وَقَالَ لِي: «مَاذَا تَرَى؟» فَقُلْتُ: «قَدْ نَظَرْتُ وَإِذَا بِمَنَارَةٍ كُلُّهَا ذَهَبٌ، وَكُوزُهَا عَلَى رَأْسِهَا، وَسَبْعَةُ سُرُجٍ عَلَيْهَا، وَسَبْعُ أَنَابِيبَ لِلسُّرْجِ الَّتِي عَلَى رَأْسِهَا.
तब दूत ने पूछा, “तुम क्या देखते हो?” मैंने कहा, “मैं एक ठोस सोने का दीवाधार देखता हूँ। उस दीपाधार पर सात दीप हैं और दीपाधार के ऊपरी सिरे पर एक प्याला है। प्याले में से सात नल निकल रहे हैं। हर एक नल हर एक दीप तक जा रहा है। वे नल तेल को हर एक दीप के प्याले तक लाते हैं।