यहोवा इन बलियों की सुगन्ध पाकर खुश हुआ। यहोवा ने मन—ही—मन कहा, “मैं फिर कभी मनुष्य के कारण पृथ्वी को शाप नहीं दूँगा। मानव छोटी आयु से ही बुरी बातें सोचने लगता है। इसलिए जैसा मैंने अभी किया है इस तरह मैं अब कभी भी सारे प्राणियों को सजा नहीं दूँगा।
فَتَنَسَّمَ الرَّبُّ رَائِحَةَ الرِّضَا. وَقَالَ الرَّبُّ فِي قَلْبِهِ: «لاَ أَعُودُ أَلْعَنُ الأَرْضَ أَيْضًا مِنْ أَجْلِ الإِنْسَانِ، لأَنَّ تَصَوُّرَ قَلْبِ الإِنْسَانِ شِرِّيرٌ مُنْذُ حَدَاثَتِهِ. وَلاَ أَعُودُ أَيْضًا أُمِيتُ كُلَّ حَيٍّ كَمَا فَعَلْتُ.