इब्राहीम ने मरने से पहले अपनी दासियों के पुत्रों को कुछ भेंट दिया। इब्राहीम ने पुत्रों को पूर्व को भेजा। उसने इन्हें इसहाक से दूर भेजा। इसके बाद इब्राहीम ने अपनी सभी चीज़ें इसहाक को दे दीं।
इब्राहीम ने मरने से पहले अपनी दासियों के पुत्रों को कुछ भेंट दिया। इब्राहीम ने पुत्रों को पूर्व को भेजा। उसने इन्हें इसहाक से दूर भेजा। इसके बाद इब्राहीम ने अपनी सभी चीज़ें इसहाक को दे दीं।
Il fit des dons aux fils de ses concubines; et, tandis qu'il vivait encore, il les envoya loin de son fils Isaac du côté de l'orient, dans le pays d'Orient.
इश्माएल के लोग हवीला से लेकर शूर के पास मिस्र की सीमा और उससे भी आगे अश्शूर के किनारे तक, घूमते रहे और अपने भाईयों और उनसे सम्बन्धित देशों में आक्रमण करते रहे।
Ses fils habitèrent depuis Havila jusqu'à Schur, qui est en face de l'Egypte, en allant vers l'Assyrie. Il s'établit en présence de tous ses frères.
इसहाक की पत्नी बच्चे नहीं जन सकी। इसलिए इसहाक ने यहोवा से अपनी पत्नी के लिए प्रार्थना की। यहोवा ने इसहाक की प्रार्थना सुनी और यहोवा ने रिबका को गर्भवती होने दिया।
Isaac implora l'Eternel pour sa femme, car elle était stérile, et l'Eternel l'exauça: Rebecca, sa femme, devint enceinte.
जब रिबका गर्भवती थी तब वह अपने गर्भ के बच्चों से बहुत परेशान हुई, लड़के उसके गर्भ में आपस में लिपट के एक दूसरे को मारने लगे। रिबका ने यहोवा से प्रार्थना की और बोली, “मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है।”
Les enfants se heurtaient dans son sein; et elle dit: S'il en est ainsi, pourquoi suis-je enceinte? Elle alla consulter l'Eternel.
यहोवा ने कहा,
“तुम्हारे गर्भ में दो राष्ट्र हैं।
दो परिवारों के राजा तुम से पैदा होंगे
और वे बँट जाएंगे।
एक पुत्र दूसरे से बलवान होगा।
बड़ा पुत्र छोटे पुत्र की सेवा करेगा।”
Et l'Eternel lui dit: Deux nations sont dans ton ventre, et deux peuples se sépareront au sortir de tes entrailles; un de ces peuples sera plus fort que l'autre, et le plus grand sera assujetti au plus petit.
जब दूसरा बच्चा पैदा हुआ, वह एसाव की एड़ी को मज़बूती से पकड़े था। इसलिए उस बच्चे का नाम याकूब पड़ा। इसहाक की उम्र उस समय साठ वर्ष की थी। जब याकूब और एसाव पैदा हुए।
Ensuite sortit son frère, dont la main tenait le talon d'Esaü; et on lui donna le nom de Jacob. Isaac était âgé de soixante ans, lorsqu'ils naquirent.
इसलिए एसाव ने याकूब से कहा, “मैं भूख से कमज़ोर हो रहा हूँ। तुम उस लाल दाल में से कुछ मुझे दो।” (यही कारण है कि लोग उसे एदोम कहते हैं।)
Et Esaü dit à Jacob: Laisse-moi, je te prie, manger de ce roux, de ce roux-là, car je suis fatigué. C'est pour cela qu'on a donné à Esaü le nom d'Edom.
तब याकूब ने एसाव को रोटी और भोजन दिया। एसाव ने खाया, पिया और तब चला गया। इस तरह एसाव ने यह दिखाया कि वह पहलौठे होने के अपने हक की परवाह नहीं करता।
Alors Jacob donna à Esaü du pain et du potage de lentilles. Il mangea et but, puis se leva et s'en alla. C'est ainsi qu'Esaü méprisa le droit d'aînesse.