वे उसके पास आये और बोले, “गुरु, हम जानते हैं कि तू बहुत ईमानदार है और तू इस बात की तनिक भी परवाह नहीं करता कि दूसरे लोग क्या सोचते हैं। क्योंकि तू मनुष्यों की है सियत या रुतवे पर ध्यान दिये बिना प्रभु के मार्ग की सच्ची शिक्षा देता है। सो बता कैसर को कर देना उचित है या नहीं? हम उसे कर चुकायें या न चुकायें?”
آنها نزد او آمده گفتند: «ای استاد میدانیم كه تو شخص درستی هستی و از كسی طرفداری نمیکنی، چون به ظاهر اشخاص نگاه نمیکنی بلكه با راستی، راه خدا را تعلیم میدهی. آیا دادن مالیات به امپراتور روم جایز است یا خیر؟ آیا باید مالیات بدهیم یا نه؟»