الَّذِي يَهْتَمُّ بِالْيَوْمِ، فَلِلرَّبِّ يَهْتَمُّ. وَالَّذِي لاَ يَهْتَمُّ بِالْيَوْمِ، فَلِلرَّبِّ لاَ يَهْتَمُّ. وَالَّذِي يَأْكُلُ، فَلِلرَّبِّ يَأْكُلُ لأَنَّهُ يَشْكُرُ اللهَ. وَالَّذِي لاَ يَأْكُلُ فَلِلرَّبِّ لاَ يَأْكُلُ وَيَشْكُرُ اللهَ.
जो किसी विशेष दिन को मनाता है वह उसे प्रभु को आदर देने के लिए ही मनाता है। और जो सब कुछ खाता है वह भी प्रभु को आदर देने के लिये ही खाता है। क्योंकि वह परमेश्वर का धन्यवाद करता है। और जो किन्ही वस्तुओं को नहीं खाता, वह भी ऐसा इसलिए करता है क्योंकि वह भी प्रभु को आदर देना चाहता है। वह भी परमेश्वर को ही धन्यवाद देता है।