हम लोगों को निश्चय ही इनके विरुद्ध योजना बनानी चाहिए। यदि हम लोग ऐसा नहीं करते तो हो सकता है, कि कोई युद्ध छिड़े और इस्राएल के लोग हमारे शत्रुओं का साथ देने लगें। तब वे हम लोगों को हरा सकते हैं और हम लोगों के हाथों से निकल सकते हैं।”
اگر جنگی برپا شود، ممکن است آنها با دشمنان ما همدست شوند و برضد ما بجنگند و از این سرزمین فرار کنند. ما باید راهی پیدا کنیم که نگذاریم آنها زیاد شوند.»
मिस्र के लोग इस्राएल के लोगों का जीवन कठिन बनाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने इस्राएल के लोगों पर दास—स्वामी नियुक्त किए। उन स्वामियों ने फ़िरौन के लिए पितोम और रामसेस नगरों को बनाने के लिए इस्राएली लोगों को विवश किया। उन्होंने इन नगरों में अन्न तथा अन्य चीज़ें इकट्ठी कीं।
بنابراین مصریها سرکارگرانی برای اسرائیلیها تعیین کردند تا با کارهای سخت، آنها را ناتوان و ذلیل سازند. آنها شهرهای فیتوم و رعمسیس را جهت مرکز تدارکات برای فرعون میساختند.
मिस्री लोगों ने इस्राएल के लोगों को कठिन से कठिन काम करने को विवश किया। किन्तु जितना अधिक काम करने के लिए इस्राएली लोगों को विवश किया गया उनकी संख्या उतनी ही बढ़ती चली गई और मिस्री लोग इस्राएली लोगों से अधिकाधिक भयभीत होते गए।
امّا هرچه مصریها بیشتر بنیاسرائیل را اذیّت میکردند، تعداد آنها بیشتر میشد و همهجا را پُر میکردند. به طوری که مصریها از اسرائیلیها میترسیدند.
इसलिए मिस्र के लोगों ने इस्राएली लोगों को और भी अधिक कठिन काम करने को विवश किया।
ولی مصریها به بنیاسرائیل بیشتر ظلم میکردند و آنها را به بردگی گرفته به کارهای بسیار سخت از قبیل، خانهسازی و هر نوع کار کشاورزی وادار میساختند و هیچ رحمی به آنها نمیکردند، به طوری که زندگی آنها تلخ شده بود.
मिस्री लोगों ने इस्राएली लोगों का जीवन दूभर कर दिया। उन्होंने इस्राएली लोगों को ईंट—गारा बनाने का बहुत कड़ा काम करने के लिए विवश किया। उन्होंने उन्हें खेतों में भी बहुत कड़ा काम करने को विवश किया। वे जो कुछ करते थे उन्हें कठिन परिश्रम के साथ करने को विवश किया।
ولی مصریها به بنیاسرائیل بیشتر ظلم میکردند و آنها را به بردگی گرفته به کارهای بسیار سخت از قبیل، خانهسازی و هر نوع کار کشاورزی وادار میساختند و هیچ رحمی به آنها نمیکردند، به طوری که زندگی آنها تلخ شده بود.
वहाँ शिप्रा और पूआ नाम की दो धाइयाँ थीं। ये धाइयाँ इस्राएली स्त्रियों के बच्चों का जन्म देने में सहायता करती थीं। मिस्र के राजा ने धाइयों से बातचीत की।
فرعون، به شفره و فوعه، قابلههای عبرانی دستور داد که:
राजा ने कहा, “तुम हिब्रू स्त्रियों को बच्चा जनने में सहायता करती रहोगी। यदि लड़की पैदा हो तो उसे जीवित रहने दो किन्तु यदि लड़का पैदा हो तो तुम लोग उसे मार डालो।”
«وقتی برای زائوهای عبرانی قابلگی میکنید، نگاه کنید، اگر نوزاد پسر است او را بکشید، ولی اگر دختر است او را زنده بگذارید.»
धाइयों ने फ़िरौन से कहा, “हिब्रू स्त्रियाँ मिस्री स्त्रियों से अधिक बलवान हैं। उनकी सहायता के लिए हम लोगों के पहुँचने से पहले ही वे बच्चों को जन्म दे देती हैं।”
قابلهها به فرعون گفتند: «زنهای عبرانی موقع زاییدن مانند زنهای مصری نیستند. آنها قوی هستند و به راحتی میزایند و پیش از آنکه ما برسیم بچّه به دنیا میآید.»
परमेश्वर धाइयों पर कृपालु था क्योंकि वे परमेश्वर से डरती थीं। इसलिए परमेश्वर उनके लिए अच्छा रहा और उन्हें अपने परिवार बनाने दिया और हिब्रू लोग अधिक बच्चे उत्पन्न करते रहे और वे बहुत शक्तिशाली हो गए।
چون قابلهها از خدا ترسیدند، خداوند به آنها احسان کرد و آنها خودشان دارای خانواده شدند.
परमेश्वर धाइयों पर कृपालु था क्योंकि वे परमेश्वर से डरती थीं। इसलिए परमेश्वर उनके लिए अच्छा रहा और उन्हें अपने परिवार बनाने दिया और हिब्रू लोग अधिक बच्चे उत्पन्न करते रहे और वे बहुत शक्तिशाली हो गए।