لأَنَّهُ هكَذَا قَالَ الْعَلِيُّ الْمُرْتَفِعُ، سَاكِنُ الأَبَدِ، الْقُدُّوسُ اسْمُهُ: «فِي الْمَوْضِعِ الْمُرْتَفِعِ الْمُقَدَّسِ أَسْكُنُ، وَمَعَ الْمُنْسَحِقِ وَالْمُتَوَاضِعِ الرُّوحِ، لأُحْيِيَ رُوحَ الْمُتَوَاضِعِينَ، وَلأُحْيِيَ قَلْبَ الْمُنْسَحِقِينَ.
वह जो ऊँचा है और जिसको ऊपर उठाया गया है,
वह जो अमर है,
वह जिसका नाम पवित्र है,
वह यह कहता है, “एक ऊँचे और पवित्र स्थान पर रहा करता हूँ,
किन्तु मैं उन लोगों के बीच भी रहता हूँ जो दु:खी और विनम्र हैं।
ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं।
ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं।
ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो हृदय से दु:खी हैं।