وَلكِنْ قَبْلَ كُلِّ شَيْءٍ يَا إِخْوَتِي، لاَ تَحْلِفُوا، لاَ بِالسَّمَاءِ، وَلاَ بِالأَرْضِ، وَلاَ بِقَسَمٍ آخَرَ. بَلْ لِتَكُنْ نَعَمْكُمْ نَعَمْ، وَلاَكُمْ لاَ، لِئَلاَّ تَقَعُوا تَحْتَ دَيْنُونَةٍ.
हे मेरे भाईयों, सबसे बड़ी बात यह है कि स्वर्ग की अथवा धरती की या किसी भी प्रकार की कसमें खाना छोड़ो। तुम्हारी “हाँ”, हाँ होनी चाहिए, और “ना” ना होनी चाहिए। ताकि तुम पर परमेश्वर का दण्ड न पड़े।