Genesis 9

परमेश्वर ने नूह और उसके पुत्रों को आशीष दी और उनसे कहा, “बहुत से बच्चे पैदा करो और अपने लोगों से पृथ्वी को भर दो।
وَبَارَكَ اللهُ نُوحًا وَبَنِيهِ وَقَالَ لَهُمْ: «أَثْمِرُوا وَاكْثُرُوا وَامْلأُوا الأَرْضَ.
पृथ्वी के सभी जानवर तुम्हारे डर से काँपेंगे और आकाश का हर एक पक्षी भी तुम्हारा आदर करेगा और तुमसे डरेगा। पृथ्वी पर रेंगने वाला हर एक जीव और समुद्र की हर एक मछली तुम लोगों का आदर करेगी और तुम लोगों से डरेगी। तुम इन सभी के ऊपर शासन करोगे।
وَلْتَكُنْ خَشْيَتُكُمْ وَرَهْبَتُكُمْ عَلَى كُلِّ حَيَوَانَاتِ الأَرْضِ وَكُلِّ طُيُورِ السَّمَاءِ، مَعَ كُلِّ مَا يَدِبُّ عَلَى الأَرْضِ، وَكُلِّ أَسْمَاكِ الْبَحْرِ. قَدْ دُفِعَتْ إِلَى أَيْدِيكُمْ.
बीते समय में तुमको मैंने हर पेड़—पौधे खाने को दिए थे। अब हर एक जानवर भी तुम्हारा भोजन होगा। मैं पृथ्वी की सभी चीजें तुमको देता हूँ—अब ये तुम्हारी हैं।
كُلُّ دَابَّةٍ حَيَّةٍ تَكُونُ لَكُمْ طَعَامًا. كَالْعُشْبِ الأَخْضَرِ دَفَعْتُ إِلَيْكُمُ الْجَمِيعَ.
मैं तुम्हें एक आज्ञा देता हूँ कि तुम किसी जानवर को तब तक न खाना जब तक कि उसमें जीवन (खून) है।
غَيْرَ أَنَّ لَحْمًا بِحَيَاتِهِ، دَمِهِ، لاَ تَأْكُلُوهُ.
मैं तुम्हारे जीवन बदले में तुम्हारा खून मागूँगा। अर्थात् मैं उस जानवर का जीवन मागूँगा जो किसी व्यक्ति को मारेगा और मैं हर एक ऐसे व्यक्ति का जीवन मागूँगा जो दूसरे व्यक्ति की ज़िन्दगी नष्ट करेगा।”
وَأَطْلُبُ أَنَا دَمَكُمْ لأَنْفُسِكُمْ فَقَطْ. مِنْ يَدِ كُلِّ حَيَوَانٍ أَطْلُبُهُ. وَمِنْ يَدِ الإِنْسَانِ أَطْلُبُ نَفْسَ الإِنْسَانِ، مِنْ يَدِ الإِنْسَانِ أَخِيهِ.
“परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाया है। इसलिए जो कोई किसी व्यक्ति का खून बहाएगा, उसका खून वयक्ति द्वारा ही बहाया जाएगा।”
سَافِكُ دَمِ الإِنْسَانِ بِالإِنْسَانِ يُسْفَكُ دَمُهُ. لأَنَّ اللهَ عَلَى صُورَتِهِ عَمِلَ الإِنْسَانَ.
“नूह तुम्हें और तुम्हारे पुत्रों के अनेक बच्चे हों और धरती को लोगों से भर दो।”
فَأَثْمِرُوا أَنْتُمْ وَاكْثُرُوا وَتَوَالَدُوا فِي الأَرْضِ وَتَكَاثَرُوا فِيهَا».
तब परमेश्वर ने नूह और उसके पुत्रों से कहा,
وَكَلَّمَ اللهُ نُوحًا وَبَنِيهِ مَعهُ قَائِلاً:
“अब मैं तुम्हें और तुम्हारे वंशजों को वचन देता हूँ।
«وَهَا أَنَا مُقِيمٌ مِيثَاقِي مَعَكُمْ وَمَعَ نَسْلِكُمْ مِنْ بَعْدِكُمْ،
मैं यह वचन तुम्हारे साथ जहाज़ से बाहर आने वाले सभी पक्षियों, सभी पशुओं तथा सभी जानवरों को देता हूँ। मैं यह वचन पृथ्वी के सभी जीवित प्राणियों को देता हूँ।”
وَمَعَ كُلِّ ذَوَاتِ الأَنْفُسِ الْحَيَّةِ الَّتِي مَعَكُمِْ: الطُّيُورِ وَالْبَهَائِمِ وَكُلِّ وُحُوشِ الأَرْضِ الَّتِي مَعَكُمْ، مِنْ جَمِيعِ الْخَارِجِينَ مِنَ الْفُلْكِ حَتَّى كُلُّ حَيَوَانِ الأَرْضِ.
मैं तुमको वचन देता हूँ, “जल की बाढ़ से पृथ्वी का सारा जीवन नष्ट हो गया था। किन्तु अब यह कभी नहीं होगा। अब बाढ़ फिर कभी पृथ्वी के जीवन को नष्ट नहीं करेगी।”
أُقِيمُ مِيثَاقِي مَعَكُمْ فَلاَ يَنْقَرِضُ كُلُّ ذِي جَسَدٍ أَيْضًا بِمِيَاهِ الطُّوفَانِ. وَلاَ يَكُونُ أَيْضًا طُوفَانٌ لِيُخْرِبَ الأَرْضَ».
और परमेश्वर ने कहा, “यह प्रमाणित करने के लिए कि मैंने तुमको वचन दिया है कि मैं तुमको कुछ दूँगा। यह प्रमाण बतायेगा कि मैंने तुम से और पृथ्वी के सभी जीवित प्राणियों से एक वाचा बाँधी है। यह वाचा भविष्य में सदा बनी रहेगी जिसका प्रमाण यह है
وَقَالَ اللهُ: «هذِهِ عَلاَمَةُ الْمِيثَاقِ الَّذِي أَنَا وَاضِعُهُ بَيْنِي وَبَيْنَكُمْ، وَبَيْنَ كُلِّ ذَوَاتِ الأَنْفُسِ الْحَيَّةِ الَّتِي مَعَكُمْ إِلَى أَجْيَالِ الدَّهْرِ:
कि मैंने बादलों में मेघधनुष बनाया है। यह मेघधनुष मेरे और पृथ्वी के बीच हुए वाचा का प्रमाण है।
وَضَعْتُ قَوْسِي فِي السَّحَابِ فَتَكُونُ عَلاَمَةَ مِيثَاق بَيْنِي وَبَيْنَ الأَرْضِ.
जब मैं पृथ्वी के ऊपर बादलों को लाऊँगा तो तुम बादलों में मेघधनुष को देखोगे।
فَيَكُونُ مَتَى أَنْشُرْ سَحَابًا عَلَى الأَرْضِ، وَتَظْهَرِ الْقَوْسُ فِي السَّحَابِ،
जब मैं इस मेघधनुष को देखूँगा तब मैं तुम्हारे, पृथ्वी के सभी जीवित प्राणियों और अपने बीच हुई वाचा को याद करूँगा। यह वाचा इस बात की है कि बाढ़ फिर कभी पृथ्वी के प्राणियों को नष्ट नहीं करेगी।
أَنِّي أَذْكُرُ مِيثَاقِي الَّذِي بَيْنِي وَبَيْنَكُمْ وَبَيْنَ كُلِّ نَفْسٍ حَيَّةٍ فِي كُلِّ جَسَدٍ. فَلاَ تَكُونُ أَيْضًا الْمِيَاهُ طُوفَانًا لِتُهْلِكَ كُلَّ ذِي جَسَدٍ.
जब मैं ध्यान से बादलों में मेघधनुष को देखूँगा तब मैं उस स्थायी वाचा को याद करूँगा। मैं अपने और पृथ्वी के सभी जीवित प्राणियों के बीच हुई वाचा को याद करूँगा।”
فَمَتَى كَانَتِ الْقَوْسُ فِي السَّحَابِ، أُبْصِرُهَا لأَذْكُرَ مِيثَاقًا أَبَدِيًّا بَيْنَ اللهِ وَبَيْنَ كُلِّ نَفْسٍ حَيَّةٍ فِي كُلِّ جَسَدٍ عَلَى الأَرْضِ».
इस तरह यहोवा ने नूह से कहा, “वह मेघधनुष मेरे और पृथ्वी के सभी जीवित प्राणियों के बीच हुई वाचा का प्रमाण है।”
وَقَالَ اللهُ لِنُوحٍ: «هذِهِ عَلاَمَةُ الْمِيثَاقِ الَّذِي أَنَا أَقَمْتُهُ بَيْنِي وَبَيْنَ كُلِّ ذِي جَسَدٍ عَلَى الأَرْضِ».
नूह के पुत्र उसके साथ जहाज से बाहर आए। उनके नाम शेम, हाम और येपेत थे। (हाम तो कनान का पिता था।)
وَكَانَ بَنُو نُوحٍ الَّذِينَ خَرَجُوا مِنَ الْفُلْكِ سَامًا وَحَامًا وَيَافَثَ. وَحَامٌ هُوَ أَبُو كَنْعَانَ.
तीनों नूह के पुत्र थे और संसार के सभी लोग इन तीनों से ही पैदा हुए।
هؤُلاَءِ الثَّلاَثَةُ هُمْ بَنُو نُوحٍ. وَمِنْ هؤُلاَءِ تَشَعَّبَتْ كُلُّ الأَرْضِ.
नूह किसान बना। उसने अंगूरों का बाग लगाया।
وَابْتَدَأَ نُوحٌ يَكُونُ فَلاَّحًا وَغَرَسَ كَرْمًا.
नूह ने दाखमधु बनाया और उसे पिया। वह मतवाला हो गया और अपने तम्बू में लेट गया। नूह कोई कपड़ा नहीं पहना था।
وَشَرِبَ مِنَ الْخَمْرِ فَسَكِرَ وَتَعَرَّى دَاخِلَ خِبَائِهِ.
कनान के पिता हाम ने अपने पिता को नंगा देखा। तम्बू के बाहर अपने भाईयों से हाम ने यह बताया।
فَأَبْصَرَ حَامٌ أَبُو كَنْعَانَ عَوْرَةَ أَبِيهِ، وَأَخْبَرَ أَخَوَيْهِ خَارِجًا.
तब शेम और येपेत ने एक कपड़ा लिया। वे कपड़े को पीठ पर डाल कर तम्बू में ले गए। वे उल्टे मुँह तम्बू में गए। इस तरह उन्होंने अपने पिता को नंगा नहीं देखा।
فَأَخَذَ سَامٌ وَيَافَثُ الرِّدَاءَ وَوَضَعَاهُ عَلَى أَكْتَافِهِمَا وَمَشَيَا إِلَى الْوَرَاءِ، وَسَتَرَا عَوْرَةَ أَبِيهِمَا وَوَجْهَاهُمَا إِلَى الْوَرَاءِ. فَلَمْ يُبْصِرَا عَوْرَةَ أَبِيهِمَا.
बाद में नूह सोकर उठा। (वह दाखमधु के कारण सो रहा था।) तब उसे पता चला कि उसके सब से छोटे पुत्र हाम ने उसके बारे में क्या किया है।
فَلَمَّا اسْتَيْقَظَ نُوحٌ مِنْ خَمْرِهِ، عَلِمَ مَا فَعَلَ بِهِ ابْنُهُ الصَّغِيرُ،
इसलिए नूह ने शाप दिया, “यह शाप कनान के लिए हो कि वह अपने भाईयों का दास हो।”
فَقَالَ: «مَلْعُونٌ كَنْعَانُ! عَبْدَ الْعَبِيدِ يَكُونُ لإِخْوَتِهِ».
नूह ने यह भी कहा, “शेम का परमेश्वर यहोवा धन्य हो! कनान शेम का दास हो।
وَقَالَ: «مُبَارَكٌ الرَّبُّ إِلهُ سَامٍ. وَلْيَكُنْ كَنْعَانُ عَبْدًا لَهُمْ.
परमेश्वर येपेत को अधिक भूमि दे। परमेश्वर शेम के तम्बूओं में रहे और कनान उनका दास बने।”
لِيَفْتَحِ اللهُ لِيَافَثَ فَيَسْكُنَ فِي مَسَاكِنِ سَامٍ، وَلْيَكُنْ كَنْعَانُ عَبْدًا لَهُمْ».
बाढ़ के बाद नूह साढ़े तीन सौ वर्ष जीवित रहा।
وَعَاشَ نُوحٌ بَعْدَ الطُّوفَانِ ثَلاَثَ مِئَةٍ وَخَمْسِينَ سَنَةً.
नूह पूरे साढ़े नौ सौ वर्ष जीवित रहा, तब वह मरा।
فَكَانَتْ كُلُّ أَيَّامِ نُوحٍ تِسْعَ مِئَةٍ وَخَمْسِينَ سَنَةً، وَمَاتَ.