैं! और दुर्बल शक्तिशाली बनते हैं!
arcus fortium superatus est et infirmi accincti sunt robore
जो लोग बीते समय में बहुत भोजन वाले थे, उन्हें अब भोजन पाने के लिये काम करना होगा। किन्तु जो बीते समय में भूखे थे, वे अब भोजन पाकर मोटे हो रहे हैं! जो स्त्री बच्चा उत्पन्न नहीं कर सकती थी अब सात ब्च्चों वाली है! किन्तु जो बहुत बच्चों वाली थी, दु:खी है क्योंकि उसके बच्चे चले गये।
saturati prius pro pane se locaverunt et famelici saturati sunt donec sterilis peperit plurimos et quae multos habebat filios infirmata est
यहोवा लोगों को मृत्यु देता है, और वह उन्हें जीवित रहने देता है। यहोवा लोगों को मृत्युस्थल व अधोलोक को पहुँचाता है, और पुन: वह उन्हें जीवन देकर उठाता है।
Dominus mortificat et vivificat deducit ad infernum et reducit
यहोवा लोगों को दीन बनाता है, और यहोवा ही लोगों को धनी बनाता है। यहोवा लोगों को नीचा करता है, और वह लोगों को ऊँचा उठाता है।
Dominus pauperem facit et ditat humiliat et sublevat
यहोवा कंगालों को धूलि से उठाता है। यहोवा उनके दुःख को दूर करता है। यहोवा कंगालों को राजाओं के साथ बिठाता है। यहोवा कंगालों को प्रतिष्ठित सिंहासन पर बिठाता है। पूरा जगत अपनी नींव तक यहोवा का है! यहोवा जगत को उन खम्भों पर टिकाया है!
suscitat de pulvere egenum et de stercore elevat pauperem ut sedeat cum principibus et solium gloriae teneat Domini enim sunt cardines terrae et posuit super eos orbem
यहोवा अपने पवित्र लोगों की रक्षा करता है। वह उन्हें ठोकर खाकर गिरने से बचाता है। किन्तु पापी लोग नष्ट किये जाएंगे। वे घोर अंधेरे में गिरेंगे। उनकी शक्ति उन्हें विजय प्राप्त करने में सहायक नहीं होगी।
pedes sanctorum suorum servabit et impii in tenebris conticescent quia non in fortitudine roborabitur vir
यहोवा अपने शत्रुओं को नष्ट करता है। सर्वोच्च परमेश्वर लोगों के विरुद्ध गगन में गरजेगा। यहोवा सारी पृथ्वी का न्याय करेगा। यहोवा अपने राजा को शक्ति देगा। वह अपने अभीषिक्त राजा को शक्तिशाली बनायेगा।”
Dominum formidabunt adversarii eius super ipsos in caelis tonabit Dominus iudicabit fines terrae et dabit imperium regi suo et sublimabit cornu christi sui
एल्काना और उसका परिवार अपने घर रामा को गया। लड़का शीलो में रह गया और याजक एली के अधीन यहोवा की सेवा करता रहा।
et abiit Helcana Ramatha in domum suam puer autem erat minister in conspectu Domini ante faciem Heli sacerdotis
एली के पुत्र बुरे व्यक्ति थे। वे यहोवा की परवाह नहीं करते थे।
porro filii Heli filii Belial nescientes Dominum
वे इसकी परवाह नहीं करते थे कि याजकों से लोगों के प्रति कैसे व्यवहार की आशा की जाती है। याजकों को लोगों के लिये यह करना चाहिए: जब कभी कोई व्यक्ति बलि—भेंट लाये, तो याजक को एक बर्तन में माँस को उबालना चाहिये। याजक के सेवक को अपने हाथ में विशेष काँटा जिसके तीन नोंक हैं, लेकर आना चाहिए।
neque officium sacerdotum ad populum sed quicumque immolasset victimam veniebat puer sacerdotis dum coquerentur carnes et habebat fuscinulam tridentem in manu sua
याजक के सेवक को काँटे को बर्तन या पतीले में डालना चाहिए। काँटें से जो कुछ बर्तन के बाहर लाये वह माँस याजक का होगा। यह याजकों द्वारा उन इस्राएलियों के लिये किया जाना चाहिये जो शीलो में बलि भेंट करने आयें।
et mittebat eam in lebetem vel in caldariam aut in ollam sive in caccabum et omne quod levabat fuscinula tollebat sacerdos sibi sic faciebant universo Israheli venientium in Silo
किन्तु एली के पुत्रों ने यह नहीं किया। चर्बी को वेदी पर जलाये जाने के पहले ही उनके सेवक लोगों के पास बलि—भेंट करते जाते थे। याजक के सेवक कहा करते थे, “याजक को कुछ माँस भूनने के लिये दो। याजक तुमसे उबला हुआ माँस नहीं लेंगे।”
etiam antequam adolerent adipem veniebat puer sacerdotis et dicebat immolanti da mihi carnem ut coquam sacerdoti non enim accipiam a te carnem coctam sed crudam
बलि—भेंट करने वाला व्यक्ति यह कह सकता था, “पहले चर्बी जलाओ, तब तुम जो चाहो ले सकते हो।” यदि ऐसा होता तो याजक का सेवक उत्तर देता: “नहीं, मुझे अभी माँस दो, यदि तुम मुझे यह नहीं देते हो तो मैं इसे तुमसे ले ही लूँगा।”
dicebatque illi immolans incendatur primum iuxta morem hodie adeps et tolle tibi quantumcumque desiderat anima tua qui respondens aiebat ei nequaquam nunc enim dabis alioquin tollam vi
इस प्रकार, होप्नी और पीनहास यह दिखाते थे कि वे यहोवा को भेंट की गई बलि के प्रति श्रद्धा नहीं रखते थे। यह यहोवा के विरुद्ध बहुत बुरा पाप था!
erat ergo peccatum puerorum grande nimis coram Domino quia detrahebant homines sacrificio Domini
किन्तु शमूएल यहोवा की सेवा करता था। शमूएल सन का बना एक विशेष एपोद पहनता था।
Samuhel autem ministrabat ante faciem Domini puer accinctus ephod lineo
हर वर्ष शमूएल की माँ एक छोटा चोंगा शमूएल के लिये बनाती थी। वह हर वर्ष जब अपने पति के साथ बलि—भेंट करने शीलो जाती थी तो वह छोटा चोंगा शमूएल के लिये ले जाती थी।
et tunicam parvam faciebat ei mater sua quam adferebat statutis diebus ascendens cum viro suo ut immolaret hostiam sollemnem
एली, एल्काना और उसकी पत्नी को आशीर्वाद देता था। एली ने कहा, “यहोवा तुम्हें हन्ना द्वारा सन्तान देकर बदला दे। ये बच्चे उस लड़के का स्थान लेंगे जिसके लिये हन्ना ने प्रार्थना की थी और यहोवा को दिया था।” तब एल्काना और हन्ना घर लौटे, और
et benedixit Heli Helcanae et uxori eius dixitque reddat Dominus tibi semen de muliere hac pro fenore quod commodasti Domino et abierunt in locum suum
यहोवा ने हन्ना पर दया की। उसके तीन पुत्र और दो पुत्रियाँ हुईं और लड़का शमूएल यहोवा के पास बड़ा हुआ।
visitavit ergo Dominus Annam et concepit et peperit tres filios et duas filias et magnificatus est puer Samuhel apud Dominum
एली बहुत बूढ़ा था। वह बार बार उन बुरे कामों के बारे में सुनता था जो उसके पुत्र शीलो में सभी इस्राएलियों के साथ कर रहे थे। एली ने यह भी सुना कि जो स्त्रियाँ मिलापवाले तुम्बू के द्वार पर सेवा करती थीं, उनके साथ वे सोते थे।
Heli autem erat senex valde et audivit omnia quae faciebant filii sui universo Israheli et quomodo dormiebant cum mulieribus quae observabant ad ostium tabernaculi
एली ने अपने पुत्रों से कहा, “तुमने जो कुछ बुरा किया है उसके बारे में लोगों ने यहाँ मुझे बताया है। तुम लोग ये बुरे काम क्यों करते हो?
et dixit eis quare facitis res huiuscemodi quas ego audio res pessimas ab omni populo
पुत्रो, इन बुरे कामों को मत करो। यहोवा के लोग तुम्हारे विषय में बुरी बातें कह रहे हैं।
nolite filii mi non enim est bona fama quam ego audio ut transgredi faciatis populum Domini
यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध पाप करता है, तो परमेश्वर उसकी मध्यस्थता कर सकता है। किन्तु यदि कोई व्यक्ति यहोवा के ही विरुद्ध पाप करता है तो उस व्यक्ति की मध्यस्थता कौन कर सकता है?” किन्तु एली के पुत्रों ने एली की बात सुनने से इन्कार कर दिया। इसलिए यहोवा ने एली के पुत्रों को मार डालने का निश्चय किया।
si peccaverit vir in virum placari ei potest Deus si autem in Domino peccaverit vir quis orabit pro eo et non audierunt vocem patris sui quia voluit Dominus occidere eos
बालक शमूएल बढ़ता रहा। उसने परमेश्वर और लोगों को प्रसन्न किया।
puer autem Samuhel proficiebat atque crescebat et placebat tam Deo quam hominibus
परमेश्वर का एक व्यक्ति एली के पास आया। उसने कहा, “यहोवा यह बात कहता है, ‘तुम्हारे पूर्वज फिरौन के परिवार के गुलाम थे। किन्तु मैं तुम्हारे पूर्वजों के सामने उस समय प्रकट हुआ।
venit autem vir Dei ad Heli et ait ad eum haec dicit Dominus numquid non aperte revelatus sum domui patris tui cum essent in Aegypto in domo Pharaonis
मैंने तुम्हारे परिवार समूह को इस्राएल के सभी परिवार समूहों में से चुना। मैंने तुम्हारे परिवार समूह को अपना याजक बनने के लिये चुना। मैंने उन्हें अपनी वेदी पर बलि—भेंट करने के लिये चुना। मैंने उन्हें सुगन्ध जलाने और एपोद पहनने के लिये चुना। मैंने तुम्हारे परिवार समूह को बलि—भेंट से वह माँस भी लेने दिया जो इस्राएल के लोग मुझको चढ़ाते हैं।
et elegi eum ex omnibus tribubus Israhel mihi in sacerdotem ut ascenderet altare meum et adoleret mihi incensum et portaret ephod coram me et dedi domui patris tui omnia de sacrificiis filiorum Israhel
इसलिए तुम उन बलि—भेंटों और अन्नबलियों का सम्मान क्यों नहीं करते। तुम अपने पुत्रों को मुझसे अधिक सम्मान देते हो। तुम माँस के उस सर्वोत्तम भाग से मोटे हुए हो जिसे इस्राएल के लोग मेरे लिये लाते हैं।’
quare calce abicitis victimam meam et munera mea quae praecepi ut offerrentur in templo et magis honorasti filios tuos quam me ut comederetis primitias omnis sacrificii Israhel populi mei
“इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने यह वचन दिया था कि तुम्हारे पिता का परिवार ही सदा उसकी सेवा करेगा। किन्तु अब यहोवा यह कहता है, ‘वैसा कभी नहीं होगा! मैं उन लोगों का सम्मान करूँगा जो मेरा सम्मान करेंगे। किन्तु उनका बुरा होगा जो मेरा सम्मान करने से इनकार करते हैं।
propterea ait Dominus Deus Israhel loquens locutus sum ut domus tua et domus patris tui ministraret in conspectu meo usque in sempiternum nunc autem dicit Dominus absit hoc a me sed quicumque glorificaverit me glorificabo eum qui autem contemnunt me erunt ignobiles
वह समय आ रहा है जब मैं तुम्हारे सारे वंशजों को नष्ट कर दूँगा। तुम्हारे परिवार में कोई बूढ़ा होने के लिये नहीं बचेगा।
ecce dies veniunt et praecidam brachium tuum et brachium domus patris tui ut non sit senex in domo tua
इस्राएल के लिये अच्छी चीजें होंगी, किन्तु तुम घर में बुरी घटनाऐं होती देखोगे। तुम्हारे परिवार में कोई भी बूढ़ा होने के लिये नहीं बचेगा।
et videbis aemulum tuum in templo in universis prosperis Israhel et non erit senex in domo tua omnibus diebus
केवल एक व्यक्ति को मैं अपनी वेदी पर याजक के रुप में सेवा के लिये बचाऊँगा। वह बहुत अधिक बुढ़ापे तक रहेगा। वह तब तक जीवित रहेगा जब तक उसकी आँखे और उसकी शक्ति बची रहेगी। तुम्हारे शेष वंशज तलवार के घाट उतारे जाएंगे।
verumtamen non auferam penitus virum ex te ab altari meo sed ut deficiant oculi tui et tabescat anima tua et pars magna domus tuae morietur cum ad virilem aetatem venerit
मैं तुम्हें एक संकेत दूँगा जिससे यह ज्ञात होगा कि ये बातें सच होंगी। तुम्हारे दोनों पुत्र होप्नी और पीनहास एक ही दिन मरेंगे।
hoc autem erit tibi signum quod venturum est duobus filiis tuis Ofni et Finees in die uno morientur ambo
मैं अपने लिये एक विश्वसनीय याजक ठहराऊँगा। वह याजक मेरी बात मानेगा और जो मैं चाहता हूँ, करेगा। मैं इस याजक के परिवार को शक्तिशाली बनाऊँगा। वह सदा मेरे अभिषिक्त राजा के सामने सेवा करेगा।
et suscitabo mihi sacerdotem fidelem qui iuxta cor meum et animam meam faciat et aedificabo ei domum fidelem et ambulabit coram christo meo cunctis diebus
तब सभी लोग जो तुम्हारे परिवार में बचे रहेंगे, आएंगे और इस याजक के आगे झुकेंगे। ये लोग थोड़े धन या रोटी के टुकड़े के लिए भीख मागेंगे। वे कहेंगे, “कृपया याजक का सेवा कार्य हमें दे दो जिससे हम भोजन पा सकें।”’”
futurum est autem ut quicumque remanserit in domo tua veniat ut oretur pro eo et offerat nummum argenteum et tortam panis dicatque dimitte me obsecro ad unam partem sacerdotalem ut comedam buccellam panis