Hebrews 12

لِذلِكَ نَحْنُ أَيْضًا إِذْ لَنَا سَحَابَةٌ مِنَ الشُّهُودِ مِقْدَارُ هذِهِ مُحِيطَةٌ بِنَا، لِنَطْرَحْ كُلَّ ثِقْل، وَالْخَطِيَّةَ الْمُحِيطَةَ بِنَا بِسُهُولَةٍ، وَلْنُحَاضِرْ بِالصَّبْرِ فِي الْجِهَادِ الْمَوْضُوعِ أَمَامَنَا،
क्योंकि हम साक्षियों की ऐसी इतनी बड़ी भीड़ से घिरे हुए हैं, जो हमें विश्वास का अर्थ क्या है इस की साक्षी देती है। इसलिए आओ बाधा पहुँचाने वाली प्रत्येक वस्तु को और उस पाप को जो सहज में ही हमें उलझा लेता है झटक फेंके और वह दौड़ जो हमें दौड़नी है, आओ धीरज के साथ उसे दौड़ें।
نَاظِرِينَ إِلَى رَئِيسِ الإِيمَانِ وَمُكَمِّلِهِ يَسُوعَ، الَّذِي مِنْ أَجْلِ السُّرُورِ الْمَوْضُوعِ أَمَامَهُ، احْتَمَلَ الصَّلِيبَ مُسْتَهِينًا بِالْخِزْيِ، فَجَلَسَ فِي يَمِينِ عَرْشِ اللهِ.
हमारे विश्वास के अगुआ और उसे सम्पूर्ण सिद्ध करने वाले यीशु पर आओ हम दृष्टि लगायें। जिसने अपने सामने उपस्थित आनन्द के लिए क्रूस की यातना झेली, उसकी लज्जा की कोई चिंता नहीं की और परमेश्वर के सिंहासन के दाहिने हाथ विराजमान हो गया।
فَتَفَكَّرُوا فِي الَّذِي احْتَمَلَ مِنَ الْخُطَاةِ مُقَاوَمَةً لِنَفْسِهِ مِثْلَ هذِهِ لِئَلاَّ تَكِلُّوا وَتَخُورُوا فِي نُفُوسِكُمْ.
उसका ध्यान करो जिसने पापियों का ऐसा विरोध इसलिए सहन किया ताकि थक कर तुम्हारा मन हार न मान बैठे।
لَمْ تُقَاوِمُوا بَعْدُ حَتَّى الدَّمِ مُجَاهِدِينَ ضِدَّ الْخَطِيَّةِ،
पाप के विरुद्ध अपने संघर्ष में तुम्हें इतना नहीं अड़ना पड़ा है कि अपना लहू ही बहाना पड़ा हो।
وَقَدْ نَسِيتُمُ الْوَعْظَ الَّذِي يُخَاطِبُكُمْ كَبَنِينَ:«يَا ابْنِي لاَ تَحْتَقِرْ تَأْدِيبَ الرَّبِّ، وَلاَ تَخُرْ إِذَا وَبَّخَكَ.
तुम उस साहसपूर्ण वचन को भूल गये हो। जो तुम्हेंपुत्र के नाते सम्बोधित है: “हे मेरे पुत्र, प्रभु के अनुशासन का तिरस्कार मत कर, उसकी फटकार का बुरा कभी मत मान,
لأَنَّ الَّذِي يُحِبُّهُ الرَّبُّ يُؤَدِّبُهُ، وَيَجْلِدُ كُلَّ ابْنٍ يَقْبَلُهُ».
क्योंकि प्रभु उनको डाँटता है जिनसे वह प्रेम करता है। वैसे ही जैसे पिता उस पुत्र को दण्ड देता, जो उसको अति प्रिय है।” नीतिवचन 3:11-12
إِنْ كُنْتُمْ تَحْتَمِلُونَ التَّأْدِيبَ يُعَامِلُكُمُ اللهُ كَالْبَنِينَ. فَأَيُّ ابْنٍ لاَ يُؤَدِّبُهُ أَبُوهُ؟
कठिनाई को अनुशासन के रूप में सहन करो। परमेश्वर तुम्हारे साथ अपने पुत्र के समान व्यवहार करता है। ऐसा पुत्र कौन होगा जिसे अपने पिता के द्वारा ताड़ना न दी गई हो?
وَلكِنْ إِنْ كُنْتُمْ بِلاَ تَأْدِيبٍ، قَدْ صَارَ الْجَمِيعُ شُرَكَاءَ فِيهِ، فَأَنْتُمْ نُغُولٌ لاَ بَنُونَ.
यदि तुम्हें वैसे ही ताड़ना नहीं दी गयी है जैसे सबको ताड़ना दी जाती है तो तुम अपने पिता से पैदा हुए पुत्र नहीं हो और सच्ची संतान नहीं हो।
ثُمَّ قَدْ كَانَ لَنَا آبَاءُ أَجْسَادِنَا مُؤَدِّبِينَ، وَكُنَّا نَهَابُهُمْ. أَفَلاَ نَخْضَعُ بِالأَوْلَى جِدًّا لأَبِي الأَرْوَاحِ، فَنَحْيَا؟
और फिर यह भी कि इन सब को वे पिता भी जिन्होंने हमारे शरीर को जन्म दिया है, हमें ताड़ना देते हैं। और इसके लिए हम उन्हें मान देते हैं तो फिर हमें अपनी आत्माओं के पिता के अनुशासन के तो कितना अधिक अधीन रहते हुए जीना चाहिए।
لأَنَّ أُولئِكَ أَدَّبُونَا أَيَّامًا قَلِيلَةً حَسَبَ اسْتِحْسَانِهِمْ، وَأَمَّا هذَا فَلأَجْلِ الْمَنْفَعَةِ، لِكَيْ نَشْتَرِكَ فِي قَدَاسَتِهِ.
हमारे पिताओं ने थोड़े से समय के लिए जैसा उन्होंने उत्तम समझा, हमें ताड़ना दी, किन्तु परमेश्वर हमें हमारी भलाई के लिये ताड़ना दी है, जिससे हम उसकी पवित्रता के सहभागी हो सकें।
وَلكِنَّ كُلَّ تَأْدِيبٍ فِي الْحَاضِرِ لاَ يُرَى أَنَّهُ لِلْفَرَحِ بَلْ لِلْحَزَنِ. وَأَمَّا أَخِيرًا فَيُعْطِي الَّذِينَ يَتَدَرَّبُونَ بِهِ ثَمَرَ بِرّ لِلسَّلاَمِ.
जिस समय ताड़ना दी जा रही होती है, उस समय ताड़ना अच्छी नहीं लगती, बल्कि वह दुखद लगती है किन्तु कुछ भी हो, वे जो ताड़ना का अनुभव करते हैं, उनके लिए यह आगे चलकर नेकी और शांति का सुफल प्रदान करता है।
لِذلِكَ قَوِّمُوا الأَيَادِيَ الْمُسْتَرْخِيَةَ وَالرُّكَبَ الْمُخَلَّعَةَ،
इसलिए अपनी दुर्बल बाहों और निर्बल घुटनों को सबल बनाओ।
وَاصْنَعُوا لأَرْجُلِكُمْ مَسَالِكَ مُسْتَقِيمَةً، لِكَيْ لاَ يَعْتَسِفَ الأَعْرَجُ، بَلْ بِالْحَرِيِّ يُشْفَى.
अपने पैरों के लिए मार्ग बना ताकि जो लँगड़ा है, वह अपंग नहीं, वरन चंगा हो जाए।
اِتْبَعُوا السَّلاَمَ مَعَ الْجَمِيعِ، وَالْقَدَاسَةَ الَّتِي بِدُونِهَا لَنْ يَرَى أَحَدٌ الرَّبَّ،
सभी के साथ शांति के साथ रहने और पवित्र होने के लिए हर प्रकार से प्रयत्नशील रहो; बिना पवित्रता के कोई भी प्रभु का दर्शन नहीं कर पायेगा।
مُلاَحِظِينَ لِئَلاَّ يَخِيبَ أَحَدٌ مِنْ نِعْمَةِ اللهِ. لِئَلاَّ يَطْلُعَ أَصْلُ مَرَارَةٍ وَيَصْنَعَ انْزِعَاجًا، فَيَتَنَجَّسَ بِهِ كَثِيرُونَ.
इस बात का ध्यान रखो कि परमेश्वर के अनुग्रह से कोई भी विमुख न हो जाए और तुम्हें कष्ट पहुँचाने तथा बहुत लोगों को विकृत करने के लिए कोई झगड़े की जड़ न फूट पड़े।
لِئَلاَّ يَكُونَ أَحَدٌ زَانِيًا أَوْ مُسْتَبِيحًا كَعِيسُو، الَّذِي لأَجْلِ أَكْلَةٍ وَاحِدَةٍ بَاعَ بَكُورِيَّتَهُ.
देखो कि कोई भी व्यभिचार न करे अथवा उस एसाव के समान परमेश्वर विहीन न हो जाये जिसे सबसे बड़ा पुत्र होने के नाते उत्तराधिकार पाने का अधिकार था किन्तु जिसने उसे बस एक निवाला भर खाना के लिए बेच दिया।
فَإِنَّكُمْ تَعْلَمُونَ أَنَّهُ أَيْضًا بَعْدَ ذلِكَ، لَمَّا أَرَادَ أَنْ يَرِثَ الْبَرَكَةَ رُفِضَ، إِذْ لَمْ يَجِدْ لِلتَّوْبَةِ مَكَانًا، مَعَ أَنَّهُ طَلَبَهَا بِدُمُوعٍ.
जैसा कि तुम जानते ही हो बाद में जब उसने इस वरदान को प्राप्त करना चाहा तो उसे अयोग्य ठहराया गया। यद्यपि उसने रो-रो कर वरदान पाना चाहा किन्तु वह अपने किये का पश्चाताप नहीं कर पाया।
لأَنَّكُمْ لَمْ تَأْتُوا إِلَى جَبَل مَلْمُوسٍ مُضْطَرِمٍ بِالنَّارِ، وَإِلَى ضَبَابٍ وَظَلاَمٍ وَزَوْبَعَةٍ،
तुम अग्नि से जलते हुए इस पर्वत के पास नहीं आये जिसे छुआ जा सकता था और न ही अंधकार, विषाद और बवंडर के निकट आये हो।
وَهُتَافِ بُوق وَصَوْتِ كَلِمَاتٍ، اسْتَعْفَى الَّذِينَ سَمِعُوهُ مِنْ أَنْ تُزَادَ لَهُمْ كَلِمَةٌ،
और न ही तुरही की तीव्र ध्वनि अथवा किसी ऐसे स्वर के सम्पर्क में आये जो वचनों का उच्चारण कर रही हो, जिससे जिन्होंने उसे सुना, प्रार्थना की कि उनके लिए किसी और वचन का उच्चारण न किया जाये।
لأَنَّهُمْ لَمْ يَحْتَمِلُوا مَا أُمِرَ بِهِ: «وَإِنْ مَسَّتِ الْجَبَلَ بَهِيمَةٌ، تُرْجَمُ أَوْ تُرْمَى بِسَهْمٍ».
क्योंकि जो आदेश दिया गया था, वे उसे झेल नहीं पाये: “यदि कोई पशु तक उस पर्वत को छुए तो उस पर पथराव किया जाये।” []
وَكَانَ الْمَنْظَرُ هكَذَا مُخِيفًا حَتَّى قَالَ مُوسَى:«أَنَا مُرْتَعِبٌ وَمُرْتَعِدٌ».
वह दृश्य इतना भयभीत कर डालने वाला था कि मूसा ने कहा, “मैं भय से थरथर काँप रहा हूँ।” []
بَلْ قَدْ أَتَيْتُمْ إِلَى جَبَلِ صِهْيَوْنَ، وَإِلَى مَدِينَةِ اللهِ الْحَيِّ. أُورُشَلِيمَ السَّمَاوِيَّةِ، وَإِلَى رَبَوَاتٍ هُمْ مَحْفِلُ مَلاَئِكَةٍ،
किन्तु तुम तो सिओन पर्वत, सजीव परमेश्वर की नगरी, स्वर्ग के यरूशलेम के निकट आ पहुँचे हो। तुम तो हज़ारों-हज़ार स्वर्गदूतों की आनन्दपूर्ण सभा,
وَكَنِيسَةُ أَبْكَارٍ مَكْتُوبِينَ فِي السَّمَاوَاتِ، وَإِلَى اللهِ دَيَّانِ الْجَمِيعِ، وَإِلَى أَرْوَاحِ أَبْرَارٍ مُكَمَّلِينَ،
परमेश्वर की पहली संतानों, जिनके नाम स्वर्ग में लिखे हैं, उनकी सभा के निकट पहुँच चुके हो। तुम सबके न्यायकर्ता परमेश्वर और उन धर्मात्मा, सिद्ध पुरुषों की आत्माओं,
وَإِلَى وَسِيطِ الْعَهْدِ الْجَدِيدِ، يَسُوعَ، وَإِلَى دَمِ رَشٍّ يَتَكَلَّمُ أَفْضَلَ مِنْ هَابِيلَ.
तथा एक नये करार के मध्यस्थ यीशु और छिड़के हुए उस लहू से निकट आ चुके हो जो हाबिल के लहू की अपेक्षा उत्तम वचन बोलता है।
اُنْظُرُوا أَنْ لاَ تَسْتَعْفُوا مِنَ الْمُتَكَلِّمِ. لأَنَّهُ إِنْ كَانَ أُولئِكَ لَمْ يَنْجُوا إِذِ اسْتَعْفَوْا مِنَ الْمُتَكَلِّمِ عَلَى الأَرْضِ، فَبِالأَوْلَى جِدًّا لاَ نَنْجُو نَحْنُ الْمُرْتَدِّينَ عَنِ الَّذِي مِنَ السَّمَاءِ!
ध्यान रहे! कि तुम उस बोलने वाले को मत नकारो। यदि वे उसको नकार कर नहीं बच पाये जिसने उन्हें धरती पर चेतावनी दी थी तो यदि हम उससे मुँह मोड़ेंगे जो हमें स्वर्ग से चेतावनी दे रहा है, तो हम तो दण्ड से बिल्कुल भी नहीं बच पायेंगे।
الَّذِي صَوْتُهُ زَعْزَعَ الأَرْضَ حِينَئِذٍ، وَأَمَّا الآنَ فَقَدْ وَعَدَ قَائِلاً:«إِنِّي مَرَّةً أَيْضًا أُزَلْزِلُ لاَ الأَرْضَ فَقَطْ بَلِ السَّمَاءَ أَيْضًا».
उसकी वाणी ने उस समय धरती को झकझोर दिया था किन्तु अब उसने प्रतिज्ञा की है, “एक बार फिर न केवल धरती को ही बल्कि आकाशों को भी मैं झकझोर दूँगा।”
فَقَوْلُهُ «مَرَّةً أَيْضًا» يَدُلُّ عَلَى تَغْيِيرِ الأَشْيَاءِ الْمُتَزَعْزِعَةِ كَمَصْنُوعَةٍ، لِكَيْ تَبْقَى الَّتِي لاَ تَتَزَعْزَعُ.
“एक बार फिर” ये शब्द उस हर वस्तु की ओर इंगित करते हैं जिसे रचा गया है (यानी वे वस्तुएँ जो अस्थिर हैं) वे नष्ट हो जायेंगी। केवल वे वस्तुएँ ही बचेंगी जो स्थिर हैं।
لِذلِكَ وَنَحْنُ قَابِلُونَ مَلَكُوتًا لاَ يَتَزَعْزَعُ لِيَكُنْ عِنْدَنَا شُكْرٌ بِهِ نَخْدِمُ اللهَ خِدْمَةً مَرْضِيَّةً، بِخُشُوعٍ وَتَقْوَى.
अतः क्योंकि जब हमें एक ऐसा राज्य मिल रहा है, जिसे झकझोरा नहीं जा सकता, तो आओ हम धन्यवादी बनें और आदर मिश्रित भय के साथ परमेश्वर की उपासना करें।
لأَنَّ «إِلهَنَا نَارٌ آكِلَةٌ».
क्योंकि हमारा परमेश्वर भस्म कर डालने वाली एक आग है।