أَلَسْتُمْ تَعْلَمُونَ أَنَّ الَّذِي تُقَدِّمُونَ ذَوَاتِكُمْ لَهُ عَبِيدًا لِلطَّاعَةِ، أَنْتُمْ عَبِيدٌ لِلَّذِي تُطِيعُونَهُ: إِمَّا لِلْخَطِيَّةِ لِلْمَوْتِ أَوْ لِلطَّاعَةِ لِلْبِرِّ؟
क्या तुम नहीं जानते कि जब तुम किसी की आज्ञा मानने के लिए अपने आप को दास के रूप में उसे सौंपते हो तो तुम दास हो। फिर चाहे तुम पाप के दास बनो, जो तुम्हें मार डालेगा और चाहे आज्ञाकारिता के, जो तुम्हें धार्मिकता की तरफ ले जायेगी।