चार हजार लेवीवंसी द्वारपाल होंगे और चार हाजार लेवीवंशी संगीतज्ञ होंगे। मैंने उनके लिये विशेष वाद्य बनाए हैं। वे उन वाद्यों का उपयोग यहोवा की स्तुति के लिये करेंगे।”
अम्राम के पुत्र हारून और मूसा थे। हारून अति विशेष होने के लिये चुना गया था। हारून और उसके वंशज सदा सदा के लिये विशेष होने को चुने गए थे। वे यहोवा की सेवा के लिये पवित्र चीजें बनाने के लिये चुने गए थे। हारून और उसके वंशज यहोवा के सामने सुगन्धि जलाने के लिये चुने गए थे। वे यहोवा की सेवा याजक के रूप में करने के लिये चुने गए थे। वे यहोवा के नाम का उपयोग करने और लोगों को आशीर्वाद देने के लिये सदा के लिये चुने गए थे।
लेवी के वंशज ये थे। वे अपने परिवार के अनुसार सूची में अंकित थे। वे परिवारों के प्रमुख थे। हर एक व्यक्ति का नाम सूची में अंकित था। जो सूची में अंकित थे, वे बीस वर्ष के या उससे ऊपर के थे। वे यहोवा के मन्दिर में सेवा करते थे।
दाऊद के अन्तिम निर्देश इस्राएल के लोगों के लिये, लेवी के परिवार समूह के वंशजों को गिनना था। उन्होंने लेवीवंशियों के बीस वर्ष और उससे ऊपर के व्यक्तियों को गिना।
लेवीवंशियों का काम हारून के वंशजों को यहोवा के मन्दिर में सेवा कार्य करने में सहायता करना था। लेवीवंशी मन्दिर के आँगन और बगल के कमरों की भी देखभाल करते थे। उनका काम सभी पवित्र चीजों को शुद्ध करने का था। उनका काम यह भी था कि परमेश्वर के मन्दिर में सेवा करें।
मन्दिर में विशेष रोटी को मेज पर रखने का उत्तरदायित्व उनका ही था। वे आटा, अन्नबलि और अखमीरी रोटी के लिये भी उत्तरदायी थे। वे पकाने की कढ़ाईयों और मिश्रित भेंटों के लिये भी उत्तरदायी थे। वे सारा नाप तौल का काम करते थे।
लेवीवंशी यहोवा को सभी होमबलियाँ विश्राम के विशेष दिनों, नवचन्द्र उत्सवों और सभी अन्य विशेष पर्व के दिनों,पर तैयार करते थे। वे यहोवा के सामने प्रतिदिन सेवा करते थे। कितने लेवीवंशी हर बार सेवा करेंगे उसके लिये विशेष नियम थे।
अतः लेवीवंशी वे सब काम करते थे। जिनकी आशा उनसे की जाती थी। वे पवित्र तम्बू की देखभाल करते थे वे पवित्र स्थान की देखभाल करते थे और वे अपने सम्बन्धियों हारून के वंशज याजकों को सहायता देते थे। लेवीवंशी यहोवा के मन्दिर में सेवा करके याजकों की सेवा करते थे।