فَاسْمَعْ يَا يَهُوشَعُ الْكَاهِنُ الْعَظِيمُ أَنْتَ وَرُفَقَاؤُكَ الْجَالِسُونَ أَمَامَكَ، لأَنَّهُمْ رِجَالُ آيَةٍ، لأَنِّي هأَنَذَا آتِي بِعَبْدِي «الْغُصْنِ».
अत: यहोशू, तुम्हें और तुम्हारे साथ के लोगों को मेरी बातें सुननी होंगी।
तुम महायाजक हो, और तम्हारे साथ के लोग दूसरों के समक्ष एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं
और मैं सच ही, अपने विशेष सेवक को लाऊँगा,
उसे शाख कहते हैं।