[] Ne kadar ters düşünceler!
Çömlekçi balçıkla bir tutulur mu?
Yapı, kendini yapan için,
“Beni o yapmadı” diyebilir mi?
Çömlek kendine biçim veren için,
“O bir şeyden anlamaz” diyebilir mi?
तुम भ्रम में पड़े हो। तुम सोचा करते हो, कि मिट्टी कुम्हार के बराबर है। तुम सोचा करते हो कि कृति अपने कर्ता से कह सकती है “तूने मेरी रचना नहीं की है!” यह वैसा ही है, जैसे घड़े का अपने बनाने वाले कुम्हार से यह कहना, “तू समझता नहीं है तू क्या कर रहा है।”