“मनुष्य के पुत्र, मिस्र के राजा के विषय में यह करुणगीत गाओ। उससे कहो:
“‘तुमने सोचा था तुम शक्तिशाली युवा सिंह हो, राष्ट्रों में गर्व सहित टहलते हुए।
किन्तु सचमुच समुद्र के दैत्य जैसे हो।
तुम प्रवाह को धकेल कर रास्ता बनाते हो,
और अपने पैरों से जल को मटमैला करते हो।
तुम मिस्र की नदियों को उद्वेलित करते हो।’”
Fils de l'homme, Prononce une complainte sur Pharaon, roi d'Egypte! Tu lui diras: Tu ressemblais à un lionceau parmi les nations; Tu étais comme un crocodile dans les mers, Tu t'élançais dans tes fleuves, Tu troublais les eaux avec tes pieds, Tu agitais leurs flots.