وَكَمَا يَكُونُ الشَّعْبُ هكَذَا الْكَاهِنُ. كَمَا الْعَبْدُ هكَذَا سَيِّدُهُ. كَمَا الأَمَةُ هكَذَا سَيِّدَتُهَا. كَمَا الشَّارِي هكَذَا الْبَائِعُ. كَمَا الْمُقْرِضُ هكَذَا الْمُقْتَرِضُ. وَكَمَا الدَّائِنُ هكَذَا الْمَدْيُونُ.
उस समय, हर किसी के साथ एक जैसी घटनाएँ घटेगी, साधारण मनुष्य और याजक एक जैसे हो जायेंगे। स्वामी और सेवक एक जैसे हो जायेंगे। दासियाँ और उनकी स्वामिनियाँ एक समान हो जायेंगी। मोल लेने वाले और बेचने वाले एक जैसे हो जायेंगे। कर्जा लेने वाले और कर्जा देने वाले लोग एक जैसे हो जायेंगे। धनवान और ऋणी लोग एक जैसे हो जायेंगे।