II Peter 1

यीशु मसीह के सेवक तथा प्रेरित शमौन पतरस की ओर से उन लोगों के नाम जिन्हें परमेश्वर से हमारे जैसा ही विश्वास प्राप्त है। क्योंकि हमारा परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह न्यायपूर्ण है।
Simon Petrus servus et apostolus Iesu Christi his qui coaequalem nobis sortiti sunt fidem in iustitia Dei nostri et salvatoris Iesu Christi
तुम परमेश्वर और हमारे प्रभु यीशु मसीह को जान चुके हो इसलिए तुम्हें परमेश्वर की कृपा और अनुग्रह अधिक से अधिक प्राप्त हो।
gratia vobis et pax adimpleatur in cognitione Domini nostri
अपने जीवन के लिए और परमेश्वर की सेवा के लिए जो कुछ हमें चाहिए, अपनी दिव्य शक्ति के द्वारा उसने सब कुछ हमें दिया है। क्योंकि हम उसे जानते हैं, जिसने अपनी धार्मिकता और महिमा के कारण हमें बुलाया है।
quomodo omnia nobis divinae virtutis suae quae ad vitam et pietatem donata est per cognitionem eius qui vocavit nos propria gloria et virtute
इन्हीं के द्वारा उसने हमें वे महान और अमूल्य वरदान दिये हैं, जिन्हें देने की उसने प्रतिज्ञा की थी ताकि उनके द्वारा तुम स्वयं परमेश्वर के समान हो जाओ और उस विनाश से बच जाओ जो लोगों की बुरी इच्छाओं के कारण इस जगत में स्थित है।
per quae maxima et pretiosa nobis promissa donavit ut per haec efficiamini divinae consortes naturae fugientes eius quae in mundo est concupiscentiae corruptionem
सो इसलिए अपने विश्वास में उत्तम गुणों को, उत्तम गुणों में ज्ञान को,
vos autem curam omnem subinferentes ministrate in fide vestra virtutem in virtute autem scientiam
ज्ञान में आत्मसंयम को, आत्मसंयम में धैर्य को, धैर्य में परमेश्वर की भक्ति को,
in scientia autem abstinentiam in abstinentia autem patientiam in patientia autem pietatem
भक्ति में भाईचारे को और भाईचारे में प्रेम को उदारता के साथ बढ़ाते चलो।
in pietate autem amorem fraternitatis in amore autem fraternitatis caritatem
क्योंकि यदि ये गुण तुममें हैं और उनका विकास हो रहा है तो वे तुम्हें कर्मशील और सफल बना देंगे तथा उनसे तुम्हें हमारे प्रभु यीशु मसीह का परिपूर्ण ज्ञान प्राप्त होगा
haec enim vobis cum adsint et superent non vacuos nec sine fructu vos constituent in Domini nostri Iesu Christi cognitione
किन्तु जिसमें ये गुण नहीं हैं, उसमें दूर-दृष्टि नहीं है, वह अन्धा है। तथा वह यह भूल चुका है कि उसके पूर्व पापों को धोया जा चुका है।
cui enim non praesto sunt haec caecus est et manu temptans oblivionem accipiens purgationis veterum suorum delictorum
इसलिए हे भाइयो, यह दिखाने के लिए और अधिक तत्पर रहो कि तुम्हें वास्तव में परमेश्वर द्वारा बुलाया गया है और चुना गया है क्योंकि यदि तुम इन बातों को करते हो तो न कभी ठोकर खाओगे और न ही गिरोगे,
quapropter fratres magis satagite ut per bona opera certam vestram vocationem et electionem faciatis haec enim facientes non peccabitis aliquando
और इस प्रकार हमारे प्रभु एवम् उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य में तुम्हें प्रवेश देकर परमेश्वर अपनी उदारता दिखायेगा।
sic enim abundanter ministrabitur vobis introitus in aeternum regnum Domini nostri et salvatoris Iesu Christi
इसी कारण मैं तुम्हें, यद्यपि तुम उन्हें जानते ही हो और जो सत्य तुम्हें मिला है, उस पर टिके भी हुए हो, इन बातों को सदा याद दिलाता रहूँगा।
propter quod incipiam vos semper commonere de his et quidem scientes et confirmatos in praesenti veritate
मैं जब तक इस काया में हूँ, तुम्हें याद दिलाकर सचेत करते रहने को उचित समझता हूँ।
iustum autem arbitror quamdiu sum in hoc tabernaculo suscitare vos in commonitione
क्योंकि मैं यह जानता हूँ कि मुझे अपनी इस काया को शीघ्र ही छोड़ देना है। जैसा कि हमारे प्रभु यीशु मसीह ने मुझे समझाया है।
certus quod velox est depositio tabernaculi mei secundum quod et Dominus noster Iesus Christus significavit mihi
इसलिए मैं हर प्रयत्न करूँगा कि मेरे मर जाने के बाद भी तुम इन बातों को सदा याद कर सको।
dabo autem operam et frequenter habere vos post obitum meum ut horum memoriam faciatis
जब हमारे प्रभु यीशु मसीह के समर्थ आगमन के विषय में हमने तुम्हें बताया था, तब चतुरतापूर्वक गढ़ी हुई कहानियों का सहारा नहीं लिया था क्योंकि हम तो उसकी महानता के स्वयं साक्षी हैं।
non enim doctas fabulas secuti notam fecimus vobis Domini nostri Iesu Christi virtutem et praesentiam sed speculatores facti illius magnitudinis
जब परमपिता परमेश्वर से उसने सम्मान और महिमा प्राप्त की तो उस दिव्य-महिमा से विशिष्ट वाणी प्रकट हुई, “यह मेरा प्रिय पुत्र है, मैं इससे प्रसन्न हूँ।”
accipiens enim a Deo Patre honorem et gloriam voce delapsa ad eum huiuscemodi a magnifica gloria hic est Filius meus dilectus in quo mihi conplacui
हमने आकाश से आयी वह वाणी सुनी थी। तब हम पवित्र पर्वत पर उसके साथ ही थे।
et hanc vocem nos audivimus de caelo adlatam cum essemus cum ipso in monte sancto
हमें भी नबियों के वचन पर और अधिक आस्था हुई। इस पर ध्यान देकर तुम भी अच्छा कर रहे हो क्योंकि यह तो एक प्रकाश है, जो एक अन्धेरे स्थान में तब तक चमक रहा है जब तक पौ फटती है और तुम्हारे हृदयों में भोर के तारे का उदय होता है।
et habemus firmiorem propheticum sermonem cui bene facitis adtendentes quasi lucernae lucenti in caliginoso loco donec dies inlucescat et lucifer oriatur in cordibus vestris
किन्तु सबसे बड़ी बात यह है कि तुम्हें यह जान लेना चाहिए कि शास्त्र की कोई भी भविष्यवाणी किसी नबी के निजी विचारों का परिणाम नहीं है,
hoc primum intellegentes quod omnis prophetia scripturae propria interpretatione non fit
क्योंकि कोई मनुष्य जो कहना चाहता है, उसके अनुसार भविष्यवाणी नहीं होती। बल्कि पवित्र आत्मा की प्रेरणा से मनुष्य परमेश्वर की वाणी बोलते हैं।
non enim voluntate humana adlata est aliquando prophetia sed Spiritu Sancto inspirati locuti sunt sancti Dei homines