तब बिलाम ने बालाक से कहा, “इस वेदी के समीप ठहरो। मैं दूसरी जगह जाऊँगा। तब कदाचित यहोवा मेरे पास आएगा और बताएगा कि मैं क्या कहूँ।” तब बिलाम एक अधिक ऊँचे स्थान पर गया।
तब बिलाम ने ये बातें कंहीः
“मोआब के राजा बालाक ने
मुझे आराम से बुलाया पूर्व के पहाड़ों से।
बालाक ने मुझसे कहा
‘आओ और मेरे लिए याकूब के विरुद्ध कहो, आओ
और इस्राएल के लोगों के विरुद्ध कहो।’
याकूब के लोग बालू के कण से भी अधिक हैं।
इस्राएल के लोगों की चौथाई को भी
कोई गिन नहीं सकता।
मुझे एक अच्छे मनुष्य की तरह मरने दो,
मुझे उन लोगों की तरह ही मरने दो।”
बालाक ने बिलाम से कहा, “तुमने हमारे लिए क्या किया है मैंने तुमको अपने शत्रुओं के विरुद्ध कुछ कहने को बुलाया था। किन्तु तुमने उन्हीं को आशीर्वाद दिया है।”
तब बालाक ने उससे कहा, “इसलिए मेरे साथ दूसरे स्थान पर आओ। उस स्थान पर तुम लोगों को भी देख सकते हो। किन्तु तुम उनके एक भाग को ही देख सकते हो, सभी को नहीं देख सकते और उस स्थान से तुम मेरे लिए उनके विरुद्ध कुछ कह सकते हो।”
इसलिए बालाक बिलाम को सोपीम के मैदान में ले गया। यह पिसगा पर्वत की चोटी पर था। बालाक ने उस स्थान पर सात वेदियाँ बनाईं। तब बालाक ने हर एक वेदी पर बलि के रूप में एक बैल और एक मेढ़ा मारा।
परमेश्वर मनुष्य नहीं है,
वह झूठ नहीं बोलेगा;
परमेश्वर मनुष्य पुत्र नहीं,
उसके निर्णय बदलेंगे नहीं।
यदि यहोवा कहता है कि वह कुछ करेगा
तो वह अवश्य उसे करेगा।
यदि यहोवा वचन देता है
तो अपने वचन को अवश्य पूरा करेगा।
याकूब के लोगों में कोई दोष नहीं था।
इस्राएल के लोगों में कोई पाप नहीं था।
यहोवा उनका परमेश्वर है और वह उनके साथ है।
महाराजा (परमेश्वर) की वाणी उनके साथ है!
कोई जादुई शक्ति नहीं जो याकूब के लोगों को हरा सके।
याकूब के बारे में और इस्राएल के लोगों के विषय में भी
लोग यह कहेंगे:
‘परमेश्वर ने जो महान कार्य किये हैं उन पर ध्यान दो!’
वे लोग सिंह की तरह शक्तिशाली होंगे।
वे सिंह जैसे लड़ेंगे और यह सिंह कभी विश्राम नहीं करेगा,
जब तक वह शत्रु को खा नहीं डालता, और वह सिंह कभी विश्राम नहीं करेगा
जब तक वह उनका रक्त नहीं पीता जो उसके विरुद्ध हैं।”