سَمِعْتُ فَارْتَعَدَتْ أَحْشَائِي. مِنَ الصَّوْتِ رَجَفَتْ شَفَتَايَ. دَخَلَ النَّخْرُ فِي عِظَامِي، وَارْتَعَدْتُ فِي مَكَانِي لأَسْتَرِيحَ فِي يَوْمِ الضَِّيقِ، عِنْدَ صُعُودِ الشَّعْبِ الَّذِي يَزْحَمُنَا.
मैंने ये बातें सुनी और मेरी देह काँप उठी।
जब मैंने महा—नाद सुनी, मेरे होंठ फड़फड़ाने लगे!
मेरी हड्डियाँ दुर्बल हुई, मेरी टाँगे काँपने लगीं।
इसीलिये धैर्य के साथ मैं उस विनाश के दिन की बाट जोहूँगा।
ऐसे उन लोगों पर जो हम पर आक्रमण करते हैं, वह दिन उतर रहा है।