Θυσιασον εις τον Θεον θυσιαν αινεσεως, και αποδος εις τον Υψιστον τας ευχας σου
सचमुच जिस बलि की परमेश्वर को अपेक्षा है, वह तुम्हारी स्तुति है। तुम्हारी मनौतियाँ उसकी सेवा की हैं।
सो परमेश्वर को निज धन्यवाद की भेटें चढ़ाओ। उस सर्वोच्च से जो मनौतियाँ की हैं उसे पूरा करो।
Ταυτα επραξας, και εσιωπησα υπελαβες οτι ειμαι τω οντι ομοιος σου θελω σε ελεγξει, και θελω παραστησει παντα εμπροσθεν των οφθαλμων σου.
तुम बुरे कर्म करते हो, और तुम सोचते हो मुझे चुप रहना चाहिए।
तुम कुछ नहीं कहते हो और सोचते हो कि मुझे चुप रहना चहिए।
देखो, मैं चुप नहीं रहूँगा, तुझे स्पष्ट कर दूँगा।
तेरे ही मुख पर तेरे दोष बताऊँगा।
Ο προσφερων θυσιαν αινεσεως, ουτος με δοξαζει και εις τον ευθετουντα την οδον αυτου θελω δειξει την σωτηριαν του Θεου.
यदि कोई व्यक्ति मेरी स्तुति और धन्यवादों की बलि चढ़ाये, तो वह सचमुच मेरा मान करेगा।
यदि कोई व्यक्ति अपना जीवन बदल डाले तो उसे मैं परमेश्वर की शक्ति दिखाऊँगा जो बचाती है।”