إِنْ قَالَ أَحَدٌ:«إِنِّي أُحِبُّ اللهَ» وَأَبْغَضَ أَخَاهُ، فَهُوَ كَاذِبٌ. لأَنَّ مَنْ لاَ يُحِبُّ أَخَاهُ الَّذِي أَبْصَرَهُ، كَيْفَ يَقْدِرُ أَنْ يُحِبَّ اللهَ الَّذِي لَمْ يُبْصِرْهُ؟
यदि कोई कहता है, “मैं परमेश्वर को प्रेम करता हूँ,” और अपने भाई से घृणा करता है तो वह झूठा है। क्योंकि अपने उस भाई को, जिसे उसने देखा है, जब वह प्रेम नहीं करता, तो परमेश्वर को जिसे उसने देखा ही नहीं है, वह प्रेम नहीं कर सकता।