وَقَالَ لآدَمَ: «لأَنَّكَ سَمِعْتَ لِقَوْلِ امْرَأَتِكَ وَأَكَلْتَ مِنَ الشَّجَرَةِ الَّتِي أَوْصَيْتُكَ قَائِلاً: لاَ تَأْكُلْ مِنْهَا، مَلْعُونَةٌ الأَرْضُ بِسَبَبِكَ. بِالتَّعَبِ تَأْكُلُ مِنْهَا كُلَّ أَيَّامِ حَيَاتِكَ.
तब यहोवा परमेश्वर ने मनुष्य से कहा,
“मैंने आज्ञा दी थी कि तुम विशेष पेड़ का फल न खाना।
किन्तु तुमने अपनी पत्नी की बातें सुनीं और तुमने उस पेड़ का फल खाया।
इसलिए मैं तुम्हारे कारण इस भूमि को शाप देता हूँ
अपने जीवन के पूरे काल तक उस भोजन के लिए जो धरती देती है।
तुम्हें कठिन मेहनत करनी पड़ेगी।