किन्तु याजक को बछड़े का चमड़ा, सिर सहित इसका सारा माँस, पैर, भीतरी भाग और शरीर का बेकार भाग निकाल लेना चाहिए। याजक को डेरे के बाहर विशेष स्थान पर बछड़े के पूरे शरीर को लेजाना चाहिए जहाँ राख डाली जाती है। याजक को वहाँ लकड़ी की आग पर बछड़े को जलान चाहिए। बछड़े को वहाँ जलाया जाना चाहिए जहाँ राख डाली जाती है।
فَيُخْرِجُ سَائِرَ الثَّوْرِ إِلَى خَارِجِ الْمَحَلَّةِ إِلَى مَكَانٍ طَاهِرٍ، إِلَى مَرْمَى الرَّمَادِ، وَيُحْرِقُهَا عَلَى حَطَبٍ بِالنَّارِ. عَلَى مَرْمَى الرَّمَادِ تُحْرَقُ.