وَأَنْتَ فَتَنَبَّأْ عَلَيْهِمْ بِكُلِّ هذَا الْكَلاَمِ، وَقُلْ لَهُمْ: الرَّبُّ مِنَ الْعَلاَءِ يُزَمْجِرُ، وَمِنْ مَسْكَنِ قُدْسِهِ يُطْلِقُ صَوْتَهُ، يَزْأَرُ زَئِيرًا عَلَى مَسْكَنِهِ، بِهُتَافٍ كَالدَّائِسِينَ يَصْرُخُ ضِدَّ كُلِّ سُكَّانِ الأَرْضِ.
“यिर्मयाह, तुम उन्हें यह सन्देश दोगे: ‘यहोवा ऊँचे और पवित्र मन्दिर से गर्जना कर रहा है!
यहोवा अपनी चरागाह (लोग) के विरुद्ध चिल्लाकर कह रहा है!
उसकी चिल्लाहट वैसी ही ऊँची है,
जैसे उन लोगों की, जो अंगूरों को दाखमधु बनाने के लिये पैरों से कुचलते हैं।