فَقَالَ يَعْقُوبُ لِشَمْعُونَ وَلاَوِي: «كَدَّرْتُمَانِي بِتَكْرِيهِكُمَا إِيَّايَ عِنْدَ سُكَّانِ الأَرْضِ الْكَنْعَانِيِّينَ وَالْفِرِزِيِّينَ، وَأَنَا نَفَرٌ قَلِيلٌ. فَيَجْتَمِعُونَ عَلَيَّ وَيَضْرِبُونَنِي، فَأَبِيدُ أَنَا وَبَيْتِي».
किन्तु याकूब ने शिमोन और लेवी से कहा, “तुम लोगों ने मुझे बहुत कष्ट दिया है और इस प्रदेश के निवासियों के मन में घृणा उत्पन्न करायी। सभी कनानी और परिजी लोग हमारे विरुद्ध हो जाएँगे। यहाँ हम बहुत थोड़े हैं। यदि इस प्रदेश के लोग हम लोगों के विरुद्ध लड़ने के लिए इकट्ठे होंगे तो मैं नष्ट हो जाऊँगा और हमारे साथ हमारे सभी लोग नष्ट हो जाएंगे।”