وَجَمِيعُ إِسْرَائِيلَ وَشُيُوخُهُمْ، وَالْعُرَفَاءُ وَقُضَاتُهُمْ، وَقَفُوا جَانِبَ التَّابُوتِ مِنْ هُنَا وَمِنْ هُنَاكَ مُقَابِلَ الْكَهَنَةِ اللاَّوِيِّينَ حَامِلِي تَابُوتِ عَهْدِ الرَّبِّ. الْغَرِيبُ كَمَا الْوَطَنِيُّ. نِصْفُهُمْ إِلَى جِهَةِ جَبَلِ جِرِزِّيمَ، وَنِصْفُهُمْ إِلَى جِهَةِ جَبَلِ عِيبَالَ، كَمَا أَمَرَ مُوسَى عَبْدُ الرَّبِّ أَوَّلاً لِبَرَكَةِ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ.
अग्रज (नेता), अधिकारी, न्यायाधीश और इस्राएल के सभी लोग पवित्र सन्दूक के चारों ओर खड़े थे। वे उन लेवीवंशी याजकों के सामने खड़े थे, जो यहोवा के साक्षीपत्र के पवित्र सन्दूक को ले चलते थे। इस्राएली और गैर इस्राएली सभी लोग वहाँ खड़े थे। आधे लोग एबाल पर्वत के सामने खड़े थे और अन्य आधे लोग गिरिज्जीम पर्वत के सामने खड़े थे। यहोवा के सेवक मूसा ने उनसे ऐसा करने को कहा था। मूसा ने उनसे ऐसा करने को इस आशीर्वाद के लिए कहा था।