Psalms 56

हे परमेश्वर, मुझ पर करूणा कर क्योंकि लोगों ने मुझ पर वार किया है। वे रात दिन मेरा पीछा कर रहे हैं, और मेरे साथ इगड़ा कर रहे हैं।
اِرْحَمْنِي يَا اَللهُ لأَنَّ الإِنْسَانَ يَتَهَمَّمُنِي، وَالْيَوْمَ كُلَّهُ مُحَارِبًا يُضَايِقُنِي.
मेरे शत्रु सारे दिन मुझ पर वार करते रहे। वहाँ पर डटे हुए अनगिनत योद्धा हैं।
تَهَمَّمَنِي أَعْدَائِي الْيَوْمَ كُلَّهُ، لأَنَّ كَثِيرِينَ يُقَاوِمُونَنِي بِكِبْرِيَاءَ.
जब भी डरता हूँ, तो मैं तेरा ही भरोसा करता हूँ।
فِي يَوْمِ خَوْفِي، أَنَا عَلَيْكَ أَتَّكِلُ.
मैं परमेश्वर के भरोसे हूँ, सो मैं भयभीत नहीं हूँ। लोग मुझको हानि नहीं पहुँचा सकते! मैं परमेश्वर के वचनों के लिए उसकी प्रशंसा करता हूँ जो उसने मुझे दिये।
اَللهُ أَفْتَخِرُ بِكَلاَمِهِ. عَلَى اللهِ تَوَكَّلْتُ فَلاَ أَخَافُ. مَاذَا يَصْنَعُهُ بِي الْبَشَرُ؟
मेरे शत्रु सदा मेरे शब्दों को तोड़ते मरोड़ते रहते हैं। मेरे विरूद्ध वे सदा कुचक्र रचते रहते हैं।
الْيَوْمَ كُلَّهُ يُحَرِّفُونَ كَلاَمِي. عَلَيَّ كُلُّ أَفْكَارِهِمْ بِالشَّرِّ.
वे आपस में मिलकर और लुक छिपकर मेरी हर बात की टोह लेते हैं। मेरे प्राण हरने की कोई राह सोचते हैं।
يَجْتَمِعُونَ، يَخْتَفُونَ، يُلاَحِظُونَ خُطُواتِي عِنْدَمَا تَرَصَّدُوا نَفْسِي.
हे परमेश्वर, उन्हें बचकर निकलने मत दे। उनके बुरे कामों का दण्ड उन्हें दे।
عَلَى إِثْمِهِمْ جَازِهِمْ. بِغَضَبٍ أَخْضِعِالشُّعُوبَ يَا اَللهُ.
तू यह जानता है कि मैं बहुत व्याकुल हूँ। तू यह जानता है कि मैंने तुझे कितना पुकारा है तूने निश्चय ही मेरे सब आँसुओं का लेखा जोखा रखा हुआ है।
تَيَهَانِي رَاقَبْتَ. اجْعَلْ أَنْتَ دُمُوعِي فِي زِقِّكَ. أَمَا هِيَ فِي سِفْرِكَ؟
सो अब मैं तुझे सहायता पाने को पुकारुँगा। मेरे शत्रुओं को तू पराजित कर दे। मैं यह जानता हूँ कि तू यह कर सकता है। क्योंकि तू परमेश्वर है!
حِينَئِذٍ تَرْتَدُّ أَعْدَائِي إِلَى الْوَرَاءِ فِي يَوْمٍ أَدْعُوكَ فِيهِ. هذَا قَدْ عَلِمْتُهُ لأَنَّ اللهَ لِي.
मैं परमेश्वर का गुण उसके वचनों के लिए गाता हूँ। मैं परमेश्वर के गुणों को उसके उस वचन के लिये गाता हूँ जो उसने मुझे दिया है।
اَللهُ أَفْتَخِرُ بِكَلاَمِهِ. الرَّبُّ أَفْتَخِرُ بِكَلاَمِهِ.
मुझको परमेश्वर पर भरोसा है, इसलिए मैं नहीं डरता हूँ। लोग मेरा बुरा नहीं कर सकते!
عَلَى اللهِ تَوَكَّلْتُ فَلاَ أَخَافُ. مَاذَا يَصْنَعُهُ بِي الإِنْسَانُ؟
हे परमेश्वर, मैंने जो तेरी मन्नतें मानी है, मैं उनको पूरा करुँगा। मैं तुझको धन्यवाद की भेंट चढ़ाऊँगा।
اَللَّهُمَّ، عَلَيَّ نُذُورُكَ. أُوفِي ذَبَائِحَ شُكْرٍ لَكَ.
क्योंकि तूने मुझको मृत्यु से बचाया है। तूने मुझको हार से बचाया है। सो मैं परमेश्वर की आराधना करूँगा, जिसे केवल जीवित व्यक्ति देख सकते हैं।
لأَنَّكَ نَجَّيْتَ نَفْسِي مِنَ الْمَوْتِ. نَعَمْ، وَرِجْلَيَّ مِنَ الزَّلَقِ، لِكَيْ أَسِيرَ قُدَّامَ اللهِ فِي نُورِ الأَحْيَاءِ.