सूर्य प्रफुल्ल हुए दुल्हे सा अपने शयनकक्षा से निकलता है।
सूर्य अपनी राह पर आकाश को पार करने निकल पड़ता है,
जैसे कोई खिलाड़ी अपनी दौड़ पूरी करने को तत्पर हो।
अम्बर के एक छोर से सूर्य चल पड़ता है
और उस पार पहुँचने को, वह सारी राह दौड़ता ही रहता है।
ऐसी कोई वस्तु नहीं जो अपने को उसकी गर्मी से छुपा ले। यहोवा के उपदेश भी ऐसे ही होते है।
यहोवा की शिक्षायें सम्पूर्ण होती हैं,
ये भक्त जन को शक्ति देती हैं।
यहोवा की वाचा पर भरोसा किया जा सकता हैं।
जिनके पास बुद्धि नहीं है यह उन्हैं सुबुद्धि देता है।
हे यहोवा, मुझे उन पापों को करने से बचा जिन्हें मैं करना चाहता हूँ।
उन पापों को मुझ पर शासन न करने दे।
यदि तू मुझे बचाये तो मैं पवित्र और अपने पापों से मुक्त हो सकता हूँ।