Psalms 132

Cantique des degrés. Eternel, souviens-toi de David, De toutes ses peines!
हे यहोवा, जैसे दाऊद ने यातनाएँ भोगी थी, उसको याद कर।
Il jura à l'Eternel, Il fit ce voeu au puissant de Jacob:
किन्तु दाऊद ने यहोवा की एक मन्नत मानी थी। दाऊद ने इस्राएल के पराक्रमी परमेश्वर की एक मन्नत मानी थी।
Je n'entrerai pas dans la tente où j'habite, Je ne monterai pas sur le lit où je repose,
दाऊद ने कहा था: “मैं अपने घर में तब तक न जाऊँगा, अपने बिस्तर पर न ही लेटूँगा,
Je ne donnerai ni sommeil à mes yeux, Ni assoupissement à mes paupières.
न ही सोऊँगा। अपनी आँखों को मैं विश्राम तक न दूँगा।
Jusqu'à ce que j'aie trouvé un lieu pour l'Eternel, Une demeure pour le puissant de Jacob.
इसमें से मैं कोई बात भी नहीं करूँगा जब तक मैं यहोवा के लिए एक भवन न प्राप्त कर लूँ। मैं इस्राएल के शक्तिशाली परमेश्वर के लिए एक मन्दिर पा कर रहूँगा!”
Voici, nous en entendîmes parler à Ephrata, Nous la trouvâmes dans les champs de Jaar...
एप्राता में हमने इसके विषय में सुना, हमें किरीयथ योरीम के वन में वाचा की सन्दूक मिली थी।
Allons à sa demeure, Prosternons-nous devant son marchepied!...
आओ, पवित्र तम्बू में चलो। आओ, हम उस चौकी पर आराधना करें, जहाँ पर परमेश्वर अपने चरण रखता है।
Lève-toi, Eternel, viens à ton lieu de repos, Toi et l'arche de ta majesté!
हे यहोवा, तू अपनी विश्राम की जगह से उठ बैठ, तू और तेरी सामर्थ्यवान सन्दूक उठ बैठ।
Que tes sacrificateurs soient revêtus de justice, Et que tes fidèles poussent des cris de joie!
हे यहोवा, तेरे याजक धार्मिकता धारण किये रहते हैं। तेरे जन बहुत प्रसन्न रहते हैं।
A cause de David, ton serviteur, Ne repousse pas ton oint!
तू अपने चुने हुये राजा को अपने सेवक दाऊद के भले के लिए नकार मत।
L'Eternel a juré la vérité à David, Il n'en reviendra pas; Je mettrai sur ton trône un fruit de tes entrailles.
यहोवा ने दाऊद को एक वचन दिया है कि दाऊद के प्रति वह सच्चा रहेगा। यहोवा ने वचन दिया है कि दाऊद के वंश से राजा आयेंगे।
Si tes fils observent mon alliance Et mes préceptes que je leur enseigne, Leurs fils aussi pour toujours Seront assis sur ton trône.
यहोवा ने कहा था, “यदि तेरी संतानें मेरी वाचा पर और मैंने उन्हें जो शिक्षाएं सिखाई उन पर चलेंगे तो फिर तेरे परिवार का कोई न कोई सदा ही राजा रहेगा।”
Oui, l'Eternel a choisi Sion, Il l'a désirée pour sa demeure:
अपने मन्दिर की जगह के लिए यहोवा ने सिय्योन को चुना था। यह वह जगह है जिसे वह अपने भवन के लिये चाहता था।
C'est mon lieu de repos à toujours; J'y habiterai, car je l'ai désirée.
यहोवा ने कहा था, “यह मेरा स्थान सदा सदा के लिये होगा। मैंने इसे चुना है ऐसा स्थान बनने को जहाँ पर मैं रहूँगा।
Je bénirai sa nourriture, Je rassasierai de pain ses indigents;
भरपूर भोजन से मैं इस नगर को आशीर्वाद दूँगा, यहाँ तक कि दीनों के पास खाने को भर—पूर होगा।
Je revêtirai de salut ses sacrificateurs, Et ses fidèles pousseront des cris de joie.
याजकोंको मैं उद्धार का वस्त्र पहनाऊँगा, और यहाँ मेरे भक्त बहुत प्रसन्न रहेंगे।
Là j'élèverai la puissance de David, Je préparerai une lampe à mon oint,
इस स्थान पर मैं दाऊद को सुदृढ करुँगा। मैं अपने चुने राजा को एक दीपक दूँगा।
Je revêtirai de honte ses ennemis, Et sur lui brillera sa couronne.
मैं दाऊद के शत्रुओं को लज्जा से ढक दूँगा और दाऊद का राज्य बढाऊँगा।”