يَا أَيُّهَا الْمُفْتَرِسُ نَفْسَهُ فِي غَيْظِهِ، هَلْ لأَجْلِكَ تُخْلَى الأَرْضُ، أَوْ يُزَحْزَحُ الصَّخْرُ مِنْ مَكَانِهِ؟
अय्यूब, तू अपने क्रोध से अपनी ही हानि कर रहा है।
क्या लोग धरती बस तेरे लिये छोड़ दे? क्या तू यह सोचता है कि
बस तुझे तृप्त करने को परमेश्वर धरती को हिला देगा?