गेहजी शूनेमिन स्त्री के घर, एलीशा और शूनेमिन से पहले पहुँचा। गेहजी ने टहलने की छड़ी को बच्चे के चेहरे पर रखा। किन्तु बच्चे ने न कोई बात की और न ही कोई ऐसा संकेत दिया जिससे यह लगे कि उसने कुछ सुना है। तब गेहजी एलीशा से मिलने लौटा। गेहजी ने एलीशा से कहा, “बच्चा नहीं जागा!”
Guéhazi les avait devancés, et il avait mis le bâton sur le visage de l'enfant; mais il n'y eut ni voix ni signe d'attention. Il s'en retourna à la rencontre d'Elisée, et lui rapporta la chose, en disant: L'enfant ne s'est pas réveillé.