كَتَبْتُ إِلَيْكُمْ أَيُّهَا الآبَاءُ، لأَنَّكُمْ قَدْ عَرَفْتُمُ الَّذِي مِنَ الْبَدْءِ. كَتَبْتُ إِلَيْكُمْ أَيُّهَا الأَحْدَاثُ، لأَنَّكُمْ أَقْوِيَاءُ، وَكَلِمَةُ اللهِ ثَابِتَةٌ فِيكُمْ، وَقَدْ غَلَبْتُمُ الشِّرِّيرَ.
हे बच्चों, मैं तुम्हें लिख रहा हूँ,
क्योंकि तुम पिता को पहचान चुके हो।
हे पिताओ, मैं तुम्हें लिख रहा हूँ,
क्योंकि तुम जो सृष्टि के अनादि काल से
स्थित है, उसे जान गए हो।
हे नौजवानों, मैं तुम्हें लिख रहा हूँ, क्योंकि तुम शक्तिशाली हो,
परमेश्वर का वचन तुम्हारे भीतर निवास करता है
और तुमने उस दुष्ट आत्मा पर विजय पा ली है।