तू दया से बातें कर यरूशलेम से!
यरूशलेम को बता दे,
‘तेरी दासता का समय अब पूरा हो चुका है।
तूने अपने अपराधों की कीमत दे दी है।’
यहोवा ने यरूशलेम के किये हुए पापों का दुगना दण्ड उसे दिया है!”
एक वाणी मुखरित हुई, उसने कहा, “बोलो!”
सो व्यक्ति ने पूछा, “मैं क्या कहूँ” वाणी ने कहा, “लोग सर्वदा जीवित नहीं रहेंगे।
वे सभी रेगिस्तान के घास के समान है।
उनकी धार्मिकता जंगली फूल के समान है।
हे, सिय्योन, तेरे पास सुसन्देश कहने को है,
तू पहाड़ पर चढ़ जा और ऊँचे स्वर से उसे चिल्ला!
यरूशलेम, तेरे पास एक सुसन्देश कहने को है।
भयभीत मत हो, तू ऊँचे स्वर में बोल!
यहूदा के सारे नगरों को तू ये बातें बता दे: “देखो, ये रहा तुम्हारा परमेश्वर!”
मेरा स्वामी यहोवा शक्ति के साथ आ रहा है।
वह अपनी शक्ति का उपयोग लोगों पर शासन करने में लगायेगा।
यहोवा अपने लोगों को प्रतिफल देगा।
उसके पास देने को उनकी मजदूरी होगी।
यहोवा अपने लोगों की वैसे ही अगुवाई करेगा जैसे कोई गड़ेरिया अपने भेड़ों की अगुवाई करता है।
यहोवा अपने बाहु को काम में लायेगा और अपनी भेड़ों को इकट्ठा करेगा।
यहोवा छोटी भेड़ों को उठाकर गोद में थामेगा, और उनकी माताऐं उसके साथ—साथ चलेंगी।
संसार परमेश्वर ने रचा: वह इसका शासक है
किसने अँजली में भर कर समुद्र को नाप दिया किसने हाथ से आकाश को नाप दिया
किसने कटोरे में भर कर धरती की सारी धूल को नाप दिया
किसने नापने के धागे से पर्वतों
और चोटियों को नाप दिया यह यहोवा ने किया था!
क्या यहोवा ने किसी से सहायता माँगी?
क्या यहोवा को किसी ने निष्पक्षता का पाठ पढ़ाया है?
क्या किसी व्यक्ति ने यहोवा को ज्ञान सिखाया है?
क्या किसी व्यक्ति ने यहोवा को बुद्धि से काम लेना सिखाया है? नहीं!
इन सभी बातों का यहोवा को पहले ही से ज्ञान है!
कुन्तु कुछ लोग ऐसे हैं जो पत्थर और लकड़ी की मूर्तियाँ बनाते हैं और उन्हें देवता कहते हैं।
एक कारीगर मूर्ति को बनाता है।
फिर दूसरा कारीगर उस पर सोना मढ़ देता है और उसके लिये चाँदी की जंजीरे बनता है!
सो वह व्यक्ति आधार के लिये एक विशेष प्रकार की लकड़ी चुनता है जो सड़ती नहीं है।
तब वह एक अच्छे लकड़ी चुनता है जो सड़ती नहीं है।
तब वह एक अच्छे लकड़ी के कारीगर को ढूँढता है।
वह कारीगर एक ऐसा “देवता” बनाता है जो ढुलकता नहीं है!
निश्चय ही, तुम सच्चाई जानते हो, बोलो निश्चय ही तुमने सुना है!
निश्चय ही बहुत पहले किसी ने तुम्हें बताया है! निश्चय ही तुम जानते हो कि धरती को किसने बनाया है!
यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है!
वही धरती के चक्र के ऊपर बैठता है!
उसकी तुलना में लोग टिड्डी से लगते हैं।
उसने आकाशों को किसी कपड़े के टुकड़े की भाँति खोल दिया।
उसने आकाश को उसके नीचे बैठने को एक तम्बू की भाँति तान दिया।
वे शासक ऐसे हैं जेसे वे पौधे जिन्हें धरती में रोपा गया हो,
किन्तु इससे पहले की वे अपनी जड़े धरती में जमा पाये,
परमेश्वर उन को बहा देता है
और वे सूख कर मर जाते हैं।
आँधी उन्हें तिनके सा उड़ा कर ले जाती है।
ऊपर आकाशों को देखो।
किसने इन सभी तारों को बनाया
किसने वे सभी आकाश की सेना बनाई
किसको सभी तारे नाम—बनाम मालूस हैं
सच्चा परमेश्वर बहुत ही सुदृढ़ और शक्तिशाली है
इसलिए कोई तारा कभी निज मार्ग नहीं भूला।
हे याकूब, यह सच है!
हे इस्राएल, तुझको इसका विश्वास करना चाहिए!
सो तू क्यों ऐसा कहता है कि “जैसा जीवन मैं जीता हूँ उसे यहोवा नहीं देख सकता!
परमेश्वर मुझको पकड़ नहीं पायेगा और न दण्ड दे पायेगा।”
सचमुच तूने सुना है और जानता है कि यहोवा परमेश्वर बुद्धिमान है।
जो कुछ वह जानता है उन सभी बातों को मनुष्य नहीं सीख सकता।
यहोवा कभी थकता नहीं,
उसको कभी विश्राम की आवश्यकता नहीं होती।
यहोवा ने ही सभी दूरदराज के स्थान धरती पर बनाये।
यहोवा सदा जीवित है।
किन्तु वे लोग जो यहोवा के भरोसे हैं फिर से शक्तिशाली बन जाते हैं।
जैसे किसी गरुड़ के फिर से पंख उग आते हैं।
ये लोग बिना विश्राम चाहे निरंतर दौड़ते रहते हैं।
ये लोग बिना थके चलते रहते हैं।