ثُمَّ أَجَابَ حَزَقِيَّا وَقَالَ: «الآنَ مَلأْتُمْ أَيْدِيَكُمْ لِلرَّبِّ. تَقَدَّمُوا وَأْتُوا بِذَبَائِحَ وَقَرَابِينِ شُكْرٍ لِبَيْتِ الرَّبِّ». فَأَتَتِ الْجَمَاعَةُ بِذَبَائِحَِ وَقَرَابِينِ شُكْرٍ، وَكُلُّ سَمُوحِ الْقَلْبِ أَتَى بِمُحْرَقَاتٍ.
हिजकिय्याह ने कहा, “यहूदा के लोगो, अब तुम लोग स्वयं को यहोवा को अर्पित कर चुके हो। निकट आओ, बलि और धन्यवाद की भेंट यहोवा के मन्दिर में लाओ।” तब लोग बलि और धन्यवाद की भेंट लाये। कोई व्यक्ति, जो चाहता था, वह होमबलि भी लाया।